UPSC Topper Soumya Sharma: सौम्या शर्मा की UPSC यात्रा बहुत प्रेरणादायक है। महज 16 साल की उम्र में अपनी 90-95% सुनने की क्षमता खोने के बाद भी उन्होंने इस बाधा को अपने सपनों के आड़े नहीं आने दिया। 23 साल की उम्र में, उन्होंने केवल चार महीने सिविल सेवा परीक्षा (CSE) की तैयारी की। उन्होंने यह तैयारी बिना किसी कोचिंग के की और अपने पहले ही प्रयास में अखिल भारतीय स्तर पर 9वीं रैंक हासिल करके परीक्षा पास कर ली। उन्होंने आरक्षण नीति का भी लाभ नहीं उठाया और सामान्य श्रेणी से परीक्षा दी।
UPSC Topper Soumya Sharma: एजुकेशनल क्वालिफिकेशन
सौम्या दिल्ली की रहने वाली हैं और उन्होंने अपनी पूरी पढ़ाई दिल्ली से ही की है। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने नई दिल्ली के प्रतिष्ठित नेशनल लॉ स्कूल से कानून की पढ़ाई की। उनके माता-पिता डॉक्टर हैं और मुश्किल समय में वे ही उनका सबसे बड़ा सहारा थे। जब सौम्या 11वीं कक्षा में थीं, तब उनकी सुनने की क्षमता काफी कम होने लगी थी। बहुत ही कम उम्र में, यानी 16 साल की उम्र में, उन्हें सुनने के लिए हियरिंग एड का सहारा लेना पड़ा।
UPSC से पहले सौम्या का सफर
साल 2016 में, जब वे लॉ स्कूल के अंतिम वर्ष में थीं, तब सौम्या ने दिल्ली हाई कोर्ट को एक प्रभावशाली पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने सुनने में अक्षम छात्रों के लिए न्यायिक सेवाओं में आरक्षण बढ़ाने का अनुरोध किया था। उनकी याचिका सफल रही और बिना किसी मुकदमे के इसे शामिल कर लिया गया। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी ने इस विस्तार को मंजूरी दे दी थी।
सौम्या की UPSC तैयारी की यात्रा
साल 2017 में प्रीलिम्स से ठीक 4 महीने पहले शुरू की। उन्होंने मुख्य रूप से खुद से पढ़ाई और इंटरनेट पर भरोसा कर पढ़ाई की। वे हर दिन 5-6 घंटे तक पढ़ाई करती थीं। उन्होंने 'द हिंदू' और अन्य विश्वसनीय सोर्स को पढ़ना अपनी मुख्य आदत बना लिया। जिसके बाद उन्होंने क्वालीफाइंग CSAT को गंभीरता से लिया। आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए उन्होंने SSC और बैंक PO के स्टडी मटेरियल से प्रैक्टिस की।
वे नियमित रूप से पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों और टेस्ट सीरीज को हल करती थीं। उन्होंने कानून को अपने वैकल्पिक विषय के रूप में चुना। इसके लिए उन्होंने लॉ स्कूल में अपनी मजबूत कानूनी पढ़ाई का फायदा उठाया।
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