भारत की श्वेता रेड्डी को लाफायेट कॉलेज में 02 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति के साथ डायर फैलोशिप से सम्मानित किया गया है. इस 17 वर्षीय श्वेता रेड्डी के पैशन एंड विजन टू 'इम्पैक्ट द वर्ल्ड' ने उन्हें लाफायेट कॉलेज, यूएसए में 02 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति हासिल करने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है. श्वेता ने अपनी समस्या सुलझाने के कौशल के आधार पर, अमेरिका के शीर्ष रैंक वाले इस कॉलेज में डायर फैलोशिप के लिए चुने गए 06 ग्लोबल स्कॉलर्स में से एक के तौर पर अपना स्थान बनाया है. यह छात्रवृत्ति और फैलोशिप हासिल करने के बाद उन्होंने यह कहा कि, कैसे उनकी “यह संभव है” भावना ने उनके इस सपने को हकीकत में बदलने में मदद की.
हमारे देश में इस कोरोना काल में जब अधिकतर युवा और बच्चे सोशल मीडिया फीड्स को स्क्रॉल करने में अक्सर व्यस्त रहते हैं, तो दुनिया पर प्रभाव डालने के बारे में सोचना कुछ अजीब लग सकता है. लेकिन, श्वेता रेड्डी की किसी भी समस्या को हल करने की इच्छा और दुनिया को बदलने के उनके जुनून ने उन्हें दुनिया में यह सम्मान दिलवाया है. श्वेता एक होनहार छात्रा रही हैं, लेकिन इस अकादमिक प्रतिभा से कहीं अधिक, उनके मजबूत इरादे ने ही उन्हें लाफायेट कॉलेज में चयन समिति पर अपना स्थायी प्रभाव छोड़ने में मदद की. वर्ष 1826 में स्थापित, लाफायेट कॉलेज को अमेरिका के शीर्ष 25 कॉलेजों में प्रमुख स्थान प्राप्त है और इस कॉलेज को आमतौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के हिडन आइवी (छुपे रुस्तम) के रूप में माना जाता है.
श्वेता ने देखे 14 साल की उम्र में बड़े सपने
श्वेता ने इस आयु में ही यह महसूस किया कि, उन्हें स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए अमेरिका के किसी शीर्ष कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता होगी. लेकिन, ‘जहां चाह, वहां राह’ और श्वेता के मामले में भी कुछ ऐसा ही सच साबित हुआ. उन्हें शैक्षिक अवसरों और प्रशिक्षण के माध्यम से अगली पीढ़ी के नेताओं को शक्ति प्रदान करने वाले राष्ट्रीय संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल ने खोजा और तैयार किया. तीन वर्षों तक 'कॉलेज के लिए निपुणता' के लिए, उन्होंने न केवल अपने लिए बल्कि अपने आसपास की दुनिया के लिए भी 'ड्रीम बिग' के आधार पर प्रशिक्षण, समर्थन और सलाह प्राप्त की. श्वेता ने डेक्सटेरिटी ग्लोबल और उनके गुरु शरद सागर के लिए अपना बहुत आभार व्यक्त किया है, क्योंकि वे हर कदम पर श्वेता के साथ रहे हैं.
श्वेता ने हासिल की नई बुलंदी
श्वेता को लाफायेट कॉलेज में गणित और कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल करने के लिए 02 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति से सम्मानित किया जाना वास्तव में कोई मामूली उपलब्धि नहीं है. यह छात्रवृत्ति लाफायेट कॉलेज में पूरे चार वर्षों के लिए श्वेता के पूर्ण शिक्षण और रहने के खर्च को कवर करती है. लेकिन, जो बात उनकी इस उपलब्धि को और भी महत्वपूर्ण बनाती है वह यह है कि, वह दुनिया भर के उन 06 छात्रों में से एक हैं, जिन्हें लाफायेट कॉलेज में प्रतिष्ठित "डायर फैलोशिप" प्राप्त हुई है. लाफायेट कॉलेज के अनुसार, यह फेलोशिप केवल ऐसे छात्रों के चुनिंदा समूह को प्रदान की जाती है जो "अपनी दुनिया को प्रभावित करने के लिए अभियान चलाने और आंतरिक प्रेरणा के साथ-साथ समस्या-समाधान पर भी निरंतर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं".
श्वेता GenX की ‘सब कुछ संभव है’ भावना का प्रतीक है क्योंकि दुनिया के किसी सबसे प्रतिष्ठित कॉलेज से अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, वह भारत और उसके नागरिकों के सामने आने वाली समस्याओं को हल करने के लिए अपना जीवन समर्पित करने की योजना बना रही है और उन्हें ऐसा लगता है कि, उनकी विश्व स्तरीय शिक्षा उन्हें दुनिया पर स्थायी प्रभाव छोड़ने के काबिल बना सकती है.
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