जानें UPSC और स्टेट PSC में क्या अंतर है?

Dec 22, 2020, 10:58 IST

आपने अक्सर संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और राज्य लोक सेवा आयोग (स्टेट PSC) के बारे में सुना होगा जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन करते हैं। लेकिन क्या आप इन दो आयोगों के बीच के प्रमुख अंतर को जानते हैं? विस्तार से जानने के लिए आगे पढ़ें।

जानें UPSC और स्टेट PSC में क्या अंतर है?
जानें UPSC और स्टेट PSC में क्या अंतर है?

प्रत्येक वर्ष लाखों आकांक्षी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से विभिन्न सरकारी सेवाओं के लिए आवेदन करते हैं। ये परीक्षा सरकारी विभागों द्वारा विभिन्न सेवाओं के लिए आयोजित की जाती हैं। ऐसे ही महत्वपूर्ण विभाग हैं संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और विभिन्न राज्य लोक सेवा आयोग। ये राज्य आयोग भारत के सभी राज्यों में निर्दिष्ट हैं और राज्य के अलग-अलग विभागों में विभिन्न पदों पर में उम्मीदवारों की भर्ती करते हैं। आइए इन संगठनों के बीच के अर्थ, कार्य और अन्य महत्वपूर्ण अंतरों को संक्षेप में समझें।

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UPSC Vs. स्टेट PSC

स्वरुप एवं संख्या 

UPSC (संघ लोक सेवा आयोग)

स्टेट PSC (राज्य लोक सेवा आयोग )

भारत में केवल एक  संघ लोक सेवा आयोग है, जिसकी कोई अन्य शाखा नहीं है।

भारत के हर राज्य में एक राज्य लोक सेवा आयोग है

UPSC भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 के तहत एक संवैधानिक निकाय है।

सभी स्टेट PSC भी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 के तहत एक संवैधानिक निकाय है।

महत्वपूर्ण जानकारी - संविधान के अनुच्छेद 315 से 323 में संघ एवं राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों, शक्ति और कार्यों की संरचना, नियुक्ति और हटाने, और उनकी स्वतंत्रता से जुड़े सभी नियमों का उल्लेख किया गया है। 

रचना और कार्यकाल

UPSC (संघ लोक सेवा आयोग)

स्टेट PSC (राज्य लोक सेवा आयोग )

संघ लोक सेवा आयोग UPSC) में एक अध्यक्ष और अन्य सदस्य शामिल हैं।

एक राज्य लोक सेवा आयोग (SPSC) में भी एक अध्यक्ष और अन्य सदस्य शामिल होते हैं।

UPSC के सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है

राज्य आयोग के सदस्यों की नियुक्ति उस विशेष राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य छह साल की अवधि के लिए या 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक (जो भी पहले हो) के लिए नियुक्त किये जाते हैं। 

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य छह साल की अवधि के लिए या 62 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक (जो भी पहले हो) के लिए नियुक्त किये जाते हैं। 

महत्वपूर्ण जानकारी - अनुच्छेद 317 के अनुसार, खंड (3) के प्रावधानों के अधीन, लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य को उनके दुर्व्यवहार के आधार पर राष्ट्रपति के आदेश से सर्वोच्च न्यायालय की जाँच के बाद कार्यालय से हटाया जा सकता है। 

कर्तव्य और कार्य

UPSC (संघ लोक सेवा आयोग)

स्टेट PSC (राज्य लोक सेवा आयोग )

UPSC संघ की सेवाओं में नियुक्तियों के लिए परीक्षा आयोजित करता है, जिसमें सभी भारतीय सेवाएँ, केंद्रीय सेवाएँ और केंद्र शासित प्रदेशों की सार्वजनिक सेवाएँ शामिल हैं।

UPSC दो या दो से अधिक राज्यों को ऐसी सेवाओं के लिए संयुक्त भर्ती की योजना बनाने और संचालन करने में सहायता करता है जिसके लिए विशेष योग्यता रखने वाले उम्मीदवारों की आवश्यकता होती है। 

किसी भी राज्य का लोक सेवा आयोग उस विशेष राज्य की सेवाओं में नियुक्तियों के लिए परीक्षा आयोजित करता है। 

उदाहरण के लिए बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) बिहार कैडर के तहत सेवाओं में नियुक्तियों के लिए परीक्षा आयोजित करता है।

UPSC राष्ट्रपति को वार्षिक रूप से एक रिपोर्ट प्रस्तुत करता है जो आयोग द्वारा किए गए कार्यों के बारे में बताती है। राष्ट्रपति द्वारा यह रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखी जाती है साथ में एक ज्ञापन देकर उन मामलों के बारे में बताया जाता है जहाँ आयोग की सलाह को स्वीकार नहीं किया गया और गैर-स्वीकृति का कारण बताया जाता है। 

राज्य लोक सेवा आयोग, प्रतिवर्ष, राज्यपाल को उसके प्रदर्शन पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करता है। राज्यपाल इस रिपोर्ट को राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों के समक्ष रखते हैं, साथ ही एक ज्ञापन में उन मामलों के बारे में बताते हैं जहां आयोग की सलाह को स्वीकार नहीं किया गया और इस तरह के गैर-स्वीकृति के कारण बताया जाता है।

संसद संघ की सेवाओं से संबंधित UPSC को अतिरिक्त कार्य प्रदान कर सकती है। यह कानून के तहत गठित किसी भी स्थानीय प्राधिकरण या अन्य निकाय निगम के कार्मिक प्रणाली या उसके अधीन किसी भी सार्वजनिक संस्था के कर्मियों को रखकर यूपीएससी की कार्यक्षमता का विस्तार कर सकता है।

राज्य विधायिका राज्य की सेवाओं से संबंधित SPSC को अतिरिक्त कार्य प्रदान कर सकती है। यह कानून के तहत गठित किसी भी स्थानीय प्राधिकरण या अन्य निकाय कॉर्पोरेट के कार्मिक प्रणाली या इसके तहत किसी भी सार्वजनिक संस्थान के कर्मियों को रखकर एसपीएससी की कार्यक्षमता का विस्तार कर सकता है।

UPSC केवल परीक्षा प्रक्रिया से संबंधित है और सेवाओं, कैडर प्रबंधन, प्रशिक्षण, सेवा शर्तों आदि के वर्गीकरण के साथ जुड़े मामलों को कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती किए गए उम्मीदवारों के पद, स्थानांतरण और अन्य सहायक मामले राज्य सरकार के नियंत्रण में होता है।

महत्वपूर्ण जानकारी - संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा बताई गई रिक्तियों की संख्या के आधार पर विभिन्न ग्रुप ‘ए’ और ग्रुप ’बी’ (राजपत्रित) पदों के लिए सीधी भर्ती (चयन द्वारा संरचित परीक्षा और सीधी भर्ती के माध्यम से) आयोजित करता है। इसलिए, भारत के आठ केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कोई अलग राज्य आयोग या केंद्र शासित प्रदेश आयोग नहीं है।

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Sakshi Saroha is an academic content writer 3+ years of experience in the writing and editing industry. She is skilled in affiliate writing, copywriting, writing for blogs, website content, technical content and PR writing. She posesses trong media and communication professional graduated from University of Delhi.
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