शिवाजी को मराठा साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है. उनकी राजधानी रायगढ़ थी.
प्रारंभिक जीवन
शिवाजी का जन्म शिवनेरी के किले में 1630 ईस्वी में हुआ था. उनके पिता का नाम शाहजी था और माता का नाम जीजाबाई था. उनकी माँ भगवान शिव की प्रबल भक्त थीं. शाहजी बीजापुर के आदिल शाह की सेवा में थे. शिवाजी को उनके पिता नें पूना (पुणे) में अपनी जागीर में ही अपने संरक्षण में रखा था जहाँ पर उनकी छोटी सेना भी रहती थी. शिवाजी बचपन से ही चतुर और साहसी दोनों थे.
सैन्य अभियान
शिवाजी स्थानीय लोगों के साथ स्वतंत्र रूप से अपने आप को सम्मिश्रित कर चुके थे. साथ ही आस-पास के कोंकण क्षेत्र को भलीभांति समझ चुके थे. उन्होंने बीजापुर राज्य की कमजोरियों को देखा और समझा साथ ही आवश्यकता पड़ने पर उनके किलों पर आक्रमण भी किया. उनका पहला बड़ा आक्रमण 1645 ईस्वी में पुणे के पास स्थित तोरण का महल था. उस समय शिवाजी की उम्र मात्र 16 वर्ष थी. इस किले पर अधिकार करने के बाद उन्होंने वर्ष 1647 में . रायगढ़ और कोंडन को जीता. तत्पश्चात सिंधुदुर्ग और पुरंदर के किले को भी जीता.
परिणामस्वरुप बीजापुर के सुल्तान इब्राहिम आदिल शाह नें शिवाजी के पिता शाहजी को 1647 ईस्वी में कैद में डाल दिया. शिवाजी नें चतुराई से मुगल सम्राट शाहजहां से स्थापित किया और इस मुद्दे के सन्दर्भ में सफलता प्राप्त की. इस तरह जल्दी ही उनके पिता जी को आदिल शाह नें कैद से मुक्त कर दिया.
अफजल खान
कुछ सालों तक शांत रहने के बाद शिवाजी ने जल्दी अपने सैन्य अभियान को शुरू कर दिया और भिवंडी और कल्याण पर कब्जा कर लिया. इस के बाद, बीजापुर के सुल्तान आदिल शाह नें 1656 ईस्वी में अपने जनरल अफजल खान को शिवाजी को मृत या जीवित पकड़ने के लिए भेजा. शिवाजी नें न केवल अफज़ल खान को बघनखे से मार डाला बल्कि बीजापुर की सेना को पूरी तरह से नेस्तनाबूत कर दिया. इस लड़ाई को प्रतापगढ़ की लड़ाई के रूप में जाना जाता था.
मृत्यु
शिवाजी की मृत्यु 1680 ईस्वी में 50 वर्ष की आयु में अचानक बीमारी के कारण हो गयी थी.
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