IAS मुख्य परीक्षा, IAS परीक्षा का सबसे मुश्किल भाग है और हर साल IAS मुख्य परीक्षा के प्रश्न पत्र की असल वास्तविक आवश्यकता क्या है और इसके बारे में क्या पढ़ा जाना चाहिए पर प्रकाश डालते है।
IAS के उम्मीदवारों को IAS परीक्षा को अच्छे से समझने के लिए प्रश्नपत्र को अच्छी तरह से पढ़ना चाहिए ताकि वो किसी भी विषय प्रश्नों के उत्तर लिखते समय विशेष बातों का ध्यान रखे। सिविल सेवा के मुख्य प्रश्न IAS तैयारी के लिए मार्गदर्शन का सोत्र होता है और इसलिए उनका गहन विश्लेषण किया जाना चाहिए।
UPSC के आधिकारिक दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि प्रश्न के उत्तर से उम्मीदवार की विश्लेषण करने की क्षमता और सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों पर विवाद करने की क्षमता का परीक्षण होगा। उम्मीदवारों को प्रासंगिक, सार्थक और संक्षिप्त उत्तर देना चाहिए। परीक्षा में पूछे जाने वाले किसी भी प्रश्न के उत्तर तक पहुंचने के लिए यह दिशानिर्देश उम्मीदवारो के लिए मार्गदर्शक होने चाहिए।
IAS मुख्य परीक्षा 2017 के प्रश्नपत्रों के माध्यम से IAS परीक्षा को बेहतर समझने का प्रयास करें: -
निबन्ध:
1. भारत में अधिकतर कृषक के लिए कृषि जीवन-निर्वाह का एक सक्षम स्रोत नहीं रही है।
2. भारत में संघ और राज्यों के बीच राजकोषीय संबंधों पर नए आर्थिक उपायों का प्रभाव।
पूरा पेपर पढ़े: IAS मुख्य परीक्षा 2017: निबन्ध पेपर
सामान्य अध्ययन:
1. आप इस विचार को, कि गुप्तकालीन सिक्काशास्त्रीय कला की उत्कृष्टता का स्तर बाद के समय में नितांत दर्शनीय नहीं है, किस प्रकार सही सिद्ध करेंगे? (150 शब्द)
2. सुस्पष्ट कीजिए कि मध्य-अठारहवीं शाताब्दी का भारत विखण्डित राज्यतंत्र की छाया से किस प्रकार ग्रसित था। (150 शब्द)
पूरा पेपर पढ़े: IAS मुख्य परीक्षा 2017: सामान्य अध्ययन पेपर 1
1. “भारत में स्थानीय स्वशासन पद्धति, शासन का प्रभावी साधन साबित नहीं हुई है| “ इस कथन का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए तथा स्थिति में सुधार के लिए अपने विचार प्रस्तुत कीजिए| (150 शब्द)
2. भारत में उच्चतर न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति के सन्दर्भ में ‘राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम, 2014’ पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का समालोचनात्मक परिक्षण कीजिए| (150 शब्द)
पूरा पेपर पढ़े: IAS मुख्य परीक्षा 2017: सामान्य अध्ययन पेपर 2
1. भारत की संभाव्य संवृद्धि के अनेक कारको में बचत दर, सर्वाधिक प्रभावी है। क्या आप इससे सहमत हैं? संवृद्धि संभाव्यता के अन्य कौन से कारक उपलब्ध हैं? (उत्तर 150 शब्दों में दें)
2. श्रम-प्रधान निर्यातों के लक्ष्य को प्राप्त करने में विनिर्माण क्षेत्रक की विफलता के कारण बताइए। पूंजी-प्रधान निर्यातों की अपेक्षा अधिक श्रम-प्रधान निर्यातों के लिए, उपायों को सुझाइए। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
पूरा पेपर पढ़े: IAS मुख्य परीक्षा 2017: सामान्य अध्ययन पेपर 3
1. सार्वजनिक क्षेत्र में हित-संघर्ष तब उत्पन्न होता है, जब निम्नलिखित की एक-दूसरे के ऊपर प्राथमिकता रखते हैं:
(a) पदीय कर्तव्य
(b) सार्वजनिक हित
(c) व्यक्तिगत हित
प्रशासन में इस संघर्ष को कैसे सुलझाया जा सकता है? उदाहरण सहित वर्णन कीजिए। (150 शब्द)
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