लाइकेन (Lichens) एक प्रकार के मिश्र जीव (Composite organisms) हैं जो कि एक कवक (एस्कोमाइसिटीज अथवा बैसिडियोमाइसिटीज) तथा शैवाल (प्राय: सायनोबक्टीरिया) की एक या दो जातियों के साहचर्य के परिणामस्वरूप बनते हैं. लाइकेन के कवक घटक को mycobiont तथा शैवाल के घटक को phycobiont कहते हैं. दोनों घटक परस्पर इस प्रकार रहते है कि एक ही सूकाय (thallus) बना लेते है और एक ही जीवधारी की तरह व्यवहार करते हैं.
लाइकेन कहां पाए जाते हैं?
लाइकेन विश्व्यापी है. ये विभिन्न स्थानों तथा आधारों पर जैसे, पेड़ों के तनों, दीवारों, चट्टानों व मृदा आदि पर पाए जाते हैं. उए समुद्र के किनारों से लेकर पहाड़ों के ऊचें शिखर तक स्थित होते हैं. परन्तु वर्षा प्रचुर उष्णकटिबंधीय वनों में ये बहुतायात में पाए जाते हैं.
लाइकेन वातावरण के लिए महत्वपूर्ण क्यों हैं?
Source: www.lichen.com
- इनमें चट्टानों का क्षरण करके खनिजों को अलग करने की क्षमता होती है. इसलिए ये खाली चट्टानों पर भी उग जाते है.
- इनकी मृत्यु व विघटन से वहां खनिज तथा कार्बनिक पदार्थों की तह बन जाती है जिस पर अन्य पौधे उग सकते हैं. इस प्रकार ये चट्टानों पर अन्य पौधों के लिए समुचित परिस्थितियां उत्पन्न करते है.
- टुण्ड्रा प्रदेशों में तो लाइकेन अत्यधिक प्रचुरता में उपलब्ध होते हैं.
- मिट्टी के निर्माण के लिए भी ये योगदान करते हैं.
- लाइकेन नाइट्रोजन को फिक्स करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. शैवाल के साथ अपने सहयोग के कारण, लाइकेन हवा में मौजूद नाइट्रोजन को नाइट्रेट में परिवर्तित करने में सक्षम होते हैं, जिससे उनका विकास होता है.
- लाइकेन को स्वच्छ हवा की जरुरत होती है. ये प्रदुषण को बर्दाश नही कर पाते है. लाइकेन कार्बन डाइऑक्साइड और भारी धातुओं सहित हवा से सब कुछ अवशोषित करते हैं. वैज्ञानिक लाइकेन की मदद से क्षेत्र में वायु प्रदूषण के स्तर को निर्धारित कर सकते हैं और अगर किसी एक साइट पर लाइकेन हानिकारक प्रदूषण के कारण मर रहे हो तो इसे प्रारंभिक चेतावनी या संकेत समझा जा सकता है कि उस जगह पर प्रदुषण का स्तर बढ़ रहा है.
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Mycobiont व phycobiont के बीच साहचर्य की प्रक्रति (NAture of association between the mycobiont and the phycobiont)
जीव वैज्ञानिकों के अनुसार लाइकेन थैलस एक प्रकार से परस्पर सहजीविता का उदाहरण है. शैवाल द्वारा कवक को भोजन की आपूर्ति की जाती है. बदले में कवक द्वारा शैवाल को सुरक्षा, जल, नाइट्रोजन वाले पदार्थ एवं खनिज लवण प्रदान किए जाते हैं.
लाइकेनों का आर्थिक महत्व क्या हैं?
- लाइकेन विशेषकर क्रस्टोज लाइकेन, चट्टानों का क्षरण करके उन्हें मृदा में परिवर्तित कर देते है. इनकी मृत्यु के बाद इनके थैलस विघटित होकर कार्बनिक पदार्थ बनाते हैं जो इन चट्टान के खनिज लवणों के साथ मिश्रित होकर मृदा बनाते हैं जिसमें अन्य पौधें उग सकते है.
- सल्फर डाइऑक्साइड की सूक्ष्म मात्राओं की इनकी वृद्धि पर फर्क पड़ता है. अत: ये वायु प्रदुषण के अच्छे सूचक होते हैं. प्रदूषित क्षेत्रों में ये विलुप्त हो जाते हैं.
- कुछ लाइकेन जैसे स्टोन मशरूम खाने में काम आते है.
- लाइकेनों में विद्धमान लाइकेनिन व अन्य रसायनिक पदार्थों को दवाइयों के रूप में प्रयोग किया जाता है.
- क्या आप जानते है कि perfumes भी लाइकेन से बनती हैं; जैसे कि रैमेलाइना से.
ऐसा कहना गलत नहीं होगा की लाइकेन ऐसा जीव है जो कि वातावरण के लिए महत्वपूर्ण है ही साथ ही इसका आर्थिक महत्व भी है.
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