भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

Nov 30, 2015, 17:57 IST

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 से 30 दिसंबर 1885 के मध्य बम्बई में तब हुई जब भारत की विभिन्न प्रेसीडेंसियों और प्रान्तों के 72 सदस्य बम्बई में एकत्र हुए| भारत के सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी एलेन ओक्टोवियन ह्युम ने कांग्रेस के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी|

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 से 30 दिसंबर 1885 के मध्य बम्बई में तब हुई जब भारत की विभिन्न प्रेसीडेंसियों और प्रान्तों के 72 सदस्य बम्बई में एकत्र हुए| भारत के सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी एलेन ओक्टोवियन ह्युम ने कांग्रेस के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी| उन्होंने पुरे भारत के कुछ महत्वपूर्ण नेताओं से संपर्क स्थापित किया और कांग्रेस के गठन में उनका सहयोग प्राप्त किया| दादाभाई नैरोजी, काशीनाथ त्रयम्बक तैलंग,फिरोजशाह मेहता,एस. सुब्रमण्यम अय्यर, एम. वीराराघवाचारी,एन.जी.चंद्रावरकर ,रह्मत्तुल्ला एम.सयानी, और व्योमेश चन्द्र बनर्जी उन कुछ महत्वपूर्ण नेताओं में शामिल थे जो गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में आयोजित कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में शामिल हुए थे| महत्वपूर्ण नेता सुरेन्द्र नाथ बनर्जी इसमें शामिल नहीं हुए क्योकि उन्होंने लगभग इसी समय कलकत्ता में नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन किया था|

भारत में प्रथम राष्ट्रीय राजनीतिक संगठन के गठन का महत्व महसूस किया गया| अधिवेशन समाप्त होने के लगभग एक हफ्ते बाद ही कलकत्ता के समाचारपत्र  द इंडियन मिरर  ने लिखा कि “बम्बई में हुए प्रथम राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत में ब्रिटिश शासन के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है| 28 दिसंबर 1885 अर्थात जिस दिन इसका गठन किया गया था, को भारत के निवासियों की उन्नति के लिए एक महत्वपूर्ण दिवस के रूप में मान्य जायेगा| यह हमारे देश के भविष्य की संसद का केंद्रबिंदु है जो हमारे देशवासियों की बेहतरी के लिए कार्य करेगा| यह एक ऐसा दिन था जब हम पहली बार अपने मद्रास, बम्बई,उत्तर पश्चिमी सीमा प्रान्त और पंजाब के भाइयों से गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज की छत के नीचे मिल सके|इस अधिवेशन की तारीख से हम भविष्य में भारत के राष्ट्रीय विकास की दर को तेजी से बढ़ते हुए देख सकेंगे”|

कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष व्योमेश चन्द्र बनर्जी थे |कांग्रेस के गठन का उद्देश्य,जैसा कि उसके द्वारा कहा गया,जाति, धर्म और क्षेत्र की बाधाओं को यथासंभव हटाते हुए देश के विभिन्न भागों के नेताओं को एक साथ लाना था ताकि देश के सामने उपस्थित महत्वपूर्ण समस्याओं पर विचार विमर्श किया जा सके| कांग्रेस ने नौ प्रस्ताव पारित किये,जिनमें ब्रिटिश नीतियों में बदलाव और प्रशासन में सुधार की मांग की गयी|

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लक्ष्य और उद्देश्य

• देशवासियों के मध्य मैत्री को प्रोत्साहित करना

• जाति,धर्म प्रजाति और प्रांतीय भेदभाव से ऊपर उठकर राष्ट्रीय एकता की भावना का विकास करना

• लोकप्रिय मांगों को याचिकाओं के माध्यम से सरकार के सामने प्रस्तुत करना

• राष्ट्रीय एकता की भावना को संगठित करना

• भविष्य के जनहित कार्यक्रमों की रुपरेखा तैयार करना

• जनमत को संगठित व प्रशिक्षित करना

• जटिल समस्याओं पर शिक्षित वर्ग की राय को जानना

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन

वर्ष

स्थान

अध्यक्ष

1985,1882

बम्बई,इलाहाबाद

डव्लू.सी.बनर्जी

1886

कलकत्ता

दादाभाई नैरोजी

1893

लाहौर

दादाभाई नैरोजी

1906

कलकत्ता

दादाभाई नैरोजी

1887

मद्रास

बदरुद्दीन तैय्यब जी

1888

इलाहाबाद

जॉर्ज युले (प्रथम अंग्रेज अध्यक्ष)

1889

बम्बई

सर विलियम बेडरबर्न

1890

कलकत्ता

सर फिरोजशाह मेहता

1895,1902

पूना,अहमदाबाद

सुरेन्द्रनाथ बनर्जी

1905

बनारस

गोपालकृष्ण गोखले

1907,1908

सूरत,मद्रास

रासबिहारी घोष

1909

लाहौर

एम.एम.मालवीय

1916

लखनऊ

ए.सी.मजुमदार

1917

कलकत्ता

एनी बेसेंट

1919

अमृतसर

मोतीलाल नेहरू

1920

कलकत्ता(विशेष अधिवेशन)

लाला लाजपत राय

1921,1922

अहमदाबाद,गया

सी.आर.दास

1923

दिल्ली(विशेष अधिवेशन)

अब्दुल कलाम आज़ाद(सबसे युवा अध्यक्ष)

1924

बेलगाँव

महात्मा गाँधी

1925

कानपुर

सरोजनी नायडू(प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष)

1928

कलकत्ता

मोतीलाल नेहरू

1929

लाहौर

जे.एल.नेहरू

1931

कराची(यहाँ मूल अधिकारों के प्रस्ताव और राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रम को पारित किया गया)

वल्लभभाई पटेल

1932,1933

दिल्ली,कलकत्ता

अधिवेशन प्रतिबंधित

1934

बम्बई

राजेंद्र प्रसाद

1936

लखनऊ

जे.एल.नेहरू

1937

फैजपुर

जे.एल.नेहरू(प्रथम बार गाँव में अधिवेशन)

1938

हरिपुरा

एस.सी.बोस(जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आयोजन समिति का गठन किया गया)

1939

त्रिपुरी

एस.सी.बोस को दोबारा चुना गया लेकिन गांधी जी के प्रदर्शन के कारण त्यागपत्र दे दिया(क्योकि गाँधी जी ने पट्टाभिसीतारमैया को समर्थन दिया था) उसके बाद राजेंद्र प्रसाद को अध्यक्ष बनाया गया

1940

रामगढ़

अब्दुल कलाम आजाद

1946

मेरठ

आचार्य जे.बी.कृपलानी

1948

जयपुर

डॉ. पट्टाभिसीतारमैया

Jagran Josh
Jagran Josh

Education Desk

    Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

    ... Read More

    आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

    Trending

    Latest Education News