आज हम भारत के उन 5 तेजस्विनी महिलाओं के बारे में बात करने वाले हैं, जिन्होंने भारत की सबसे कठिन मानी जाने वाली आईएएस परीक्षा को मात्र 22 वर्ष की उम्र में क्लियर कर आईएएस ऑफिसर बनने का कीर्तिमान बनाया है. इन महिलाओं ने यह सिद्ध कर दिया है कि महिलाओं के लिए भी अब सपने देखने की कोई सीमा नहीं है और इनके लिए देखे गये किसी भी सपने को पूरा करना असंभव नहीं है.
UPSC सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक करना आसान नहीं है, और मात्र 22 वर्ष की उम्र में इतनी ऊँची मंजिल जिनका सफ़र कठिनता की पराकाष्ठा हो, प्राप्त करना अकल्पनीय है. अगर यूपीएससी के सिलेबस की बात करें तो इसकी परिसीमा अन्य किसी भी परीक्षाओं की तुलना में अधिक है. इसलिए, यदि कोई उम्मीदवार 22 साल की उम्र में इस परीक्षा को पास करता है, तो यह निश्चय ही सराहनीय है और इस मंजिल की तलाश में अथक प्रयास करने वाले देश के भावी प्रशासकों के लिए प्रेरणादायक भी है.
कभी अबला कहीं जाने वाली महिलाएं, जिनके कार्य की परिधि चूल्हे-चौके को केंद्र में रख कर तय होती थी, आज उनकी उड़ान आसमान की ऊँचाइयों को भी अपने क़दमों तले लाने में सक्षम है. महिलाएं आज अगर आईएएस ऑफिसर बनकर देश की दशा और दिशा निर्धारण के लिए सक्षम हो रही है, तो यह पुरे देश के लिए गर्व की बात है. आज हम इस आर्टिकल में उन 5 महिलाओं की बात करेंगे जिन्होनें अपनी प्रखर बुद्धि, ओजस्वी व्यक्तित्व से आईएएस जैसे कठिन इम्तिहान को पास किया है.
स्मिता सबरवाल:
स्मिता सभरवाल अपनी उम्र की सबसे लोकप्रिय आईएएस ऑफिसर्स में से एक हैं. सेंट फ्रांसिस कॉलेज फॉर विमेन से कॉमर्स ग्रेजुएट, स्मिता ने 22 वर्ष की उम्र में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण किया. वह यूपीएससी सीएसई 2000 में अखिल भारतीय स्तर पर चौथी रैंक हासिल करने में सफलता प्राप्त की. स्मिता दास, अब स्मिता सबरवाल की शादी आईपीएस अधिकारी अकुन सभरवाल से हुई है. वह वर्तमान में मुख्यमंत्री (तेलंगाना सरकार) के सचिव के रूप में तैनात हैं और ग्रामीण जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग के सचिव के रूप में अतिरिक्त प्रभार भी संभालती है, वह सबसे लोकप्रिय रूप आईएएस ऑफिसर के रूप में जानी जाती हैं.
स्वाति मीणा:
स्वाति मीणा 2007 में अपने बैच की सबसे कम उम्र की आईएएस ऑफिसर बनने वाली महिला हैं. वह राजस्थान की रहने वाली हैं और उन्होंने अजमेर में शिक्षा प्राप्त की है. उनके पिता ने उन्हें सिविल सेवा परीक्षा में बैठने के लिए प्रेरित किया और उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी सीएसई 2007 में 260वीं रैंक हासिल की.
आईएएस ऑफिसर के रूप में उनके कार्य को पुरे देश ने सराहा. उन्होंने मप्र के खनन माफियाओं पर खुलकर हमला किया था.
सिमी किरण:
सिमी ओडिशा के बालासोर जिले में रहती थी. 22 साल की उम्र में जब उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विसेज पास की तो वह शहर में चर्चा का विषय बन गया. सिमी भिलाई स्टील प्लांट के एक अधिकारी की बेटी थीं. वह आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएट हैं और यूपीएससी सीएसई पास करने वाली राज्य की सबसे कम उम्र की लड़की हैं. उसने 2019 में अखिल भारतीय रैंक 31वीं के साथ परीक्षा के लिए क्वालीफाई किया.
अनन्या सिंह:
आईएएस अधिकारी अनन्या सिंह ने 2019 में सिविल सेवा परीक्षा क्वालीफाई किया.अनन्या सिंह केवल 22 साल की थी जब उसने यह परीक्षा पास की थी. अनन्या हमेशा अपने बैच की टॉपर रही हैं, चाहे वह उनका हाई स्कूल हो, जहां उन्होंने 96 फीसदी और 12वीं में 98.25 फीसदी अंक हासिल किए थे. उन्होंने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पढ़ाई की और अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन किया.
टीना डाबी:
टीना डाबी को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है. उनका जीवन पहले से ही कई लोगों के लिए प्रेरणा का श्रोत रहा है. वह अखिल भारतीय रैंक 1 के साथ 2015 में यूपीएससी सिविल सेवा को पास करने वाली सबसे कम उम्र की लड़की है. उसने 20 साल की उम्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 2 साल की तैयारी के बाद वह 22 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बनने में सफलता प्राप्त की. अतहर आमिर खान (AIR 2, UPSC 2015) से उसकी शादी ने बहुत हंगामा किया और हाल ही में अपने पति से अलग होने की भी चर्चा शहर में हुई. वह 2020 से राजस्थान के वित्त विभाग की संयुक्त सचिव हैं, टीना की बहन रिया डाबी ने भी रैंक 15 के साथ यूपीएससी सीएसई 2020 पास किया है.
यह प्रेरणादायक है कि इन महिलाओं ने इतनी कम उम्र में यह उपलब्धि कैसे हासिल की है. वे भारत की सभी युवा महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनीं हैं.
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