इस आर्टिकल में हम एमटेक करने वाले इंडियन प्रोफेशनल्स के लिए उपलब्ध करियर ऑप्शन्स पर चर्चा कर रहे हैं. आपके लिए यह बहुत जरुरी है कि आप एमटेक की डिग्री हासिल करने के बाद स्टूडेंट्स या प्रोफेशनल्स के लिए भारत में उपलब्ध विभिन्न सूटेबल जॉब ऑफर्स, करियर ऑप्शन्स या हायर स्टडीज़ के बारे में पहले से ही समुचित जानकारी हासिल कर लें.
मॉडर्न टेक्नोलॉजी से पूरी दुनिया में IT सेक्टर निरंतर विकसित हो रहा है. टेक्नोलॉजी के बिना अब हम अपनी डेली लाइफ में किसी भी चीज़ की कल्पना नहीं कर सकते हैं. इसी तरह, कंप्यूटर्स और टेक्नोलॉजी में विशेष करियर ऑप्शन्स में से एक है – MCA अर्थात मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर एप्लीकेशन.
बैचलर ऑफ़ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, जिसे आमतौर पर बीबीए के नाम से जाना जाता है, ऐसे स्टूडेंट्स का पसंदीदा करियर ऑप्शन है जो मैनेजमेंट में अपना करियर बनाना चाहते हैं.
एमबीबीएस एक ऐसा नोबल प्रोफेशन है जो आपको एक रिवार्डिंग करियर प्रदान करने के साथ-साथ पेशेंट्स की दृष्टि में भगवान का दर्जा भी दिलवा देता है.
आर्ट्स स्ट्रीम एक ऐसे स्ट्रीम है जिसमें स्टूडेंट्स के पास कई विषयों के चयन के साथ अनेक करियर ऑप्शन्स होते हैं. आर्ट स्ट्रीम के तहत अनेक महत्त्वपूर्ण विषय और करियर लाइन्स शामिल हैं.
भारत के अनेक स्टूडेंट्स अपनी 10 वीं क्लास पास करने के बाद कॉमर्स स्ट्रीम से अपनी हायर स्टडीज़ जारी रखना चाहते हैं.
भारत में साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास स्टूडेंट्स के लिए अब मेडिकल और इंजीनियरिंग लाइन्स के अलावा भी अनेक सूटेबल जॉब/ करियर ऑप्शन्स उपलब्ध हैं.
अब इंडियन स्टूडेंट्स अपनी इच्छा और जरुरत के अनुसार स्टडी के लिए विदेशों में कई विश्व-प्रसिद्ध यूनिवर्सिटीज़ में अप्लाई कर सकते हैं.
भारतीय महिलाएं भी इन दिनों हरेक जीवन के प्रत्येक कार्यक्षेत्र में अपनी करियर लाइन में शानदार कामयाबी हासिल कर रही हैं.
आमतौर पर यह एक गलत धारणा है कि यूनिवर्सिटी प्रोफेसर बनने के लिए पीएचडी एक ट्रेनिंग आधारित स्टडी मोड्यूल है. हां! यह कुछ हद तक सही विचार है लेकिन, पीएचडी का क्षेत्र एकेडमिक क्षेत्र से कहीं आगे तक व्याप्त है. जो लोग पीएचडी की डिग्री प्राप्त करते हैं, उनकी तुलना में कम लोग एकेडमिक क्षेत्र ज्वाइन करते हैं.
हमारे देश में आईटीआई के स्टूडेंट्स के मन में हमेशा एक सवाल आता है कि आखिर आईटीआई करने के बाद हमें जॉब मार्केट में किस तरह के जॉब ऑफर मिलेंगे?
भारत में पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को बेहतरीन करियर ऑप्शन्स उपलब्ध होने के साथ-साथ अपनी करियर लाइन में भी तरक्की मिल जाती है.
भारत में पॉलीटेक्निक डिप्लोमा हासिल करने के बाद रोजगार की कितनी संभावनाएं हैं, यह प्रश्न अक्सर ऐसे भारतीय स्टूडेंट्स के मन में आता है जो किसी पॉलिटेक से अपनी रूचि के मुताबिक कोई डिप्लोमा कोर्स कर रहे हैं.
पूरी दुनिया में किसी भी ग्रेजुएशन की डिग्री को कोई सूटेबल जॉब या करियर शुरू करने के लिए एक अनिवार्यता माना जाता है.
अगर आप 12वीं क्लास के बोर्ड एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स में से एक हैं या आपने अपनी 12वीं क्लास पास की है, तो आपके मन में जरुर अपनी हायर स्टडीज़ या भावी करियर लाइन को लेकर कई प्रश्न या चिंताएं होंगी, जिनका समाधान हम इस आर्टिकल में पेश कर रहे हैं.
भारत में रूरल मैनेजमेंट एक विशेष स्पेशलाइजेशन है जोकि भारतीय ग्रामीण परिवेश में सुधार लाने के लिए इंडियन स्टूडेंट्स को आवश्यक योजनाओं, कार्य नीतियों को बनाने और कार्यान्वित करने में माहिर बनाती है.
फाइनेंशल मैनेजमेंट कोर्स के तहत फाइनेंशल प्लानिंग, एकाउंटिंग और हरेक बिजनेस संगठन के लाभदायक विकास के लिए बिजनेस स्ट्रेटेजीज़ का अध्ययन किया जाता है.
इन दिनों देश-दुनिया में प्रोडक्ट और सर्विसेज के प्रचार के साथ-साथ इंडस्ट्री, बिजनेस हाउसेज, कॉर्पोरेट हाउसेस और सर्विस सेक्टर के लिए मार्केटिंग मैनेजमेंट बहुत आवश्यक है.
किसी भी संगठन के सुचारु रूप से कामकाज करने के लिए एचआर डिपार्टमेंट बहुत महत्वपूर्ण होता है.
बिजनेस स्टडीज स्पेशलाइजेशन करने के बाद प्रोफेशनल्स कई इंडस्ट्रीज, बिजनेस और कॉमर्स से संबंधित विभिन्न बिजनेस फ़ील्ड्स में करियर ज्वाइन करते हैं.
इंटरनेशनल बिजनेस का कोर्स ज्वाइन करने का लक्ष्य स्टूडेंट्स को दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के बारे में सटीक और महत्त्वपूर्ण जानकारी देना है.
देश-दुनिया में इन दिनों हेल्थकेयर सेक्टर के तीव्रतम विकास के कारण, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में अपना करियर शुरू करना इंडियन स्टूडेंट्स के लिए बहुत बढ़िया निर्णय साबित हो रहा है क्योंकि इस सेक्टर में इंडियन स्टूडेंट्स के लिए रोज़गार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं.
बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स में डिग्री हासिल करने के बाद स्टूडेंट्स कॉर्पोरेट दुनिया में मैनेजमेंट के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने में एक्सपर्ट हो जाते हैं.
मेडिकल साइंस के क्षेत्र में एमबीबीएस अंडरग्रेजुएट डिग्री या फर्स्ट प्रोफेशनल डिग्री है. एमबीबीएस कोर्सेज का लक्ष्य छात्रों को मेडिसिन की फील्ड में ट्रेंड करना है. एमबीबीएस पूरी होने पर, कोई व्यक्ति पेशेंट्स के रोगों को डायग्नोस करने के बाद उन्हें मेडिसिन्स प्रिस्क्राइब करने के योग्य बन जाता है.
फ़ूड टेक्नोलॉजी में रॉ इंग्रेडिएंट्स को फ़ूड और अन्य उपयोगी फ़ूड फॉर्म्स में बदलने के लिए फिजिकल, केमिकल या माइक्रोबायोलोजिकल टेक्निक्स और प्रोसेसेज से जुड़े सभी कार्यों को शामिल किया जा सकता है.
टेक्सटाइल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग की वह ब्रांच है जो गारमेंट, कलर और फैब्रिक लाइन की इंडस्ट्रीज से संबद्ध कार्य करती है. यह एक ऐसा विज्ञान है जो टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग की प्रोसेस में शामिल सभी एक्टिविटीज और मेथड्स से संबद्ध है.
बायोकेमिकल इंजीनियरिंग में जैविक अणु से सम्बन्धित यूनिट प्रक्रियाओं के अध्ययन, डिजाइन और निर्माण से जुड़े सभी कार्यों का अध्ययन किया जाता है.
एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग के तहत हार्वेस्टिंग, फार्म इक्विपमेंट्स और मशीनरी के कंस्ट्रक्शन, डिज़ाइन और इम्प्रूवमेंट से जुड़े सारे कार्य शामिल होते हैं ताकि एग्रीकल्चरल सेक्टर में निरंतर सुधार हो सके.
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग की नवीनतम शाखाओं में से एक है. पहली बार इसका प्रयोग 19 वीं शताब्दी में संचालित पावर्ड फ्लाईट में किया गया था.
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग की एक ऐसी फील्ड है जिसमें एयरक्राफ्ट को ऑपरेट करने की टेक्निक्स या स्टडी, डिज़ाइन और विकास से संबद्ध सभी कार्य शामिल होते हैं.