क्या आप भारत के IIM कलकत्ता की तरह किसी टॉप MBA कॉलेज से MBA करने की योजना बना रहे हैं? अगर हां तो इससे पहले आपको भारत में मैनेजमेंट एजुकेशन से जुड़े समस्त पहलूओं को गहराई से जानना होगा तभी आप एक सही निर्णय ले पाएंगे. भारत के टॉप मैनेजमेंट और बी स्कूल्स किस तरह काम करते हैं अथवा उनके ऑपरेशन की प्रक्रिया क्या है?..... इस विषय में स्टूडेंट्स को व्यापक जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से Jagranjosh.com ने एक नयी सीरिज़ शुरू की है जिसके तहत IIM के फैकल्टी मेम्बर्स या पूर्व छात्र अपने अनुभवों के आधार पर स्टूडेंट्स के लिए उपयोगी जानकारी शेयर करेंगे ताकि उन्हें अपनी स्टडी या फिर प्रोफेशनल लाइफ में किसी तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े. इस इनिशिएटिव के जरिये प्रोफेसर रुना सरकार – डीन एकेडमिक, IIM कलकत्ता, IIM में केस मेथड और केस स्टडीज़ के महत्व पर प्रकाश डाल रही हैं. इसके अतिरिक्त इस वीडियो में वे मैनेजमेंट एजुकेशन से जुड़े की फंक्शनल एरिया जैसेकि MBA स्पेशलाइज़ेशन और IIM में पढ़ाई के दौरान किस तरह के स्किल्स स्टूडेंट्स सीख सकते हैं जैसे विभिन्न तथ्यों पर भी वे अपनी राय तथा अनुभव शेयर कर रही हैं. इंटरव्यू के कुछ खास अंशकेस स्टडीज़/ केस मेथड का महत्वहमारे देश भारत में कोई इंडियन मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट बस नाम से ही एक मैनेजमेंट स्कूल हीं होता है. एक एकेडमिक डोमेन के रूप में यह बहुत विशाल एरिया और मुद्दों को कवर करता है जिसका ज्ञान हर किसी को होना चाहिए अथवा जिसके विषय में जानना सबके लिए जरुरी है. फिर चाहे वे कितने भी क्वालिफाइड या अनुभवी व्यक्ति ही क्यों न हों? इसलिए किसी केस मेथड को फॉलो करना या किसी केस स्टडी का प्रयोग करना, अनुभवी और अनुभवहीन दोनों तरह के मैनेजमेंट स्टूडेंट्स को मैनेजमेंट से जुड़े पहलुओं की तुरंत व्यापक जानकारी प्रदान करते हैं. मैनेजमेंट प्रोसेस और उसके सिद्धांतों को दर्शाने के लिए केस मेथड और केस स्टडीज़ बहुत महत्वपूर्ण टूल्स हैं. मेजर फंक्शनल एरिया/ MBA स्पेशलाइज़ेशनमैनेजमेंट प्रोग्राम करते समय स्टूडेंट्स विभिन्न प्रोग्राम्स में अपने कोर्स करिकुलम को अपनी सहूलियत के लिए कई भागों में बांटने की कोशिश करते हैं जबकि इस सिलसिले में IIM कलकत्ता मैनेजमेंट एजुकेशन के लिए एक जनरल अप्रोच को विकसित करने में विश्वास रखता है. जहां तक मेजर फंक्शनल एरियाज़ या फिर टॉप स्पेशलाइजेशन की बात है, तो इसमें मार्केटिंग, फाइनेंस, ह्यूमन रिसोर्स, इनफ़ॉर्मेशन सिस्टम, ऑपरेशन मैनेजमेंट, सप्लाई चेन मैनेजमेंट और कई नए डोमेन जैसे बिजनेस एनालिटिक्स आदि बहुत महत्वपूर्ण हैं जिनकी मार्केट में काफी डिमांड है. लेकिन इन सारे फंक्शनल एरियाज़ को स्टूडेंट्स द्वारा परिभाषित किया गया है. IIM कलकत्ता में MBA एक जनरलाइज्ड प्रोग्राम है. हम ऑफिशियली कोई फंक्शनल स्पेशलाइज़ेशन ऑफर नहीं करते हैं. MBA प्रोग्राम के दौरान आप सीखेंगे ये स्किल्सएक और खास बात तो यह है कि MBA कैंडिडेट्स को MBA के बारे में यह समझ लेना चाहिए कि यह एक प्रोफेशनल प्रोग्राम है. यह किसी पोलिटेक्निक कॉलेज की तरह नहीं हैं जहां आप कोई स्किल सीखते हैं. यह बात सही है कि आप कोई MBA प्रोग्राम करते समय कुछ स्किल्स अवश्य सीखते हैं लेकिन, इससे आगे आप एक दृष्टिकोण विकसित करते हैं अर्थात स्टूडेंट पर्सपेक्टिव विकसित करते हैं और अवसर आने पर उसे अप्लाई करते हैं. उदहारण के लिए आप दीवार में एक सुराख़ करने के लिए एक ड्रिल का उपयोग कर सकते हैं या आप किसी हथोड़े या अपने नाखून का उपयोग भी कर सकते हैं. लेकिन हमेशा आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले दो विकल्पों में से एक का चयन दीवार की गुणवत्ता पर निर्भर करता है. एक MBA प्रोग्राम आपको यही बताता है कि, किस चीज या ज्ञान का इस्तेमाल कब और कौन-सी जगह पर करना है? आसान शब्दों में अगर हम कहें तो, यह सिर्फ टूल की ही बात नहीं करता है. टूल निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है लेकिन यह सिर्फ शुरूआती दौर में ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. सही नजरिया और संदर्भ किसी भी समस्या को हल करने के लिए बहुत जरुरी होते हैं. |
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