क्या हैं Gen-Z पोस्ट ऑफिस और सामान्य डाकघरों से कितने हैं अलग, जानें यहां

Dec 11, 2025, 16:38 IST

हाल ही में आपने Gen-Z पोस्ट ऑफिस का नाम सुना ही होगा। देशभर में अलग-अलग शिक्षण संस्थानों में डाकघरों को नया रूप देकर उन्हें Gen-Z पोस्ट ऑफिस में तब्दील किया जा रहा है। इससे एक तरफ पोस्ट ऑफिस को भी नया रूप मिल रहा है, जबकि दूसरी तरफ पोस्ट ऑफिस के प्रति युवा भी आकर्षित हो रहे हैं। 

क्या है जेन जी पोस्ट ऑफिस
क्या है जेन जी पोस्ट ऑफिस

जब भी आपके सामने पोस्ट ऑफिस की बात होती है, तो आपके मन में पुराने समय के पोस्ट ऑफिस की तस्वीरें ताजा हो जाती होंगी। एक ऐसा पोस्ट ऑफिस, जिसमें लंबी-लंबी कतारें, बदरंग दीवारें, बैठने और खड़े होने, दोनों के लिए ही जगह की कमी और काम-काज का वही पारंपरिक तरीका, जिससे समय की अधिक खपत हो।

हालांकि, अब यह पुरानी बातें हो गई हैं। क्योंकि, भारतीय डाक ने मौजूदा समय और युवा पीढ़ी को देखते हुए शैक्षणिक संस्थानों में मौजूद डाकघरों की थीम बदल ती है। नई थीम Gen-Z पोस्ट ऑफिस हो गई है, जिसके तहत पोस्ट ऑफिस का रंग रूप ही बदल दिया गया है। इसका प्रमुख उद्देश्य युवाओं को पोस्ट ऑफिस के प्रति आकर्षित करना और मौजूदा समय में पोस्ट ऑफिस के महत्त्व को बनाए रखना है। 

क्या है Gen-Z पोस्ट ऑफिस 

Gen-Z पोस्ट ऑफिस नए जमाने का पोस्ट ऑफिस है, जिसे पहले से ही मौजूद डाकघरों को नया रूप देकर  तकनीक, साज-सज्जा और आधुनिक सुविधाओं के मिश्रण से लैस किया गया है। ऐसे में अब युवाओं को पोस्ट ऑफिस पूरी तरह से डिजिटल मिल रहा है, जहां भुगतान के लिए क्यूआर कोड, बैठने के लिए अधिक जगह, साफ-सुथरे दीवारें और अधिक साज-सज्जा व सेल्फ सर्विस कियोस्क की उपलब्धता है। 

कॉफी शॉप और वाई-फाई की सुविधा

Gen-Z पोस्ट ऑफिस में आंतरिक साज-सज्जा से साथ अन्य सुविधाओं का भी ख्याल रखा गया है। इसके तहत यहां युवाओं के लिए कॉफी शॉप और वाई-फाई की सुविधा को भी जोड़ा गया है, जिससे समूह में आने वाले युवा अपने दोस्तों के साथ बैठकर गपशप भी कर सके। 

डाकघर में इंटर्नशिप के अवसर 

डाकघरों को जेन-जी के अनुरूप तैयार करने के साथ उनके लिए यहां अवसरों का भी ध्यान रखा गया है। इसके तहत पोस्ट ऑफिस में युवाओं के लिए इंटर्नशिप ऑफर भी हैं, जिससे युवा भारतीय पोस्ट ऑफिस के काम को बारीकी से समझ सके और इससे सहज हो सके।

46 परिसरों में सूरत बदलने का लक्ष्य 

आपको बता दें कि भारत सरकार द्वारा यह पहल शैक्षणिक संस्थानों में की जा रही है। इसके तहत 15 दिसंबर तक कुल 46 परिसरों में मौजूद डाकघरों को Gen-Z पोस्ट ऑफिस में बदलने का फैसला लिया गया था। शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले युवा स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में संस्थानों में मौजूद पोस्टल सेवाओं को इस तरह से बदला जा रहा है, जिससे युवा आसानी से पोस्टल सेवाओं का अधिक उपयोग कर सके। 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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