आइये सबसे पहले जानते हैं कि पटवारी या लेखपाल किसे कहते हैं. पटवारी रिवेन्यू या राजस्व विभाग का एम्प्लोयी होता है. इसे लेखपाल भी कहते हैं. उत्तराखंड में इस पद को राजस्व पुलिस के नाम से जाना जाता है. इंडियन सबकॉन्टिनेंट के रूरल एरियाज में पटवारी सरकार का एक प्रशासनिक पद होता है.
कार्य -
एक पटवारी के कार्यक्षेत्र में एक या एक से अधिक गाँव आते हैं जिनका पूर्ण विवरण रखना इनके जिम्मे होता है, जैसे, किसी किसान के पास कितनी भूमि है ? यह भूमि किस किस्म की है ? इत्यादि ..
पटवारी बनने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता -
पहले पटवारी बनने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास हुआ करती थी पर अब इसके लिए स्नातक की डिग्री अनिवार्य कर दी गयी है . इसके साथ हीं कंप्यूटर दक्षता भी आवश्यक है.
आयु सीमा -
न्यूनतम 18 वर्ष, अधिकतम 40 वर्ष
सैलरी -
पटवारी के लिए रु 5,200-20,200 प्रतिमाह सैलरी का प्रावधान है. इसके अलावा ग्रेड पे रु 2100
ग्रेड -
यह ग्रेड सी का पद है.
आवेदन कैसे करें -
उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क रु 500 और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए रु 250 है. यह शुल्क-भुगतान नेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड के माध्यम से किया जा सकता है.
पटवारी या लेखपाल का पद दो प्रकार का होता है -
1) राजस्व लेखपाल , 2) चकबंदी लेखपाल
पटवारी की परीक्षा के लिए पैटर्न -
पटवारी की परीक्षा के लिए कैंडिडेट को लिखित और इंटरव्यू दोनों की तैयारी करनी होगी जिनमें से 100 अंकों की लिखित परीक्षा तथा इंटरव्यू लिया जायेगा. दोनों परीक्षाओं के संयुक्तांक के आधार पर पटवारी के लिए सेलेक्शन तथा नियुक्तियाँ की जाती है.
कैंडिडेट्स को 100 अंक के पेपर में कम से कम 80 अंक हासिल करने का प्रयास करना चाहिए तभी उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया जा सकेगा.
सिलेबस -
- इंग्लिश
- मैथ्स
- हिंदी
- कंप्यूटर नॉलेज
- जनरल नॉलेज और करंट अफेयर्स
कैसे करें परीक्षा की तैयारी -
पटवारी की परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए इंग्लिश, मैथ्स, हिंदी, कंप्यूटर नॉलेज, जनरल नॉलेज और करंट अफेयर्स पर पकड़ मजबूत बनाएँ. इन सभी विषयों पर आधारित 100 मल्टीप्ल चॉइस प्रश्नों के लिए 90 मिनट का समय अभ्यर्थियों को दिया जाता है इनमें से सभी प्रश्नों के सही उत्तर देने का प्रयास कैंडिडेट को करना चाहिए.
पटवारी की परीक्षा में सफ़लता हासिल करने के लिए कुछ सुझाव -
पटवारी की परीक्षा में सफ़लता हासिल करने के लिए सिलेबस के हिसाब से तैयारी करें. अभ्यर्थियों की सहूलियत के लिए यहाँ कुछ स्टडी टिप्स दिए जा रहे हैं. इन्हें ध्यान में रखकर तैयारी करने पर कोई कारण नहीं कि सफ़लता हाथ ना लगे.
सामान्य ज्ञान -
इतिहास, कला और संस्कृति, साहित्य, विरासत, शासन प्रणाली, भारतीय संविधान, पर्यटन, पोलिटिकल साइंस, जियोग्राफी, जनरल साइंस, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और फिजिक्स के प्रश्नों की तैयारी करें.
गणित -
नंबर सिस्टम, परसेंटेज, डेसीमल, अनुपात, एवरेज, प्रॉफिट एंड लॉस, मानकीकरण, टाइम एंड डिस्टेंस, ज्योमेट्री, तालिका और आलेख का प्रयोग, ब्याज, छूट, स्क्वायर, अनुपात और समय, तार्किक तर्क इत्यादि.
कंप्यूटर नॉलेज -
कंप्यूटर मूल बातें, मल्टीमीडिया, इनपुट-आउटपुट डिवाइस, प्रस्तुति पैकेज, ऑपरेटिंग सिस्टम, प्रस्तुति पैकेज, वर्ड प्रोसेसिंग, सूचना प्रौद्योगिकी.
इंग्लिश -
वोकैब्लरी, ग्रामर, स्पॉट दी एरर, सेंटेंस स्ट्रक्चर, स्पेल्लिंग, फिल इन दी ब्लैंक्स, एन्टोनिम्स, सिनोनिम्स, होमोनिम्स, डिटेक्टिंग मिसस्पेल्ट वर्ड्स, इडियम्स एंड फ्रेसेस, वन वर्ड सबस्टिट्युशन, पैसेज, वर्ब, ऐडजेकटिव, वर्बल कोम्प्रीहेनसन पैसेज इत्यादि.
हिंदी -
हिन्द वाक्य, हिंदी में अनुवाद, संधि, पर्यायवाची, समास, काल, उपसर्ग, मुहावरे, क्रिया, समानार्थी शब्द, वाक्य परिवर्तन, वाक्यांश, भाषण इत्यादि.
ऐतिहासिक अस्तित्व – भारत में पटवारी का पद बहुत प्राचीनकाल से अस्तित्व में है. शेर शाह सूरी के शासनकाल में प्रत्येक ग्रामीण अंचल में एक पटवारी के पद की नियुक्ति का प्रावधान बना था.
बाजार में पटवारी की परीक्षा कि तैयारी के लिए पुस्तकें उपलब्ध हैं. वहाँ से खरीदकर तैयारी करें, इसके अलावा नेट पर से भी सिलेबस डाउनलोड कर तैयारी की जा सकती है.
अभी मध्य प्रदेश ने पटवारी पद के लिए 9235 रिक्तियाँ निकाली थीं, अन्य राज्यों में भी इस पद के लिए रिक्तियाँ शीघ्र निकलने की सम्भावना है. इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए यह एक सुनहरा मौका है. हो सकता है कि कुछ लोगों कि निगाह में पटवारी की जॉब के लिए कोई आकर्षण ना हो किन्तु गाँव की स्वच्छ हवा और स्वस्थ खान-पान के बीच जीवन गुजारने का अपना एक अलग हीं मज़ा है और सबसे मज़े की बात यह है कि गाँव के भोले-भाले किसानों के लिए आज भी पटवारी हीं "बड़ा साहब" होता है.
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