“क्रेडिट कार्ड पर खरीदारी करना और वेतन आने पर चुकाना” खरीदारी का यह तरीका ज्यादातर लोगों की आदत बन गयी हैं. यह सुविधाजनक होने के साथ साथ हानिप्रद भी है. इससे होने वाली आर्थिक क्षति यूजर्स को तब पता चलती हैं जब वो एक ऋण के चक्रव्यूह में फंस चूके होते हैं. ऐसी स्थिति में उनके लिए आर्थिक संकट से उबारना बहुत कठिन हो जाता है एवं दूसरी तरफ उन पर पर क़र्ज़ और उसे चुकाने का मानसिक दबाव बढ़ता जाता है. कभी कभी तो ऐसा भी होता हैं कि ऋण न चुका पाने की स्थिति में उन्हें तमाम क़ानूनी कार्यवाहियों का भी सामना करना पड़ता हैं. यह एक बड़ी समस्या है. इससे निजात पाने के कुछ सरल तरीके हमने इस लेख में दिए हैं.
अपनी अफोर्डेबिलिटी का आकलन करें
ज्यादातर ग्राहक क्रेडिट कार्ड और अन्य निजी वित्तीय सेवाओं का उपयोग करके ढ़ेर सारी खरीदारी कर लेते हैं. ऐसा करते समय वे अपनी आर्थिक स्थिति पर ध्यान तक नहीं देते, नतीजतन जब क़र्ज़ चुकाने की बारी आती हैं तो उन्हें इसके लिए संघर्ष करना पड़ता है. कभी कभी क़र्ज़ न चुका पाने की स्थिति में अन्य कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए खरीदारी से पहले अपनी अफोर्डेबिलिटी का आकलन करना आपकी तमान मुश्किलों को कम कर सकता हैं. इसलि कुछ भी खरीदने से पहले ये सुनिश्चित कर लें कि जो आप खरीदने वाले हैं,वो आपके अफोर्डेबिलिटी के दायरे में है भी या नहीं. यदि वो सामान आपके अफोर्डेबिलिटी के दायरे में नहीं है,तो पैसा जोड़कर खरीदारी करना आपके लिए ज्यादा सुगम होगा. इससे आपके दैनिक व्यय और ऋण की किश्तों के बीच संतुलन बना रहेगा.
ब्याज दरें जानें
बैंक ब्याज की विभिन्न दरों पर बैंक अपने ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड और अन्य व्यक्तिगत वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हैं.ऋण देने के बाद वे अपनी सेवाओं पर ब्याज दरों के अनुसार अलग-अलग सेवा कर लगाने लगते हैं. कई बार तो उपभोक्ता को यह पता ही नहीं होता कि जो कर्ज उन्होंने लिया है उसपे उन्हें कितना ब्याज चुकाना पड़ेगा ? जानकारी के अभाव में खरीदारी की सुनियोजित रुपरेखा तैयार नहीं कर पात. इससे वे या तो भारी कर्ज के तले दब जाते हैं या बढ़ते कर्ज पर अपना नियंत्रण खो बैठते हैं. आगे चलकर यह उनके मानसिक परेशानी का कारण बनता है. जो न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन बल्कि उनके निजी जीवन को प्रभावित करना शुरू कर देता है. इसलिए कर्ज लेने से पहले ब्याज दरों के बारें में जानकारी प्राप्त करना अति आवश्यक है.
क्रेडिट स्टेटमेंट का करें आकलन
बैंकिंग में क्रेडिट स्टेटमेंट एक ऐसी चीज है जो आपके प्रत्येक लेनदेन को स्पष्ट कर देता है. ब्याज दर से लेकर विलम्ब शुल्क तक, हर चीज का उल्लेख इसमें रहता हैं. ज्यादातर लोग अपने क्रेडिट स्टेटमेंट को देखते तक नहीं जिससे वो यह तक नहीं जान पाते कि वास्तव में उन्हें अपने कर्ज के निपटान के लिए क्या करना चाहिए ? कभी कभी तो यह भी होता हैं कि बैंक गलत तरह से अपने उपभोक्ताओं के ऊपर शुल्क लगाते रहते हैं और उपभोक्ता जानकारी के आभाव में उनको भरता रहता है. वो यह तक नहीं जान पाता कि जो शुल्क वो भर रहा है वो सही है भी या नहीं. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए क्रेडिट स्टेटमेंट को समझना अति आवश्यक हो जाता है. इससे आप कर्ज के निपटान की रूपरेखा तैयार कर सकते हैं और एक प्रभावशाली रूपरेखा के साथ आप कर्ज का निपटान आसानी से कर सकते हैं.
मासिक बजट तैयार करें
बजट एक ऐसी व्यवस्था है जिससे आपको यह अंदाजा हो जाता हैं अमुक माह में लगभग कितना खर्च होगा ?यह सेविंग का सबसे प्रभावशाली तरीका हैं जो बड़े से बड़े कर्ज के निपटान में आपकी सहायता कर सकता है. बजट बनाते समय, हम ज़रूरी और गैर-ज़रूरी चीजों को जान पातें हैं और अपने खरीदारी की लिस्ट से गैर-ज़रूरी चीजों को बहार कर पातें हैं. यह प्रक्रिया हमारे मासिक खर्चे को नियंत्रित कर देती है और बचत करने में हमारा सहयोग करती है. याद रखिये बड़े से बड़ा ऋण बचत करके चुकाया जा सकता है.
अपने खर्चों को कम करें
सेविंग ही एकमात्र ऐसी चीज है जो आसानी से ऋण के भुगतान में सहायता कर सकती है. आय का एक विशेष भाग खर्चों को कम करके ही बचाया जा सकता है. इसके लिए आप ज़रूरी और गैर-ज़रूरी आवश्यकताओं की एक सूची तैयार कर सकते हैं और प्रत्येक महीने एक विशेष राशि गैर ज़रूरी चीजो को अपने मंथली बजट से हटाकर बचा सकते हैं. सेविंग शुरू करने के बाद हर माह कर्ज की एक निश्चित राशि का भुगतान करना बहुत आसान हो जायेगा.
निष्कर्ष
ऋण के चक्रव्यूह को तोड़ने के कई तरीके हैं, इनमे ब्याज दरों को जानना,नियमित रूप से क्रेडिट स्टेटमेंट की जाँच पड़ताल करना,मासिक बजट तैयार करना और खर्चों को कम करना सबसे प्रभावशाली तरीके हैं जो आसानी से बड़े से बड़े ऋण के निपटान में आपकी मदद कर सकते हैं. इस आर्टिकल में हमने यह समझाने का प्रयास किया है कि इन युक्तियों को अपनाकर कैसे आप भारी कर्ज से छुटकारा पा सकते हैं ?
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