स्टूडेंट्स के लिए जरुरी ग्लोबल एटिकेट्स: ये हैं खास क्रॉस – कल्चरल टिप्स

Dec 27, 2019, 11:57 IST

अगर स्टूडेंट्स हायर एजुकेशन हासिल करने के लिए किसी दूसरे देश में पढ़ने जाते हैं तो उन्हें क्रॉस-कल्चरल प्रॉब्लम्स को फेस करना पड़ता है क्योंकि हरेक देश का कल्चर और लाइफ स्टाइल काफी अलग होता है. इस आर्टिकल में आपको कुछ ऐसे ही विशेष ग्लोबल एटिकेट्स की जानकारी दी जा रही है.

Global Etiquettes: Cross-Cultural Tips for international students
Global Etiquettes: Cross-Cultural Tips for international students

‘एटिकेट्स’ शब्द उन कल्चरल गाइडलाइन्स के बारे में बताता है जो इस बात से संबंधित होती हैं कि क्या उचित है और क्या अनुचित है या क्या सही है और क्या गलत है. ये कल्चरल एटिकेट्स विश्व में मौजूद सभी देशों में अलग होते हैं. ये असल में वे कारक हैं जो किसी कल्चर का आधारभूत ढांचा होते हैं, ये वे नैतिक मानदंड और विश्वास हैं जो किसी कल्चर के लोगों को आपस में बांधे रखते हैं. जब कभी आप किसी दूसरे कल्चर के लोगों से मिलने या उनके साथ रहने के लिए जाते हैं तो आप से यह उम्मीद की जाती है कि उनके कल्चर में लागू कुछ बेसिक एटिकेट्स का आप अपने व्यवहार में ध्यान रखेंगे.

यह बात उन स्टूडेंट्स के लिए तो और भी अधिक महत्वपूर्ण है जो विदेश में पढ़ने के लिए जाते हैं. आपको  अपने कल्चर से अलग कल्चर के लोगों के साथ काफी समय बिताना होगा. यह आपके लिये अच्छा रहेगा कि आप जिस देश या स्थान पर जा रहे हैं, वहां जाने से पहले आप उस जगह के कल्चरल एटिकेट्स के बारे में काफी जानकारी प्राप्त कर लें. अगर आपको यह जानकार हैरानी हो रही है कि आखिर आप ऐसा क्यों करें...तो इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि आपके कल्चर में अगर कोई व्यवहार या कार्य शिष्ट या करने लायक समझा जाता है तो हो सकता है कि वही व्यवहार या कार्य किसी दूसरे कल्चर में आपत्तिजनक या न करने लायक समझा जाता हो. यहां हम कुछ उन महत्वपूर्ण टिप्स का जिक्र कर रहे हैं जिनका आपको पूरा ध्यान रखना चाहिये और विदेश में पढ़ने के लिए जाने से पहले उनके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिये:

स्टूडेंट्स को समय की पाबंदी से मिलता है सम्मान

जब आप विदेश में पढ़ने के लिये जा रहे हैं तो आप यह पहले से ही सुनिश्चित कर लें कि आपको उस कल्चर में समय की पाबंदी अर्थात् पंक्च्युएलिटी एटिकेट्स के बारे में अच्छी जानकारी हो. खासकर तब, अगर आपको सुबह देर से जगने की आदत हो क्योंकि कुछ कल्चर्स में लोग पंक्च्युएलिटी को लेकर बड़े सख्त होते हैं. उदाहरण के लिये ब्रिटिशर्स के बारे में जान लें, वे पंक्च्युएलिटी को लेकर बहुत सचेत होते हैं. अगर आप नियत समय से कुछ मिनट भी देर से पहुंचें तो बुरा माना जाता है, अच्छा हो कि इस सबसे बचने के लिये आप नियत स्थान पर निर्धारित समय से कुछ मिनट पहले ही पहुंच जायें और अगर आपको किसी वजह से देर हो रही हो तो आप इसके बारे में अपने होस्ट्स या मेजबान को समय रहते सूचित कर दें. अगर आप समय के पाबंद हों तो विदेश में लोग आपका सम्मान करने लगेंगे.

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ग्रीटिंग एटिकेट्स की रखें सही जानकारी

जब आप अपने कल्चर के बाहर किसी व्यक्ति से संपर्क कायम कर रहे हों तो आपके लिये यह जानना निहायत ही जरुरी हो जाता है कि आप वहां लोगों का स्वागत कैसे करें?. प्रत्येक कल्चर में किसी व्यक्ति या लोगों के ग्रीटिंग्स/ स्वागत या अभिवादन का एक अलग स्वीकार्य तरीका होता है. उदाहरण के लिए, अगर आप फ्रांस जा रहे हैं तो आप देखेंगे कि अधिकांश लोग वहां पर अपने दोस्तों और प्रियजनों का स्वागत  उनके दोनों गालों में किस करने के द्वारा करते हैं. जबकि इसके दूसरी ओर, अगर आप हायर स्टडीज के लिए जापान जा रहे हैं तो आप नोटिस करेंगे कि हालांकि मिलते ही एक-दूसरे से हाथ मिलाना लोगों को ग्रीट करने का एक स्वीकार्य तरीका है तो भी अधिकांश जापानी एक-दूसरे का अभिवादन हल्का-सा झुक कर करते हैं जिससे पता चलता है कि वे सामने वाले को सम्मान दे रहे हैं.

कैसे दें गिफ्ट्स

गिफ्ट्स का लेन-देन क्रॉस-कल्चरल एटिकेट्स का एक अन्य महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसके बारे में हरेक को बहुत सावधान रहने की जरूरत है. किसी विशेष स्तिथि में सही गिफ्ट आइटम या उपहार देने को लेकर अलग-अलग कल्चर्स में अलग-अलग विचार हैं. जैसे, यूनाइटेड स्टेट्स में किसी जन्मदिन पार्टी में या ऐसे अन्य सेलिब्रेशन्स के अवसर पर गिफ्ट्स लेकर आना गेस्ट्स के लिए आवश्यक नहीं है. आप कोई गिफ्ट लेकर जा सकते हैं लेकिन अगर आप बिना कोई गिफ्ट लिये भी किसी पार्टी में जाते हैं तो इसे असभ्य नहीं समझा जाता है. हालांकि, जर्मनी में, यदि आप किसी डिनर पार्टी में जाते हैं तो ठीक उसके अगले दिन अपने होस्ट्स को फ्लावर्स भेजना एक शिष्टता माना जाता है और आपसे ऐसा करने की पूरी उम्मीद की जाती है. लेकिन इसमें भी आपको कई बातों का ख्याल रखना होता है, आपको ध्यान रखना होगा कि आप गुलाब या गुलनार के फूल भूल कर भी न भेजें क्योंकि एक का संबंध रोमांस या प्यार से है तो दूसरे किस्म के फूल मृत्यु या अंतिम संस्कार के समय भेंट किये जाते हैं. इनमें से किसी भी प्रकार के फूल भेजने पर आपको फायदा पहुंचने के बजाय काफी नुकसान पहुंच सकता है.

बॉडी लैंग्वेज मैनर्स का ध्यान रखना है बहुत जरुरी

किसी देश में जाने से पहले उस देश में प्रचलित बॉडी लैंग्वेज के हाव-भाव या तौर-तरीके समझना बहुत ही जरुरी है. आप इस बात को लेकर पूरी तरह चौकस रहें. उदाहरण के तौर पर, ऑस्ट्रेलिया में किसी भी समाज और स्थान पर पीठ थपथपाना, गले मिलना और हाथ मिलाना बिलकुल जायज समझा जाता है लेकिन अमरीका में यह सब केवल प्रोफेशनल सेटिंग को छोड़कर आप हर जगह कर सकते हैं. एक और उदाहरण में, किसी बात पर अपना सिर हिलाकर इशारा करना आम-तौर पर बताता है कि आप उस बात से सहमत हैं. लेकिन बुल्गारिया और ग्रीस में, जब लोग किसी बात से असहमत होते हैं तो वे अपना सिर ऊपर और नीचे की ओर हिलाते हैं.

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टेलीफोन मैनर्स की जानकारी भी है जरुरी

फ़ोन पर बात करना ऐसा है जिससे हम बच नहीं सकते हैं. विशेषकर तब, जब आप विदेश में पढ़ने के लिए जा रहे हों. इसलिये अपने गंतव्य स्थान के कम्युनिकेशन एटिकेसट्स की बेहतर समझ हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण है. उदाहरण के लिये, अगर आप यूनाइटेड किंगडम में किसी व्यक्ति से फ़ोन पर बात कर रहे हैं तो आपसे उम्मीद की जाती है कि आप विनम्रता और कम शब्दों में अपनी बात कहेंगे. इसके ठीक विपरीत, अमरीका में जब आप किसी से फ़ोन पर बात करते हैं तो आप खुलकर और अनौपचारिक तरीके से बातें कर सकते हैं.

पूरी दुनिया में अलग-अलग कल्चर्स में लोगों के स्वागत या अभिवादन का तरीका और ऐसे अन्य समान स्वीकृत तौर-तरीके अलग-अलग होते हैं. आप जब कभी अपने देश से विभिन्न कल्चर वाले देश में लंबे समय के लिए विजिट करने या रहने जाते हैं तो आप से यह उम्मीद की जाती है कि आपको उस देश और कल्चर में लोगों द्वारा स्वीकृत ग्रीटिंग्स  के तरीकों और कम्युनिकेशन मेथड्स की अच्छी समझ हो.

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