भारत में कॉमर्स विदआउट मैथ्स पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए विशेष कोर्स ऑप्शन

अगर मैथ्स में आपकी दिलचस्पी नहीं है या फिर आपको मैथ्स के नाम से ही घबराहट होती है और आपने अपनी 12वीं क्लास कॉमर्स विदआउट मैथ्स पास की है तो, इस आर्टिकल में हम आपके लिए कुछ विशेष करियर ऑप्शन्स पेश कर रहे हैं.

Some Best Course Options for Students studying Commerce without Maths
Some Best Course Options for Students studying Commerce without Maths

बहुत से स्टूडेंट्स को मैथ्स से काफी डर लगता है क्योंकि उन्हें मैथ्स अच्छी तरह समझ नहीं आता या वे स्टूडेंट्स मैथ्स सब्जेक्ट दिलचस्पी न होने के कारण पूरी मेहनत नहीं कर पाते जिससे इन स्टूडेंट्स के मैथ्स के बेसिक कॉन्सेप्ट कमजोर रह जाते हैं और ये स्टूडेंट्स अपनी 11वीं और 12वीं क्लास में मैथ्स छोड़कर अन्य विषय पढ़ते हैं. कॉमर्स स्ट्रीम में भी अधिकतर स्टूडेंट्स मैथ्स लिए बिना ही कॉमर्स के विभिन्न - बिजनेस स्टडीज़, इकोनॉमिक्स, एकाउंट्स - पढ़ते हैं. परंतु, आज भी अनेक लोग ऐसा सोचते हैं कि, अगर स्टूडेंट्स अपनी 12वीं क्लास विदआउट मैथ्स कॉमर्स में पास करते हैं तो बहुत अच्छे मार्क्स से 12वीं क्लास पास करने के बावजूद ऐसे स्टूडेंट्स के लिए कॉमर्स स्ट्रीम में आगे अच्छे कोर्स ऑप्शन्स या करियर ऑप्शन्स उपलब्ध नहीं होते हैं. अगर आप एक ऐसे स्टूडेंट हैं जिसने अपनी 12वीं क्लास में मैथ्स के बिना कॉमर्स स्ट्रीम की पढ़ाई की है और अब आपको यह समझ नहीं आ रहा है कि कौन-सा कोर्स लेकर अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करें तो यह आर्टिकल आपको विशेष जानकारी देगा ताकि आप अपना कंफ्यूजन दूर कर लें और ग्रेजुएशन लेवल पर थोड़ी से मेहनत करके मनचाहा करियर या सूटेबल जॉब ज्वाइन कर सकें.

Career Counseling

क्या आप भी कॉमर्स विदआउट मैथ्स पढ़ने वाले एक स्टूडेंट हैं?  

अगर हां! हो ये हैं आपके लिए कॉमर्स की फील्ड से संबंधित ये विशेष कोर्स ऑप्शन्स:

 

  • बैचलर ऑफ कॉमर्स और इसके विभिन्न कोर्स ऑप्शन

अगर स्टूडेंट्स 12वीं के बाद कॉमर्स में तीन साल की ग्रेजुएशन करना चाहते हैं तो बीकॉम एक सबसे बढ़िया ऑप्शन है. बैचलर ऑफ कॉमर्स में डिग्री हासिल करने के बाद टैक्सेशन, फाइनांस, अकाउंटिंग, गुड्स अकाउंटिंग तथा अन्य क्षेत्रों में ये स्टूडेंट्स रोजगार की तलाश कर सकते हैं. बैचलर ऑफ कॉमर्स में मुख्य रूप से प्रोफिट एंड लॉस, कंपनी लॉ, गुड्स अकाउंटिंग, अकाउंट्स आदि विषयों का विस्तृत अध्ययन करवाया जाता है. अगर आप इन सभी फील्ड में से किसी एक फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के लिए आपको बैचलर ऑफ कॉमर्स कोर्स ही पढ़ना चाहिए.

आपके लिए बीकॉम ग्रेजुएशन के कुछ अन्य बेहतरीन ऑप्शन्स निम्नलिखित हैं:

  • बैचलर ऑफ कॉमर्स (ऑनर्स)
  • बैचलर ऑफ कॉमर्स - फाइनेंशियल मार्केट्स
  • बैचलर ऑफ कॉमर्स - एकाउंटिंग एंड फाइनांस
  • बैचलर ऑफ कॉमर्स - बैंकिंग एंड इंश्‍योरेंस
  • कंपनी सेक्रेटरी

आजकल कंपनी सेक्रेटरी का कोर्स कॉमर्स स्टूडेंट्स के बीच काफी लोकप्रिय है. सेक्रेटरी का कोर्स इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) से किया जा सकता है. फाइन आर्ट्स के बिना साइंस, कॉमर्स और ऑर्ट्स में 12वींकरने वाले स्टूडेंट्स कंपनी सेक्रेटरी कोर्से के लिए योग्य माने जाते हैं. इसकी पढ़ाई तीन चरणों में कराई जाती है.फाउंडेशन,एग्जिक्यूटिव और प्रोफेशनल. ग्रेजुएशन पूरा करने वाले स्टूडेंट्स डायरेक्ट एग्जिक्यूटिव प्रोग्राम में भाग ले सकते हैं.एग्जिक्यूटिव और प्रोफेशनल कोर्स करने के बाद किसी कंपनी या किसी अनुभवी या प्रैक्टिस कर रहे कंपनी सेक्रेटरी के साथ 16 महीने की ट्रेनिंग करना अनिवार्य होता है. प्रोफेशनल कोर्स और ट्रेनिंग के बाद आईसीएसआई का एसोसिएट सदस्य बनने की योग्यता प्राप्त हो जाती है.

  • चार्टर्ड अकाउंटेंट

द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) द्वारा चार्टर्ड अकाउंटेंट का कोर्स कराया जाता है. सीए बनने के लिए सबसे पहले कॉमन प्रोफिसिएंसी टेस्ट (सीपीटी) देना पड़ता है. इस टेस्ट को पास करने के बाद ही छात्रों की सीए बनने की जर्नी शुरू होती है. चार्टर्ड अकाउंटेंसी में कुल चार विषय मर्केटाइल लॉ, अकाउंटिंग जनरल इकोनॉमिक्स एवं क्वांटिटेटिव एप्टीटय़ूड विषयों की पढ़ाई मुख्य रूप से होती है.इसके लिए किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कॉर्मस स्ट्रीम में 12वीं पास करना एक अनिवार्य योग्यता है.कुछ स्टूडेंट्स ग्रेजुएशन करने के बाद भी सीए कोर्स में एडमिशन लेते हैं.लेकिन सीए कोर्स की अत्यधिक लंबी अवधि की वजह से सीए की शुरुआत का सही समय 12वीं पास करने के बाद ही है. सीए की तैयारी के लिए छात्रों को अकाउंटिग सब्जेक्ट का अच्छा ज्ञान होना चाहिए.इसके अतिरिक्त एक सफल सीए बनने के लिए स्टूडेंट्स के पास मैनेजमेंट तथा फायनांस के विषय में भी पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए.

  • कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंट

यह सीए से मिलता-जुलता कोर्स है. द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट ऑफ इंडिया कॉस्ट अकाउंटेंसी का कोर्स कराता है. कॉमर्स स्ट्रीम से 12वीं करने के बाद स्टूडेंट्स कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंट के कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं. लेकिन इसके लिए 12वीं पास स्टूडेंट्स को सबसे पहले फाउंडेशन कोर्स करना जरूरी होता है. कोर्स पूरा करने के बाद स्टूडेंट्स कॉस्ट अकाउंटेंट और इससे जुडे़ पदों पर काम कर सकते हैं. कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंट कोर्स में एडमिशन के लिए साल में दो बार जून और दिसम्बर में एंट्रेंस एग्जाम होता है. फाउंडेशन कोर्स के बाद इंटरमीडिएट कोर्स करना होता है और फिर सीए की भांति  ही फाइनल एग्जाम देकर इस कोर्स को पूरा किया जाता है.

  • बैचलर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन

वैसे तो किसी स्‍ट्रीम से 12वीं करने वाले स्‍टूडेंट बीबीए आसानी से कर सकते हैं, लेकिन कॉमर्स स्‍टूडेंट्स के बीच यह कोर्स बहुत ज्यादा लोकिप्रिय है. यह तीन वर्ष का कोर्स है, जिसमें स्‍टूडेंट्स को बिजनेस एडमिनिस्‍ट्रेशन से जुड़े सभी पहलुओं की जानकारी प्रदान की जाती है. इस कोर्स के बाद एमबीए किया जा सकता है.इस कोर्स को पूरा करने के बाद स्‍टूडेंट्स विभिन्‍न कंपनियों के एचआर, फाइनांस, सेल्स और मार्केटिंग विभाग में नौकरी की तलाश कर नौकरी कर सकते हैं.

  • बैचलर इन लॉ

मैथ्स के बिना अपनी 12वीं क्लास कॉमर्स स्ट्रीम से पास करने वाले स्टूडेंट्स बीकॉम – एलएलबी, बीबीए – एलएलबी और बीए – एलएलबी की डिग्री हासिल करके लॉ की विभिन्न फ़ील्ड्स में अपना करियर शुरू कर सकते हैं.  

  • बीसीए (आईटी एंड सॉफ्टवेयर)

कॉमर्स स्ट्रीम से 12 वीं करने के बाद बीसीए आईटी एंड सॉफ्टवेयर का कोर्स करने का भी ऑप्शन मौजूद हैबीसीए विशेष रूप से उन स्टूडेंट के लिए है जो कंप्यूटर की भाषाओं की दुनिया को जानने की तीव्रतम इच्छा रखते हैंएक बीसीए की डिग्री कम्प्यूटर साइंस या इनफ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में बीटेक / बीई डिग्री के बराबर मानी जाती है। एक कैंडिडेट जिसने गणित के साथ किसी भी विषय से 12वीं पास की हो वो इसके लिए योग्य माने जाते हैं.इसलिए अगर कॉमर्स स्टूडेंट चाहें तो ये कोर्स कर सकते हैं. उनके लिए यह एक बेहतर ऑप्शन साबित हो सकता है.

  • बैचलर ऑफ़ फॉरेन ट्रेड

अगर आप भारत के अलावा किसी अन्य देश में अपना कारोबार शुरू करना चाहते हैं या फिर, फॉरेन ट्रेड में अपना करियर शुरू करना चाहते हैं तो आप यह ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स जरुर करें. यह भी 3 साल का डिग्री कोर्स है जिसमें लोजिस्टिक्स, इम्पोर्ट, एक्सपर्ट, मैनेजमेंट, सप्लाई चेन और ट्रेड/ फॉरेन ट्रेड लॉज़ के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाता है.

  • बैचलर ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज़

यह एक 3 साल का अंडरग्रेजुएट मैनेजमेंट कोर्स है जिसे करने पर स्टूडेंट्स के मैनेजमेंट स्किल्स निखर जाते हैं और यह डिग्री हासिल करने के बाद स्टूडेंट्स मैनेजमेंट की विभिन्न फ़ील्ड्स में अपना करियर शुरू कर सकते हैं.

  • इवेंट मैनेजमेंट

यह अपेक्षाकृत एक नया करियर/ कोर्स विकल्प है. यह भी 3 साल का डिग्री कोर्स है और आप बीबीए – इवेंट मैनेजमेंट या बीए – इवेंट मैनेजमेंट करने के साथ ही बैचलर ऑफ़ इवेंट मैनेजमेंट का कोर्स कर सकते हैं. यह डिग्री हासिल करने के बाद आपको बहुत अच्छे करियर ऑप्शन्स मिलेंगे.

  • ट्रेवल एंड टूरिज्म

आज जब पूरी दुनिया में टूरिज़्म इकॉनमी को लगातार बढ़ावा मिल रहा है तो आपके लिए ट्रेवल एंड टूरिज्म में बैचलर डिग्री हासिल करना बहुत ही बेहतरीन कोर्स विकल्प साबित होगा. ट्रेवल एंड टूरिज्म में आप बीए और बीबीए की डिग्री हासिल कर सकते हैं.

  • होटल मैनेजमेंट

यह डिग्री कोर्स भी 3 साल का है जिसे हासिल करने के बाद आपको होटल एंड हॉस्पिटैलिटी, कैटरिंग  सेक्टर में काफी आकर्षक करियर ऑफर्स मिलेंगे. इस फील्ड से संबंधित कुछ प्रमुख कोर्स विकल्प निम्नलिखित हैं:

  • बैचलर ऑफ़ फ़ूड एंड बेवरेजेज प्रोडक्शन
  • बीए – कलिनरी आर्ट्स
  • बीए – होटल मैनेजमेंट
  • बीबीए – होटल मैनेजमेंट
  • बैचलर – कैटरिंग मैनेजमेंट
  • बैचलर ऑफ़ हॉस्पिटैलिटी एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी

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