हाथी: भारत का राष्ट्रीय विरासत पशु

Mar 22, 2016, 14:59 IST

जैव वैज्ञानिक दृष्टि से हाथी एलिफ़ैंटिडी (Elephantidae) परिवार (Family) व प्रोबोसीडिया क्रम (Order) का जानवर है, जोकि पृथ्वी पर विचरण करने वाला सबसे विशालकाय स्तनधारी (Mammal) है। एशियाई हाथी (Elephas maximus) व अफ़्रीकी हाथी (Loxodonta africana) नाम की इसकी दो प्रजातियाँ पायी जाती हैं | अक्टूबर 2010 में हाथी को भारत का ‘राष्ट्रीय विरासत पशु’ घोषित किया गया है|

जैव वैज्ञानिक दृष्टि से हाथी एलिफ़ैंटिडी (Elephantidae) परिवार (Family) व प्रोबोसीडिया क्रम (Order) का जानवर है, जोकि पृथ्वी पर विचरण करने वाला सबसे विशालकाय स्तनधारी (Mammal) है। एशियाई हाथी (Elephas maximus) व अफ़्रीकी हाथी (Loxodonta africana) नाम की इसकी दो प्रजातियाँ पायी जाती हैं |

हाथी से संबन्धित रोचक तथ्य

• अक्टूबर 2010 में हाथी को भारत का ‘राष्ट्रीय विरासत पशु’ घोषित किया गया है|

• हाथी एक शाकाहारी जीव है, जो घने जंगलों से लेकर सवाना (घास के खुले मैदान) तक में मिलता है|

• वृहद शारीरिक आकार, लंबी सूँड, स्तंभाकार पैर, विशाल कान और बड़ा सिर हाथी की विशिष्ट पहचान है।

• इसके कानों के ऊपर पाये जाने वाले बड़े-बड़े कर्ण-पल्लव (Ear Flaps) इसके शारीरिक तापमान को नियंत्रित करने में मदद करते हैं|

• इसकी लंबी सूँड वास्तव में इसकी नाक का ही विस्तारित रूप है|

• हाथी की स्मरण शक्ति बहुत अच्छी होती है और ये एक-दूसरे के साथ सूचना का आदान प्रदान कर सकने में सक्षम हैं|

• हाथी एक जटिल भाषा और शारीरिक भंगिमाओं के सहारे आपस में बात करते हैं, जैसे- जब एक हाथी दूसरे हाथी के सामने घुटने टेकता है तो इसका मतलब है कि वह दूसरे हाथी को खेलने के लिए आमंत्रित कर रहा है|

• हाथी दिन के अधिकांश समय को भोजन की तलाश व समूह में रहकर गुजारता है| यह एक दिन में लगभग 300 पाउंड भोजन खा सकता है|

• हाथी न तो उछल सकते और न ही दौड़ सकते हैं|

• ये पानी से खेलने के बहुत शौकीन होते हैं और एक बार में लगभग दो गैलन तक पानी पी सकते हैं|

• हाथी लगभग 70 वर्ष तक जीवित रहता है|

• एक सामान्य हाथी के दिल का वजन  27 से 46 पाउंड तक होता है|

• हाथी का मस्तिष्क काफी विकसित होता है, जोकि सभी स्तनधारियों में सबसे बड़ा भी होता है| हालांकि इसका मस्तिष्क इंसान की तुलना में तीन से चार गुना बड़ा होता है लेकिन शारीरिक अनुपात की दृष्टि से देखें तो यह अपेक्षाकृत छोटा ही होता है|

• हाथी की त्वचा लगभग एक इंच मोटी होती है|

• यह 16 वर्ष की आयु के बाद प्रजनन कर सकता है, लेकिन प्रायः किसी भी हाथी के चार से अधिक बच्चे नहीं पाये जाते हैं|

• हाथी का प्रजनन काल सभी जानवरों से अधिक होता है| मादा हाथी द्वारा भ्रूण धारण के लगभग 22 महीने बाद बच्चे को जन्म दिया जाता है|

• प्रायः हाथी स्लेटी भूरे रंग के होते हैं, लेकिन कुछ हाथी सफेद रंग के भी होते हैं, जिन्हें 'एल्बिनो' कहा जाता है| म्यांमार आदि देशों में 'एल्बिनो' हाथी पवित्र माने जाते हैं और इनसे कोई काम नहीं लिया जाता।

संबन्धित लेख:

बाघ: भारत का राष्ट्रीय पशु

वंदे मातरम् : भारत का राष्ट्रीय गीत

राष्ट्रीय प्रतीक

Source: mirror.co.uk

• भारतीय हाथी का वज़न लगभग 5,500 किलोग्राम होता है और ऊँचाई लगभग 3 मीटर होती है|

• बच्चे के जन्म से लेकर तीन-चार वर्षों तक मादा हाथी बच्चे को दूध पिलाती है और सिंह, बाघ, चीते आदि से उनकी रक्षा करती है।

• जंगलों में हाथी वरिष्ठ मादा हाथी के नेतृत्व में छोटे पारिवारिक झुण्डों में रहते हैं। अधिकांश नर मादाओं से अलग झुण्ड में रहते हैं।

Source: wordpress

• भोजन और पानी की उपलब्धता के अनुसार, हाथी मौसमी प्रवास भी करते हैं।

• खाते समय हाथी इस प्रकार खड़े होते है कि सबसे बड़ा मादा हाथी हवा की दिशा में खड़ा हो और बच्चे उसे ढूंढ सकें।

• हाथी की सूँड लगभग 2 मीटर लंबी और प्राय: 136 किलोग्राम वजन की होती है| यह अस्थिहीन, लचीली और असाधारण रूप से मज़बूत होती है,जिसके सहारे हाथी सूँघता है, पानी पीता है, भोजन प्राप्त कर उसे मुँह में डालता है|

• किसी-किसी भारतीय नर हाथी के गजदंत नहीं होते हैं, तो ऐसे हाथी को 'मखना' हाथी कहते हैं जिसका शरीर असाधारण रूप से बड़ा होता है।

• हाथी नियमित रूप से स्नान करता है और अपने बच्चों को भी कराता है| हाथी एक अच्छा तैराक भी होता हैं,जो बाकी शरीर को पानी के नीचे रखकर केवल  सूँड़ को बाहर निकालकर साँस ले सकता है।

Source: cloudfront.net

• हाथी अपनी सूँड़ों को आपस में मिलाकर आपस में प्रेम व लगाव को व्यक्त करते हैं|

Source: elephantnaturepark

• हाथी इंसान की ध्वनि क्षमता से कम परिसर वाली पराश्रव्य ध्वनि तरंगें भी सुन सकता है|

• हाथी अपने पैरों के द्वारा दूसरे हाथी के द्वारा उत्पन्न पराश्रव्य ध्वनि तरंगों को पृथ्वी के धरतलीय कंपन्नों के सहारे सुन सकता है| अतः हाथी अपने पैरों से सुन सकता है|

• हाथी आवास के विनाश और मनुष्यों द्वारा किए जा रहे शोषण के कारण अपने अस्तित्व के लिए संघर्षरत है। हाथी दाँत के व्यापार व मांस के लिए इनका शिकार किया जाता है| हाथी को संरक्षण प्रदान करने के लिए ही भारत ने इसे 'राष्ट्रीय विरासत पशु' घोषित किया है|

Jagranjosh
Jagranjosh

Education Desk

Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News