मनोज कुमार भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेताओं में से एक हैं। हालांकि, 4 अप्रैल, 2025 को उन्होंने हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह दिया। अपने पीछे सिनेमा जगत में वह एक सफल एक्टर और फिल्ममेकर की विरासत छोड़ गए हैं।
उन्हें हिंदी सिनेमा में दिए गए अपने सहयोग के लिए हमेशा याद रखा जाएगा, जिनमें उन्होंने अपने किरदारों से लोगों के दिलों में जगह बनाई। मनोज कुमार को हिंदी सिनेमा का भारत कुमार भी कहा जाता है। हालांकि, ऐसी क्या वजह है, जिससे उन्हें हिंदी सिनेमा का भारत कुमार कहा जाता है, हम इस लेख में जानेंगे।
अभिनेता मनोज कुमार का परिचय
मनोज कुमार हिन्दी सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता, निर्देशक और पटकथा लेखक हैं, जिनका असली नाम हरिकृष्ण गिरि गोस्वामी है। उनका जन्म 24 जुलाई 1937 को अब पाकिस्तान के एबटाबाद (तब भारत) में हुआ था। देश के विभाजन के बाद उनका परिवार दिल्ली आ गया।
किन फिल्मों के लिए याद किए जाते हैं मनोज कुमार
मनोज कुमार को विशेष रूप से देशभक्ति पर आधारित फिल्मों के लिए जाना जाता है, जैसे – शहीद (1965), उपकार (1967), पूरब और पश्चिम (1970), रोटी कपड़ा और मकान (1974) और क्रांति (1981)। 'भारत कुमार' के नाम से मशहूर हुए मनोज कुमार ने अपनी फिल्मों के माध्यम से सामाजिक और राष्ट्रभक्ति के मुद्दों को उजागर किया।
उपकार से शुरू किया निर्देशन
मनोज कुमार ने फिल्म उपकार से निर्देशन की शुरुआत की थी। यह फिल्म प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के “जय जवान, जय किसान” नारे से प्रेरित थी। उन्होंने अपने करियर में कई हिट फिल्में दीं और भारतीय सिनेमा को नई दिशा दी।
पुरस्कार व सम्मान:
पद्म श्री (1992)
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (2015) – भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान
देशभक्ति फिल्मों की तरफ हुआ झुकाव
देश की आजादी के बाद भारतीय सिनेमा का ट्रेंड भी बदल रहा था। इस कड़ी में मनोज कुमार ने देशभक्ति फिल्मों की तरफ रूख किया। उन्होंने 1965 में शहीद फिल्म में शहीद भगत सिंह का किरदार निभाया, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। इसके बाद उन्होंने पूर्व और पश्चिम व उपकार जैसी देशभक्ति फिल्में की।
किस फिल्म से मिला भारत कुमार नाम
मनोज कुमार ने 1967 में आई उपकार फिल्म की। इस फिल्म में उन्होंने भारत के किसान का संघर्ष दिखाया। फिल्म व फिल्म के गीतों को लोगों ने खूब पसंद किया और रातों-रात मनोज कुमार का नाम मनोज से भारत कुमार हो गया।
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