आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ इन दिनों मशीन लर्निंग भी चर्चा में है। फेक न्यूज पर नियंत्रण के लिए हाल में वाट्सएप द्वारा भी मशीन लर्निंग के इस्तेमाल का एलान किया गया। माना जा रहा है कि अगले एक साल में मशीन लर्निंग और ऑर्टिफिशियल इंटेजिलेंस के विशेषज्ञों की मांग में करीब 60 फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी। आइए जानें, मशीन लर्निंग में उपलब्ध कोर्स और बढ़ती संभावनाओं के बारे में...
मशीन लर्निंग
बैंकों से लेकर सुपर मार्केट्स तक में बहुत से काम मशीनें ही करती हैं। मशीनें ही ग्राहकों का स्वागत कर रही हैं। उन्हें उनके काम में सपोर्ट कर रही हैं। अमेरिका और यूरोपीय देशों में फॉस्ट फूड शॉप या फिर कॉल सेंटर जैसी जगहों पर मशीनें ही इंसानों की जगह इन दिनों सब कुछ कर रही हैं। लेकिन वह दिन दूर नहीं, जब ये इंटेलिजेंट मशीनें हर कदम आपकी मदद करेंगी। आपको कहां क्या चीज किफायती कीमत पर मिल सकती है, इस बारे में भी अपडेट करेंगी। यूं कहें कि इन मशीनों की भूमिका आपके लिए एक असिस्टेंट यानी सहायक की तरह होगी। इसमें मशीन लर्निंग तकनीक की अहम भूमिका होगी, जो तेजी से मशीनों को इंटेलिजेंट बनाती जा रही है। अभी रोबोट और चैटबोट के रूप में इसके उदाहरण हमारे सामने हैं, जो हूबहू हमसे इंसानों की आवाज में चैट कर सकते हैं। ऐसे में यह साफ है कि आने वाले दिनों में एजुकेशन, हेल्थकेयर, बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, फैशन, रिटेल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और मैन्युफैक्चरिंग जैसे कई क्षेत्रों में मशीन लर्निंग का वर्चस्व नजर आएगा। जाहिर है कि इन सब के लिए इसके जानकारों की भी मांग होगी। टैलेंट मैनेजमेंट सॉल्यूशंस प्रोवाइडर केलीओसीजी इंडिया की मानें, तो एआइ और मशीन लर्निंग के इस्तेमाल में ज्यों-ज्यों इजाफा हो रहा है, डीप लर्निंग ऐंड न्यूट्रल नेटवक्र्स जैसी तकनीक में दक्ष प्रोफेशनल्स की जरूरत बढ़ रही है।
तीन साल में दोगुनी डिमांड
विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच एक-दूसरे से आगे रहने और तेज गति से काम करने के लिए कंपनियों को ऑटोमेशन का सहारा लेना ही पड़ेगा। ऐसे में ऑटोमेशन के कारण कई नए तरह के जॉब के मौके पैदा होंगे। रिक्रूटमेंट कंपनी टीमलीज के एक अनुमान के अनुसार, 2020 तक करीब 3.5 मिलियन (35 लाख) नए जॉब ऑटोमेशन के कारण पैदा होंगे। इनमें मशीन लर्निंग डेवलपर्स, एआइ एक्सपट्र्स की भी भारी मांग होगी। हालांकि इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए युवाओं को समय रहते खुद को इसके लिए तैयार करना होगा। इनडीड की मानें, तो पिछले तीन सालों में एआइ/एमएल के जानकारों की मांग बढ़कर दोगुनी हो चुकी है। जॉब पोस्टिंग में भी करीब 119 पर्सेंट की उछाल देखी जा रही है। यही कारण है कि यह आज के टॉप 10 डिमांडिंग जॉब्स में शुमार है।
क्या है मशीन लर्निंग?
मशीन लर्निंग तकनीक का इस्तेमाल कई क्षेत्रों में हो रहा है। दरअसल, मशीन लर्निंग तकनीक मुख्य रूप से एआइ का ही एक पार्ट है, जो सॉफ्टवेयर को सही रूप से चलाने में मदद करती है। इस प्रक्रिया के तहत आजकल के स्मार्ट कंप्यूटर्स अपने एल्गोरिद्म से तमाम चीजों को खुद सीख लेते हैं और उन्हें किसी इंसान की मदद की जरूरत नहीं पड़ती। मशीन लर्निंग आजकल बहुत सारे एप्स में इस्तेमाल होता है। फ्लिपकार्ट, अमेजन, स्नैपडील जैसी शॉपिंग साइट्स भी मशीन लर्निंग का इस्तेमाल अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए खूब कर रही हैं।
आवश्यक योग्यता
यदि आप मशीन लर्निंग/आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में करियर बनाना चाहते हैं, तो मैथमेटिक्स, साइंस और साइकोलॉजी बैकग्राउंड का होना चाहिए। इसके अलावा, इस फील्ड में आने के लिए कुछ बुनियादी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखना भी फायदेमंद हो सकता है।
पैकेज है आकर्षक
मशीन लर्निंग/एआइ प्रोफेशनल्स को अभी बहुत आकर्षक सैलरी मिल रही है। 2 से 4 साल के अनुभवी लोगों को 20 लाख रुपये तक पैकेज मिल जाता है।
मौजूद हैं ऑनलाइन कोर्स
शैक्षणिक संस्थानों में नई तकनीकी स्किल्स, जैसे-एआइ, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) पर आधारित पाठ्यक्रमों की पढ़ाई पर ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) जोर दे रहा है। आइआइटी खड़गपुर समेत कई संस्थानों में इससे संबंधित कोर्स चलाए जा रहे हैं। लेकिन मशीन लर्निंग में ज्यादातर कोर्स अभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ही मौजूद हैं, जैसे:
गूगल: गूगल भी मशीन लर्निंग क्रैश कोर्स (एमएलसीसी) चला रहा है। इसके लिए 'लर्न विद गूगल एआइ' नाम से नई वेबसाइट शुरू की गई है, जहां से यह ऑनलाइन कोर्स किया जा सकता है। इस कोर्स की अवधि 15 घंटे की है। इस कोर्स में गूगल के रिसर्चर लेक्चर देते हैं।
कोर्सेरा: ऑनलाइन एजुकेशनल वेबसाइट कोर्सेरा मशीन लर्निंग में 11 हफ्ते का कोर्स करवाती है। कोर्स में अप्लॉयड मशीन लर्निंग, मशीन लर्निंग की तकनीकों तथा इसके पैटर्न आदि के बारे में पढ़ाया जाता है। इसमें छात्रों को प्रॉबैबिलिटी, लिनियर अलजेब्रा और कंप्यूटर साइंस के बेसिक्स के बारे में भी पढ़ाया जाता है।
बड़े पैमाने पर जॉब स्कोप आज से 10 साल बाद हम मशीन लर्निंग के बिना दुनिया के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं। आज भी यह संभव नहीं है। गूगल मैप इसका सबसे अच्छा उदाहरण है, जो आपको जाम से बचने के लिए खुद बताता है कि किस रास्ते से आप जल्दी गंतव्य तक पहुंच सकते हैं। यही तकनीक सारे स्मार्ट डिवाइसेज में इस्तेमाल हो रही हैं। इसलिए इस क्षेत्र में बहुत बड़े पैमाने पर स्कोप है, खासकर उन युवाओं के लिए जो मैथ से 12वीं हैं और किसी भी टेक्निकल फील्ड में ग्रेजुएशन किया है। फिलहाल, मशीन लर्निंग टैलेंट्स की सबसे ज्यादा मांग रोबोटिक्स, ई-कॉमर्स, सिक्योरिटी तथा ऑटोमेशन फील्ड में है। दिवाकर वैश्य |
उडासिटी: ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म उडासिटी पर मशीन लर्निंग में 10 हफ्ते का कोर्स कराया जा रहा है। इस कोर्स में मशीन लर्निंग तकनीक का उपयोग कर डाटा सेट मैनेज करने के बारे में प्रशिक्षित किया जाता है।
एडएक्स: एडएक्स भी मशीन लर्निंग पर कोर्स संचालित करता है। इसमें बेसिक थ्योरी प्रिंसिपल, एल्गोरिद्म और मशीन लर्निंग के एप्लीकेशन के बारे में बताया जाता है। यह कोर्स भी 10 सप्ताह का है। इसके अलावा, एडएक्स के पास 5 हफ्तों का एक और कोर्स है जो मशीन लर्निंग में फ्रेशर्स को ऑफर किया जाता है।
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