हमारे देश सहित पूरी दुनिया के कॉलेज स्टूडेंट्स अक्सर आजकल काफी स्ट्रेस झेलते हैं और यह डेली रुटीन बन चुका है. कॉलेज स्टूडेंट्स इन दिनों जो स्ट्रेस झेलते हैं, वह सिर्फ उनके एग्जाम डेज़ तक ही सीमित नहीं रहता बल्कि, इस स्ट्रेस में पीअर्स प्रेशर, फैमिली टेंशन, लव लाइफ जैसे विभिन्न स्ट्रेस रीज़न्स को शामिल किया जा सकता है. अपनी कॉलेज लाइफ के दौरान यह स्ट्रेस झेलते वक्त अधिकतर कॉलेज स्टूडेंट्स पूरी तरह तैयार नहीं होते क्योंकि उन्होंने तो अपने कॉलेज के दिनों को 3 वर्ष की मौजमस्ती से भरी लंबी छुटी समझा था. कॉलेज के दिनों में कई तरह के स्ट्रेस झेलने की अधूरी तैयारी कॉलेज स्टूडेंट्स में निराशा सहित अन्य गंभीर मानसिक समस्यायें पैदा करती है. इसलिये, हरेक स्टूडेंट के लिए सूटेबल और असरदार स्ट्रेस मैनेजमेंट पॉलिसी आजकल सभी कॉलेज स्टूडेंट्स की पहली जरूरत बन गई है. आपके लिए इस आर्टिकल में असरदार स्ट्रेस मैनेजमेंट पॉलिसीज़ पेश हैं ताकि आप अपने कॉलेज के दिनों में स्ट्रेसफ्री रहकर अपनी कॉलेज लाइफ खूब एन्जॉय कर सकें क्योंकि कॉलेज के ये दिन आपके भावी करियर की नींव रखते हैं और हरेक व्यक्ति के जीवन में कॉलेज के ये 3-4 साल फिर कभी लौट कर नहीं आते हैं और कॉलेज के दिनों की खट्टी-मीठी यादें हमें आजीवन याद रहती हैं.
- स्ट्रेस ट्रिगर्स के बारे में रखें समुचित जानकारी
हरेक व्यक्ति का व्यक्तित्व अलग होता है और इसलिये सबके स्ट्रेस भी उनके अनेकानेक कारणों और मानदंडों के अनुसार अलग-अलग होते हैं. तकनीकी भाषा में इन्हें ‘स्ट्रेस ट्रिगर्स’ कहा जाता है. अपने स्ट्रेस ट्रिगर्स को समझने से आपको अपनी उन परिस्थितियों को समझने में मदद मिलेगी जिनसे आपका स्ट्रेस बढ़ जाता है और आप काफी घबरा जाते हैं. उदाहरण के लिए, अगर आप जानते हैं कि जब आप बिना पढ़े क्लास में जाते हैं और प्रोफेसर आपसे कोई प्रश्न पूछ लेते हैं तो आप घबरा जाते हैं और काफी स्ट्रेस महसूस करते हैं. अब, आप पहले से पढ़कर क्लास अटेंड करने पर इस स्ट्रेस से बड़ी आसानी से बच सकते हैं. इसी तरह, अगर अपने या गर्लफ्रेंड की उम्मीदों को पूरा करने पर आपको काफी स्ट्रेस महसूस होने लगता है तो आप अपने या गर्लफ्रेंड से इस विषय में खुलकर बातचीत कर सकते हैं और अपने इस स्ट्रेस से बच सकते हैं. संक्षेप में, आप अपने कॉलेज के दिनों में, अपने स्ट्रेस ट्रिगर्स के बारे में समुचित जानकारी हासिल करके आप अपने स्ट्रेस को समय रहते बखूबी मैनेज कर सकते हैं.
- अपनी लाइफ में स्ट्रेस के असर का जायजा जरुर लें
कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए कारगर स्ट्रेस मैनेजमेंट पॉलिसी का अगला कदम अपने जीवन में स्ट्रेस के बुरे प्रभाव का अच्छी तरह जायजा लेना है. आगे बढ़ने से पहले, हमें यह समझना होगा कि स्ट्रेस प्रत्येक मनुष्य की जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा होता है और बिना स्ट्रेस के जीवन की कल्पना करना भी नामुमकिन है. इसलिये, प्रत्येक मनुष्य को स्ट्रेस को नियंत्रित करने की कोशिश करनी चाहिए, न कि स्ट्रेस से छुटकारा प्राप्त करने का असफल प्रयास. हमारे जीवन पर स्ट्रेस क्या प्रभाव डालता है? ...यह समझने पर कॉलेज स्टूडेंट्स को स्ट्रेस का सामना करने में काफी मदद मिलती है. इस तरीके से आप महत्वपूर्ण स्ट्रेस ट्रिगर्स और उन परिस्थितियों का मुकाबला करते हैं जिनका आपके जीवन पर काफी गंभीर असर पड़ता है और फिर, आप अपने जीवन जीने का ढंग बदल कर अपने स्ट्रेस को कम कर सकते हैं.
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- स्ट्रेस मैनेजमेंट टेक्निक्स से फायदा उठायें
स्ट्रेस मैनेजमेंट कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए एक बिलकुल नया विषय नहीं है. छात्र अपनी 10 वीं और 12 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के दौरान, अपनी पढ़ाई और परिणाम के संबंध में पहले ही काफी स्ट्रेस झेल चुके होते हैं. अब, स्टूडेंट्स की कॉलेज लाइफ में स्ट्रेस केवल पढ़ाई या परिणाम तक ही सीमित नहीं होता है. इसलिये आपको काफी रचनात्मक होना चाहिए ताकि आप वे स्ट्रेस मैनेजमेंट पॉलिसीयां अपना सकें जो पढ़ाई और परिणाम के अलावा भी अन्य सभी किस्मों के स्ट्रेस में आपके काम आ सकें. उदाहरण के लिए, अगर अपने स्कूल की परीक्षाओं में आपको मेडिटेशन से स्ट्रेस से बचने में मदद मिली थी तो कॉलेज असाइनमेंट सबमिट करने से पहले होने वाले स्ट्रेस में भी आप मेडिटेशन करके पूरा फायदा उठा सकते हैं. इसी तरह, अगर आपने अपने पॉजिटिव माइंड-सेट की मदद से अपने स्कूल में झगड़ालू स्टूडेंट्स से मुकाबला किया था तो फिर, आप कॉलेज में अपने सीनियर्स को भी पॉजिटिव माइंड-सेट से हैंडल कर सकते हैं. इसलिये, जो विभिन्न स्ट्रेस मैनेजमेंट टेक्निक्स आप पहले से जानते हैं, उन्हें आप अपनी कॉलेज लाइफ के स्ट्रेस का सामना करने के लिए भी बखूबी इस्तेमाल कर सकते हैं.
- पर्सनल स्ट्रेस मैनेजमेंट पॉलिसी बनाएं
कोई भी एक स्ट्रेस मैनेजमेंट पॉलिसी हरेक व्यक्ति या छात्र के सभी प्रकार के स्ट्रेस के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती है. जब स्ट्रेस की बात आती है तो हरेक की अपनी अलग समस्या या स्ट्रेस होता है. इसलिये, उस समस्या या स्ट्रेस का समाधान भी अलग और व्यक्ति विशेष की जरूरतों के मुताबिक होता है. अतः, सभी कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए अपनी जरूरत और स्ट्रेस के अनुसार ही पर्सनल स्ट्रेस मैनेजमेंट पॉलिसी तैयार करना अत्यावश्यक होता है. अपनी जरूरत के अनुसार स्ट्रेस मैनेजमेंट पॉलिसी तैयार करने का मतलब एक ऐसी पॉलिसी बनाने से है जो आपको अपनी तनावपूर्ण परिस्थितियों से निकलने के लिए उपयुक्त समाधान प्रदान करे. कई बार आपको अपनी जरूरत के अनुसार स्ट्रेस मैनेजमेंट पॉलिसी तैयार करना काफी अजीब या मूर्खतापूर्ण लग सकता है, लेकिन अगर आप ऐसा करने पर अपने स्ट्रेस पर काबू पा लेते हैं तो फिर आपको ऐसा अवश्य करना चाहिए. जैसेकि, जब कॉलेज की किसी क्लास में आपसे कोई प्रश्न पूछा जाये और आपको उस प्रश्न का जवाब नहीं पता तो फिर, ऐसी स्थिति में आप घबराने के बजाय अपने किसी पहले के वेकेशन ट्रिप के बारे में सोचकर अपना स्ट्रेस दूर कर लेते हैं तो आपको ऐसा अवश्य करना चाहिए. यह बिलकुल भी जरुरी नहीं है कि ऐसा करने पर प्रत्येक छात्र स्ट्रेस से बच जाए क्योंकि यह तो अपनी जरूरत के अनुसार स्ट्रेस मैनेजमेंट पॉलिसी का एक तरीका है जिससे किसी-किसी छात्र को ही फायदा हो सकता है.
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- स्ट्रेस मैनेजमेंट पॉलिसी में समय-समय पर सुधार करना भी है जरुरी
कॉलेज के स्टूडेंट्स के लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए भी कोई एक सर्वथा उपयुक्त स्ट्रेस मैनेजमेंट पॉलिसी नहीं है. किसी अन्य कार्यपॉलिसी की तरह ही आपकी स्ट्रेस मैनेजमेंट पॉलिसी भी कभी पूरी तरह परफेक्ट नहीं होती है और इसे लगतार उपयोगी बनाये रखने के लिए आपको अपनी स्ट्रेस मैनेजमेंट पॉलिसी में नियमित रूप से बदलाव और समय-समय पर अपडेट करने की आवश्यकता होती है. जैसे-जैसे आपकी आयु बढ़ती है और फिर, समय तथा परिस्थितियों के परिवर्तन के साथ ही आपका स्ट्रेस भी बढ़ता है. आप विभिन्न किस्म के स्ट्रेस झेलते हैं. इसलिए, यह बहुत बढ़िया रहेगा कि आप अपनी स्ट्रेस मैनेजमेंट पॉलिसी में अपनी बदलती हुई जरूरतों और परिस्थितियों के अनुसार बदलाव करें. जिन तरीकों से आपने अपने स्कूल के दोस्तों को हैंडल किया था, यह जरूरी नहीं कि आपके कॉलेज के दोस्तों को हैंडल करने के लिए भी वही तरीके आपके काम आयें क्योंकि अब, कॉलेज में आपकी स्थिति और प्राथमिकतायें पहले से बहुत अलग हैं. इसलिए, अपनी स्ट्रेस मैनेजमेंट टेक्निक्स में अपनी जरूरतों और परिस्थतियों के अनुसार बदलाव करना जारी रखें और जो पॉलिसी आपके स्ट्रेस को दूर भगा दे, उसे अवश्य अपना लें.
स्ट्रेस आपके जीवन में अव्यवस्था फैला देता है. यदि आप चुप रहना पसंद करते हैं और इससे बचने का कोई भी तरीका नहीं अपनाते हैं तो आपका स्ट्रेस बढ़ता ही रहेगा और आपके जीवन पर काफी घातक प्रभाव डालेगा. लेकिन जिस दिन आप अपने स्ट्रेस का मुकाबला करने का निर्णय लेते हैं और फिर अपने स्ट्रेस को दूर करने के तरीके अपनाते हैं तो आपका जीवन को देखने का नजरिया और जीवन जीने का अंदाज पूरी तरह से बदल जाता है. याद रखें कि आप एक कारगर स्ट्रेस मैनेजमेंट पॉलिसी अपनाकर अपने स्ट्रेस को हमेशा के लिए नियंत्रित कर सकते हैं.
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