खजुराहो मंदिर : नागर शैली के हिन्दू व जैन मंदिर

मध्य प्रदेश में स्थित खजुराहो के मंदिरों का निर्माण चंदेल वंश के शासकों द्वारा 900 से 1130 ई. के मध्य किया गया था | ये मंदिर अपनी नागर स्थापत्य शैली और कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं | यहाँ के मंदिर हिन्दू व जैन धर्म से संबन्धित हैं और यहाँ का सबसे प्रसिद्ध मंदिर ‘कंदारिया महादेव मंदिर’ है | खजुराहो के मंदिरों को 1986 ई. में युनेस्को ने ‘विश्व विरासत स्थल’ का दर्जा प्रदान किया था |

Mar 8, 2016, 17:14 IST

खजुराहो के मंदिर भारतीय स्थापत्य कला  के अद्भुत उदाहरण हैं, जिनका निर्माण तत्कालीन चंदेल वंश के शासकों ने किया था | इन मंदिरों को ‘विश्व विरासत स्थल’ का दर्जा प्रदान किया जाना इनके कलात्मक महत्व को दर्शाता है |

खजुराहो मंदिर से संबन्धित तथ्य :

I. खजुराहो हिन्दू व जैन मंदिरों का समूह है, जो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है |

II. चौंसठ योगिनी मंदिर, ब्रह्मा एवं महादेव मंदिर ग्रेनाइट पत्थसर से और शेष मंदिर गुलाबी अथवा ह्ल्के पीले रंग के दानेदार बलुआ पत्थमर से बने हैं।

III. खजुराहो मंदिर मध्य भारत की विंध्य पर्वतश्रेणी में अवस्थित है |

IV. खजुराहो के मंदिरों का निर्माण चंदेल वंश के शासकों द्वारा 900 से 1130 ई. के मध्य किया गया था |

V. इन मंदिरों को 1986 ई. में युनेस्को ने ‘विश्व विरासत स्थल’ का दर्जा प्रदान किया था |

VI. खजुराहो के मंदिरों का निर्माण ग्रेनाइट की नींव, जोकि दिखाई नहीं देती है, पर बलुआ पत्थर से किया गया है |

VII. ये मंदिर अपनी नागर स्थापत्य शैली और कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं |

VIII. खजुराहो मंदिरों का संबंध वैष्णव धर्म, शैव धर्म और जैन धर्म से है |

IX. ऐसा माना जाता है कि हर चंदेल शासक ने अपने शासनकाल में कम से कम एक मंदिर अवश्य बनवाया था | इसीलिए खजुराहो के मंदिरों का निर्माण किसी एक शासक के काल में नहीं हुआ है | वास्तव में मंदिरों का निर्माण ,निर्माण से अधिक चंदेल वंश के शासकों के लिए एक परंपरा बन गई थी |

X. यशोवर्मन (954 ई.) ने ‘विष्णु् मंदिर’ बनवाया था, जिसे अब ‘लक्ष्मण मंदिर’ के नाम से जाना जाता है। यह अपने समय का अलंकृत और सुस्प ष्ट‘ उदाहरण है, जो चंदेल राजपूतों की प्रतिष्ठा  को प्रमाणित करता है।

XI. स्थािनीय परंपरा के अनुसार यहां कुल 85 मंदिर थे, लेकिन अब 25 मंदिर ही मौजूद हैं  जो संरक्षण की विभिन्न अवस्थायओं में हैं।

XII. चंदेल वंश के पतन (1150 ई.) के बाद मुस्लिम आक्रमणकर्ताओं द्वारा इन मंदिरों को काफी क्षति पहुँची और इसी के चलते यहाँ के स्थानीय निवासी खजुराहो को छोड़कर बाहर चले गए |

XIII. यहाँ का सबसे प्रसिद्ध मंदिर ‘कंदारिया महादेव मंदिर’ है, जो 6500 वर्ग फीट में फैला हुआ है और इसके शिखर की ऊँचाई 116 फीट है |

XIV. 13वीं से 18वीं सदी तक खजुराहो के मंदिर वनों से ढके रहे | वनों से ढके होने के कारण जनता की पहुँच से दूर बने रहे, लेकिन ब्रिटिश इंजीनियर टी.एस. बुर्ट ने इन्हें दोबारा खोजा और तब से ये मंदिर जनता के लिए आकर्षण का केंद्र बन गए |

XV. खजुराहो महोबा के 54 कि.मी. दक्षिण, छतरपुर के 45 कि.मी. पूर्व और सतना जिले के 105 कि.मी. पश्चििम में स्थि.त है तथा निकटतम रेलवे स्टेेशनों अर्थात् महोबा, सतना और झांसी से पक्कीह सड़कों से अच्छी् तरह जुड़ा है।

Image Courtesy: bharatdiscovery.org

खजुराहो के मंदिर भारतीय स्थापत्य कला  के अद्भुत उदाहरण हैं, जिनका निर्माण तत्कालीन चंदेल वंश के शासकों ने किया था | इन मंदिरों को ‘विश्व विरासत स्थल’ का दर्जा प्रदान किया जाना इनके कलात्मक महत्व को दर्शाता है |
खजुराहो मंदिर से संबन्धित तथ्य :
I. खजुराहो हिन्दू व जैन मंदिरों का समूह है, जो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है |
II. चौंसठ योगिनी मंदिर, ब्रह्मा एवं महादेव मंदिर ग्रेनाइट पत्थसर से और शेष मंदिर गुलाबी अथवा ह्ल्के पीले रंग के दानेदार बलुआ पत्थमर से बने हैं।
III. खजुराहो मंदिर मध्य भारत की विंध्य पर्वतश्रेणी में अवस्थित है |
IV. खजुराहो के मंदिरों का निर्माण चंदेल वंश के शासकों द्वारा 900 से 1130 ई. के मध्य किया गया था |
V. इन मंदिरों को 1986 ई. में युनेस्को ने ‘विश्व विरासत स्थल’ का दर्जा प्रदान किया था |
VI. खजुराहो के मंदिरों का निर्माण ग्रेनाइट की नींव, जोकि दिखाई नहीं देती है, पर बलुआ पत्थर से किया गया है |
VII. ये मंदिर अपनी नागर स्थापत्य शैली और कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं |
VIII. खजुराहो मंदिरों का संबंध वैष्णव धर्म, शैव धर्म और जैन धर्म से है |
IX. ऐसा माना जाता है कि हर चंदेल शासक ने अपने शासनकाल में कम से कम एक मंदिर अवश्य बनवाया था | इसीलिए खजुराहो के मंदिरों का निर्माण किसी एक शासक के काल में नहीं हुआ है | वास्तव में मंदिरों का निर्माण ,निर्माण से अधिक चंदेल वंश के शासकों के लिए एक परंपरा बन गई थी |
X. यशोवर्मन (954 ई.) ने ‘विष्णु् मंदिर’ बनवाया था, जिसे अब ‘लक्ष्मण मंदिर’ के नाम से जाना जाता है। यह अपने समय का अलंकृत और सुस्प ष्ट‘ उदाहरण है, जो चंदेल राजपूतों की प्रतिष्ठा  को प्रमाणित करता है।
XI. स्थािनीय परंपरा के अनुसार यहां कुल 85 मंदिर थे, लेकिन अब 25 मंदिर ही मौजूद हैं  जो संरक्षण की विभिन्न अवस्थायओं में हैं।
XII. चंदेल वंश के पतन (1150 ई.) के बाद मुस्लिम आक्रमणकर्ताओं द्वारा इन मंदिरों को काफी क्षति पहुँची और इसी के चलते यहाँ के स्थानीय निवासी खजुराहो को छोड़कर बाहर चले गए |
XIII. यहाँ का सबसे प्रसिद्ध मंदिर ‘कंदारिया महादेव मंदिर’ है, जो 6500 वर्ग फीट में फैला हुआ है और इसके शिखर की ऊँचाई 116 फीट है |
XIV. 13वीं से 18वीं सदी तक खजुराहो के मंदिर वनों से ढके रहे | वनों से ढके होने के कारण जनता की पहुँच से दूर बने रहे, लेकिन ब्रिटिश इंजीनियर टी.एस. बुर्ट ने इन्हें दोबारा खोजा और तब से ये मंदिर जनता के लिए आकर्षण का केंद्र बन गए |  
XV. खजुराहो महोबा के 54 कि.मी. दक्षिण, छतरपुर के 45 कि.मी. पूर्व और सतना जिले के 105 कि.मी. पश्चििम में स्थि.त है तथा निकटतम रेलवे स्टेेशनों अर्थात् महोबा, सतना और झांसी से पक्कीह सड़कों से अच्छी् तरह जुड़ा है।
Image Courtesy: bharatdiscovery.org

Jagranjosh
Jagranjosh

Education Desk

Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News