भारत में आईटी सेक्टर एक तेजी से उभरता हुआ सेक्टर है और क्लाउड कम्प्यूटिंग का इस क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण रोल है. आज के विकास के दौर में क्लाउड कम्प्यूटिंग संभावनाओं से भरा एक नया उभरता हुआ क्षेत्र है. इसलिए आजकल बाजार में क्लाउड कम्प्यूटिंग में दक्ष लोगों की मांग तेजी से बढ़ रही है. विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले कुछ वर्षों में यह मांग दोगुनी या तिगुनी से भी ज्यादा हो सकती है. यदि आप भी आईटी सेक्टर से सम्बन्धित हैं और टेक्नोलॉजी में रूचि रखते हैं तो
क्लाउड कम्प्यूटिंग आपके करियर को नई उड़ान देने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. यूँ तो क्लाउड कम्प्यूटिंग भारत में 2005 से ही प्रचलन में है लेकिन बीते दो से तीन वर्षों में जिस तरह इस सेक्टर ने तेजी पकड़ी है, उसे देखकर तो यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र में एक बेहतर भविष्य की संभावना है. आइये एक नजर डालते हैं क्लाउड कम्प्यूटिंग पर
क्लाउड कम्प्यूटिंग
क्लाउड कम्प्यूटिंग वास्तव में इंटरनेट आधारित प्रक्रिया है जिसमें कम्प्यूटर एप्लीकेशन का प्रयोग किया जाता है. बिजनेस एप्लीकेशन ऑनलाइन मुहैया कराने वाला गूगल एप्स क्लाउड कम्प्यूटिंग का ही एक उदाहरण है. वेब ब्राउजर का इस्तेमाल कर इस तक आसानी से पहुंचा जा सकता है. इंटरनेट सुविधा और इनमें मौजूद अलग-अलग फीचर्स क्लाउड कम्प्यूटिंग के जरिए ही काम करते हैं. वेब सर्च इंजन हो या कोई भी अन्य साइट सभी क्लाउड कम्प्यूटिंग के माध्यम से ही यूजर तक पहुंच पाती हैं. चाहे गूगल सर्च हो या याहू मेल या फिर फोटो शेयर करने वाली वेबसाइट, इनपर क्लाउड कम्प्यूटिंग के बिना कुछ भी संभव नहीं है.
क्लाउड कंप्यूटिंग हेतु जरुरी स्किल्स
क्लाउड कम्प्यूटिंग इन दिनों काफी लोकप्रिय हो रही है क्योंकि तकनीक के रूप में क्लाउड कम्प्यूटिंग के अनेक फायदे होने के कारण क्लाउड कम्प्यूटिंग दिनोंदिन काफी लोकप्रिय होती जा रही है. इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि अब कंपनियों को पहले की तरह डेटा और बैकअप रखने के लिए बडे-बडे सर्वर रखने की जरुरत नहीं पड़ती है. क्लाउड कंपनियों ने स्टोरज की इस समस्या को खत्म कर दिया है. इसका सीधा फायदा कंपनी के बिजनेस पर पड़ता है क्योंकि इससे कंपिनयों को अब अपने बैकअप और डेटा के बारे में चिंता करने की जरुरत नहीं होती है और वे इस तरफ से अपना ध्यान हटाकर अपने बिजनेस और सर्विस पर ध्यान देते हैं. इतना ही नहीं क्लाउड कम्प्यूटिंग ने जहां एक तरफ डेटा स्टोर कर लोगों को डेटा की सुरक्षा की गारंटी दी है,वहीं दूसरी तरफ अच्छे परफॉर्मेंस का आश्वासन भी दिया है. अब कोई भी कहीं पर भी अपना डाटा एक्सेस कर सकता है. साथ ही साथ इसने डेटा खो जाने का डर भी अब समाप्त कर दिया है.
टेक्निकल स्किल्स की पर्याप्त जानकारी
किसी भी क्लाउड कम्प्यूटिंग में काम करने वाले प्रोफेशनल के पास एचटीएमएल, पास (प्लेटफॉर्म एस ए सर्विस), वर्चुअलाइजेशन टेक्नोलॉजी जैसी क्लाउड कम्प्यूटिंग का बेसिक और जावा, सी प्लस प्लस, नेट जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए. इनकी जानकारी के आभाव में काम करना मुश्किल होगा.
बिजनेस एंड फाइनेंशियल स्किल्स
क्लाउड कम्प्यूटिंग में टेक्निकली स्ट्रॉन्ग होना बहुत जरुरी है. इसके साथ साथ बिजनेस एंड फाइनेंशियल नॉलेज भी रखना जरुरी है. इसमें बिजनेस केस, ऑनलाइन मार्केटिंग स्ट्रेटजी और फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी की पार्यप्त जानकारी होनी चाहिए.
नौकरी के लिए संभावित क्षेत्र
आज पूरी दुनिया में ऐसी कंपनियां हैं, जो क्लाउड कम्प्यूटिंग प्रोफेशनल को अपने यहां अच्छे पैकेज पर नौकरी आफर कर रही हैं. इनमे से प्रमुख हैं माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम, आमेजन, गूगल, हैविड पैकर्ड और क्लाउड सिग्मा आदि.
एकेडमिक क्वालिफिकेशन
क्लाउड कम्प्यूटिंग में काम पाने के लिए कोई खास डिग्री की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन इस फील्ड में इंजीनिरंग की डिग्री और कम्प्यूटर सांइस की डिग्री रखने वाले छात्रों को आसानी से नौकरी मिल जाती है. साथ ही आईटी और कम्प्यूटर से संबंधित बैकग्राउंड वाले छात्रों को भी प्राथमिकता दी जाती है. इसके अतिरिक्त कम्प्यूटर से संबंधित नॉलेज और प्रोगामिंग का ज्ञान भी होना चाहिए क्योंकि क्लाउड कम्प्यूटिंग में पूरा काम कम्प्यूटर पर ही आधारित होता है.
अतः अगर टेक्निकली साउंड हैं और प्रोग्रामिंग की जानकारी रखते हैं तो क्लाउड कम्प्यूटिंग का क्षेत्र आपके करियर के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
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