जिला आबकारी अधिकारी जैसा कि नाम है, जिला स्तरीय पद है. यह पद प्रदेश सरकार के अधीन होता है. जिला आबकारी अधिकारी मदिरा माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही के लिए जिम्मेवार होते हैं. उन्हें राज्य में अवैध शराब के निर्माण और पडोसी राज्यों से शराब की तस्करी को रोकना होता है. साथ ही जिला प्रशासन द्वारा आवंटित बियर, देशी मदिरा और अंग्रेजी शराब की बिक्री नियमानुसार कराने के अलावा मिलावट व अन्य अनैतिक प्रक्रियाओं को रोकना होता है. इन सभी के खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाई जिला आबकारी अधिकारी द्वारा ही की जाती है. भांग की दुकानों की देख रेख भी जिला अधिकारी के कार्य क्षेत्र का हिस्सा है.
जिला आबकारी अधिकारी बनने के लिए प्रतियोगी को सम्बंधित राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित लिखित और मौखिक परीक्षा की चयन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. प्रतियोगिता के दौर में बड़ी संख्या में उम्मीदवारों के बीच केवल कुछ सक्षम प्रतियोगियों का ही चयन किया जाता है. हालांकि, पद के लिए वेतनमान और आयु आदि के लिए राज्यवार परिवर्तन हो सकता है.
जिला आबकारी अधिकारी पात्रता मानदंड
1. शैक्षणिक योग्यता:
जिला आबकारी अधिकारी बनने के लिए उम्मीदवार को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से किसी भी धारा में स्नातक डिग्री होना चाहिए.
2. आयु सीमा:
उम्मीदवार की आयु परीक्षा के वर्ष न्यूनतम 21 वर्ष और अधिकतम 28 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए. राज्य वार आयु सीमा में आमूल- चूल परिवर्तन हो सकता है. आरक्षित वर्ग अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति/ विकलांग/ ओबीसी/ व एनी वर्गों को सम्बन्धित राज्य सरकार के नियमों के अनुकूल छूट प्रदान की जाती है. किन्ही राज्यों में छूट के बाद ऊपरी आयु सीमा सीमा 38 वर्ष तक हो सकती है. ऊपरी आयु सीमा में भी भारत और रक्षा सेवाओं के कर्मियों की सरकार के अधीन काम कर रहे कर्मचारियों की कुछ श्रेणियों के पक्ष में छूट प्रदान की जाती है.
शारीरिक मापदंड:
पुरुष प्रतियोगोयों के लिए ऊंचाई 168 सेमी और सीना बिना फुलाए 84 और फुलाने बाद में 89 सेमी होना चाहिए. राज्यवार शारीरिक मापदंड परीक्षा आवश्यक नहीं भी हो सकती. महिलाओं के लिए ऊंचाई 155 सेमी. और सीना की माप आवश्यक नहीं है.
जिला आबकारी अधिकारी बनने के लिए चयन प्रक्रिया
जिला आबकारी अधिकारी बनने के लिए उम्मीदवार को निम्न चरणों से होकर गुजरना होता है:
चरण 1:
सर्वप्रथम उम्मीदवार को रोजगार समाचार या जो भी साधन उपलब्ध हो, के माध्यम से आवश्यक जानकारी के साथ-साथ “आवेदन पत्र” भरना होगा. या ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है. इसके लिए sarkarivacancy.in या सम्बंधित राज्य की अन्य सम्बन्धित वेब साईट से जानकारी प्राप्त की जा सकती है.
चरण 2:
प्रारंभिक परीक्षा
परीक्षार्थी का कॉल लैटर आने के बाद उम्मीदवारों को “प्रारंभिक परीक्षा” पेपर के लिए बुलाया जाता है. यह परीक्षा अक्सर मई या जून महीने में आयिजित की जाती है.
परीक्षा योजना और प्रश्नपत्र का प्रकार:
प्रारंभिक परीक्षा में अक्सर ओएमआर आधारित वस्तुनिष्ठ प्रकाए के प्रश्न होते है. जो करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान, रीजनिंग व अन्य सामग्री से परिपूर्ण होते हैं. प्रारंभिक परीक्षा पासिंग परीक्षा होती है, इसके अंक मुख्य परीक्षा के अंकों के साथ जोड़े नहीं जाएँगे.
चरण 3:
मुख्य परीक्षा
“प्रारंभिक परीक्षा” में योग्य घोषित उम्मीदवारों को मुख्य यानि अंतिम परीक्षा के लिए बुलाया जाता है. अंतिम परीक्षा में दो भाग होते हैं. भाग एक लिखित परीक्षा और दूसरे भाग में व्यक्तित्व परीक्षण हेतु साक्षात्कार परीक्षा ली जाता है. साक्षात्कार परीक्षा और मुख्य परीक्षा के आधार पर ही उम्मीदवारों का चयन किया जाता है.
मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन, अंग्रेजी, अंकगणित, विज्ञान, भाषा कौशल, संचार कौशल और लेखन से सम्बन्धित होती है. इसके लिए अंक और समय भी निर्धारित होता है.
चरण 4:
साक्षात्कार एवं व्यक्तित्व परीक्षण:
प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों को अंतिम चरण में साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है. यहाँ विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न प्रकार के सवालों के माध्यम से प्रतियोगी का व्यक्तित्व और मानसिक क्षमता का परीक्षण किया जाता है.
जिला आबकारी अधिकारी को मिलने वाली सैलरी
जिला आबकारी अधिकारी के लिए रु.15600- 39100 + 5400 ग्रेड पे निर्धारित किया है. हालांकि वेतन आयोग बदलते मानदंडों के साथ यह बदल भी सकता है. जिला आबकारी अधिकारी के लिए राज्यवार भी वेतनमान में परिवर्तन हो सकता है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation