हमारे देश के अधिकतर स्टूडेंट्स आजकल भी डॉक्टर के पेशे को अपनाना चाहते हैं क्योंकि इस पेशे में पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर बहुत अधिक सम्मान के साथ ही काफी आकर्षक सैलरी पैकेज भी मिलता है. अक्सर डॉक्टर्स प्राइवेट क्लिनिक खोलकर भी काफ़ी अच्छी कमाई कर लेते हैं. इसी तरह, हमारे देश में ठीक हो जाने पर मरीज और उनका परिवार डॉक्टर को भगवान का दर्जा भी दे देते हैं. लेकिन मेडिकल लाइन में डॉक्टर, नर्स या किसी भी अन्य पेशे के लिए आपके पास सूटेबल एजुकेशनल क्वालिफिकेशन और डिग्री जरुर होनी चाहिए. यहां हम मेडिकल स्टूडेंट्स की सुविधा के लिए भारत के टॉप मेडिकल इंस्टीट्यूशन्स की चर्चा कर रहे हैं. भारत सरकार का मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) प्रत्येक वर्ष नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के माध्यम से नेशनल लेवल पर कई पैरामीटर्स के मुताबिक देश के टॉप एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस का मूल्यांकन और रैंकिंग का काम करता है. यहां हम आपको यह भी बताना चाहते हैं कि, भारत के टॉप मेडिकल इंस्टीट्यूशन्स की रैंकिंग भी प्रत्येक वर्ष एनआईआरएफ ही जारी करता है. हम यहां आपकी सहूलियत के लिए भारत के टॉप मेडिकल इंस्टीट्यूशन्स के संबंध में एनआईआरएफ रैंकिंग लिस्ट भी पेश कर रहे हैं.

- एम्स, दिल्ली
वर्ष 1953 में स्थापित, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, दिल्ली एक सार्वजनिक मेडिकल कॉलेज और सार्वजनिक मेडिकल रिसर्च यूनिवर्सिटी है. यह यूनिवर्सिटी एक ऑटोनोमस बॉडी है जो मिनिस्ट्री ऑफ़ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के सीधे नियंत्रण के तहत काम करती है. एम्स, दिल्ली की उपलब्धियों की काफी लंबी लिस्ट है जिसकी वजह से एम्स, दिल्ली भारत के टॉप मेडिकल कॉलेजों की लिस्ट में सबसे ऊपर स्थित है. एम्स, दिल्ली की प्रमुख उपलब्धियों में कुछ निम्नलिखित हैं:
- सफल कार्डियक ट्रांसप्लांट के लिए पहला भारतीय केंद्र.
- भारत का पहला और एकमात्र मिनिमली इंवेसिव सर्जरी ट्रेनिंग सेंटर.
- सार्वजानिक क्षेत्र में भारत की पहली इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन फैसिलिटी.
- भारत की पहली डीएनए प्रोफिलिंग लेबोरेटरी.
- भारत की पहली मेडिकल टॉक्सिकोलॉजी लेबोरेटरी.
अपनी क्वालिटी मेडिकल एजुकेशन और विश्व-स्तर के रिसर्च इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा समर्थित, एम्स, दिल्ली भारत के मेडिकल कॉलेजों में सबसे टॉप स्पॉट पर स्थित है.
- पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़
दी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़ को एनआईआरएफ रैंकिंग, 2018 के मुताबिक भारत के टॉप मेडिकल कॉलेजों की लिस्ट में दूसरा स्थान प्राप्त है. यह इंस्टीट्यूट एक प्रमुख मेडिकल कॉलेज है जो स्टूडेंट्स को एजुकेशनल फैसिलिटीज ऑफर करने के साथ ही विभिन्न साइंटिस्ट्स, रिसर्चर्स और मेडिकल प्रैक्टिशनर्स के लिए एक प्रसिद्ध रिसर्च इंस्टीट्यूट है. इस इंस्टीट्यूट की स्थापना वर्ष 1962 में की गई थी और वर्ष 1966 में इसे ‘इंस्टीट्यूट ऑफ़ नेशनल इम्पोर्टेंस’ का स्टेटस दिया गया.
एक पोस्टग्रेजुएट कॉलेज होने के कारण, यह इंस्टीट्यूट मास्टर ऑफ़ सर्जरी (एमएस), डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन (एमडी), डॉक्टर ऑफ़ फिलोसोफी (पीएचडी), मास्टर ऑफ़ डेंटल सर्जरी (एमडीएस), मास्टर इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन (एमएचए), मास्टर इन पब्लिक हेल्थ (एमपीएच), मेडिसिन डॉक्टरेट (डीएम) और मैजिस्टर चिरुरगिइए (Magister Chirurgiae - MCh) प्रोग्राम्स ऑफर करता है.
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- क्रिश्चयन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर
क्रिश्चयन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) की स्थापना वर्ष 1900 में देश के पहले मेडिकल कॉलेज के तौर पर हुई थी. वेल्लोर, तमिलनाडु में स्थापित यह कॉलेज एक प्राइवेट रिसर्च इंस्टीट्यूट है. सीएमसी को मेडिकल सर्कल्स में सम्मानपूर्वक ‘कॉलेज ऑफ़ मैनी फर्स्ट्स’ कहा जाता है क्योंकि इस मेडिकल कॉलेज में पहला सफल ओपन हार्ट ऑपरेशन (1961), पहला किडनी ट्रांसप्लांट (1971) और पहला बोनमैरो ट्रांसप्लांट (1986) हुआ था. इसके अलावा, यह कॉलेज वर्ष 1948 में लेपर्सी के लिए दुनिया में पहली रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के लिए अंतर्राष्ट्रीय तौर पर भी जाना जाता है.
एकेडेमिक तौर पर, मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस, 57 पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा और डिग्री मेडिकल कोर्सेज, 4 अलाइड हेल्थ साइंस कोर्सेज और नर्सिंग में 14 डिप्लोमा कोर्सेज तथा 52 फ़ेलोशिप कोर्सेज ऑफर करता है. लगभग 2500 स्टूडेंट्स यहां विभिन्न एकेडेमिक प्रोग्राम्स के तहत हर साल एडमिशन लेते हैं. भारत में मेडिकल एजुकेशन की दिशा में निरंतर प्रगतिशील रहने की प्रतिबद्धता के साथ ही, सीएमसी ने भारत के मेडिकल कॉलेजों की एनआईआरएफ रैंकिंग, 2018 में तीसरा स्थान प्राप्त किया है.
- कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मनिपाल
मनिपाल, कर्नाटक में स्थापित, कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज भारत के टॉप मेडिकल कॉलेजों की लिस्ट में चौथे नंबर पर है. इस कॉलेज की स्थापना वर्ष 1953 में हुई थी और इस कॉलेज को भारत का पहला सेल्फ-फाइनेंस्ड मेडिकल कॉलेज होने का गौरव प्राप्त है. इस कॉलेज को मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया के साथ ही कई इंटरनेशनल एजेंसियों जैसेकि, जनरल मेडिकल काउंसिल ऑफ़ ग्रेट ब्रिटेन, दी ऑस्ट्रे लियन मेडिकल काउंसिल और दी अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन से मान्यता प्राप्त है. कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मनिपाल मेडिकल और डेटल साइंस की फ़ील्ड्स में विभिन्न अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट, डिप्लोमा सर्टिफिकेट और एडवांस्ड सुपर स्पेशलिटी प्रोग्राम्स ऑफर करता है.
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- किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ
वर्ष 1912 में स्थापित, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ भारत के सबसे पुराने मेडिकल कॉलेजों में से एक है. कॉलेज की शुरुआत किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के बैनर के तहत हुई थी जिसे बाद में छत्रपति शाहूजी महाराज मेडिकल यूनिवर्सिटी के नाम से जाना गया. लेकिन वर्ष 2002 में इसे वर्तमान नाम दिया गया. उक्त मेडिकल कॉलेज को यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) और मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया (एमसीआई) से मान्यता प्राप्त है. एकेडेमिक तौर पर, इस यूनिवर्सिटी के 4 महत्वपूर्ण विभाग हैं जैसेकि, मेडिकल साइंसेज, डेंटल साइंसेज, पैरामेडिकल साइंसेज और नर्सिंग. यहां अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन नीट एग्जाम के माध्यम से दिया जाता है और पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज के लिए एडमिशन यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित कैट एग्जाम के आधार पर दिया जाता है. एनआईआरएफ रैंकिंग, 2018 के अनुसार, उक्त यूनिवर्सिटी भारत के टॉप 5 मेडिकल कॉलेजों की लिस्ट में पांचवें नंबर पर है.
एनआईआरएफ रैंकिंग लिस्ट के मुताबिक भारत के टॉप मेडिकल इंस्टीट्यूशन्स
एनआईआरएफ रैंकिंग, 2019 के अनुसार भारत के टॉप 5 मेडिकल कॉलेज निम्नलिखित हैं:
- ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (एम्स), दिल्ली
- दी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर), चंडीगढ़
- क्रिश्चयन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी), वेल्लोर
- संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
- अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च, कोच्ची, केरल
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(नोट: कोविड – 19 महामारी के कारण अभी इस साल अर्थात 2020 की एनआईआरएफ रैंकिंग जारी नहीं की गई है.)
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