भारत का आयुर्वेद हजारों वर्ष पुरानी और अति लोकप्रिय चिकित्सा पद्धति है. ‘आयुर्वेद’ संस्कृत भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘आयुर या जीवन’ और ‘वेद या ज्ञान’. दरअसल, जीवन का ज्ञान ही आयुर्वेद है जिसमें मानव की सभी शारीरिक और मानसिक बीमारियों से रक्षा की जाती है ताकि मनुष्य लंबी आयु तक स्वस्थ जीवन जी सके. आयुर्वेद के मुताबिक हमारे शरीर में 03 एलिमेंट्स की प्रधानता है – वात, पित्त और कफ़ और हमारे शरीर में इन तीनों ही एलिमेंट्स का प्राकृतिक संतुलन बना रहना चाहिए ताकि हम स्वस्थ रह सकें और अगर इन तीनों एलिमेंट्स में से कोई भी एलिमेंट हमारे शरीर में कम या ज्यादा हो जाए तो हमें बीमारी लग जाती है. बहुत बार ये बीमारियां जानलेवा भी होती हैं.
हमारे देश में आयुर्वेद के स्टूडेंट्स को 5000 वर्ष पुरानी आयुर्वेद की परम्परा समझाई जाती है. भारत सरकार ने वर्ष, 1969 में इंडियन मेडिसिन और होमियोपैथी में रिसर्च के लिए सेंट्रल काउंसिल (CCRIMH) की स्थापना की थी. इस सेंट्रल काउंसिल का मुख्य कार्य आयुर्वेद में रिसर्च एक्टिविटीज़ को बढ़ावा देना है. भारत सरकार ने वर्ष, 2003 में AYUSH अर्थात डिपार्टमेंट ऑफ़ आयुर्वेद, योग एंड नैचुरोपैथी, यूनानी, सिद्धा और होमियोपैथी की स्थापना की है ताकि भारत की सभी किस्म की मेडिसिन्स में एजुकेशन और रिसर्च एक्टिविटीज़ को लगातार बढ़ावा मिल सके. इस आर्टिकल में हम आपके लिए भारत में उपलब्ध आयुर्वेद के बेस्ट कोर्सेज के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं इसलिए, आगे जरुर पढ़ें यह आर्टिकल:

भारत में उपलब्ध आयुर्वेद के प्रमुख कोर्सेज
हमारे देश में आयुर्वेद से संबंधित सभी कोर्सेज आजकल औपचारिक मेडिकल एजुकेशन का प्रमुख हिस्सा बन चुके हैं. लेकिन आयुर्वेद की शुरुआत से ही भारत में इसकी शिक्षा अनौपचारिक तौर पर दी जाती रही है. पूरी दुनिया में आयुर्वेद की मेडिसिन्स ने अपनी पहचान बना ली है क्योंकि आयुर्वेद मेडिसिन के साइड इफेक्ट्स तो नहीं होते और आयुर्वेद द्वारा लाईलाज बीमारियों का ईलाज भी हो सकता है. आयुर्वेदिक प्रैक्टिशनर्स को वैद या हकीम के नाम से जाना जाता है. भारत में आयुर्वेद की फील्ड के प्रमुख कोर्सेज निम्नलिखित हैं:
ग्रेजुएशन लेवल
- बैचलर ऑफ़ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (BAMS)
- बैचलर ऑफ़ सिद्ध मेडिसिन एंड सर्जरी (BSMS)
पोस्टग्रेजुएशन लेवल
- मास्टर ऑफ़ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन आयुर्वेद फार्मेसी (MBA – आयुर्वेद फार्मेसी)
- डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन इन आयुर्वेद (MD)
- मास्टर ऑफ़ सर्जरी इन आयुर्वेद (MS)
डॉक्टोरल डिग्री
- मास्टर ऑफ़ फिलोसोफी इन आयुर्वेद सिद्धांत (MPhil)
- डॉक्टर ऑफ़ फिलोसोफी इन आयुर्वेद (PhD)
भारत में उपलब्ध आयुर्वेद के प्रमुख स्पेशलाइजेशन्स
- कायाचिकित्सा – इंटरनल मेडिसिन
- शल्य चिकित्सा – सर्जरी
- बाल चिकित्सा – पेडियाट्रिक्स
- ग्रह चिकित्सा – भूत विद्या – साइकाइट्री
- उर्ध्वांग चिकित्सा – आंख, कान, नाक, गले और सिर का इलाज
- अगद चिकित्सा - टॉक्सिकोलॉजी
- जर चिकित्सा – रसायण – गेरेंटोरोलॉजी
- वृष्य चिकित्सा – वाजीकरण – एफ्रोडीसीएक्स
भारत में आयुर्वेद के निम्नलिखित विषयों में से एक या सभी विषयों को पढ़ना है जरुरी
- चरक संहिता (उत्तरार्ध)
- स्त्रीरोग और प्रसूति तंत्र
- पंचकर्म
- रोगनिदान
- नाड़ी परीक्षा
- धातु चिकित्सा
- द्रव्य गुण विज्ञान
- पदार्थ विज्ञान
- संस्कृत
ऋषिकेश में आयुर्वेद प्रोफेशनल सर्टिफिकेट कोर्सेज
यहां आयुर्वेद की फील्ड में बिगनर्स और आयर्वेद प्रैक्टिशनर्स के लिए निम्नलिखित सर्टिफिकेट कोर्सेज करवाए जाते हैं:
- बिगनर्स के लिए आयुर्वेद सर्टिफिकेशन कोर्स – अवधि 30 दिन
- एडवांस्ड आयुर्वेद थेरेपी डिप्लोमा कोर्स – अवधि 90 दिन/ 45 दिन
आयुष विभाग, मिनिस्ट्री ऑफ़ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर, भारत सरकार
मिनिस्ट्री ऑफ़ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर, भारत सरकार के आयुष डिपार्टमेंट द्वारा भी आयुर्वेद में विभिन्न केटेगरियों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम करवाए जाते हैं जैसेकि:
- केटेगरी 1 – आयुर्वेदिक मेडिसिन प्रैक्टिशनर्स
टाइप – 1 – फुल आयुर्वेदिक एजुकेशन
यह एक फुल टाइम ट्रेनिंग प्रोग्राम है जिसकी कुल अवधि कम से कम 4500 घंटे है. इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत क्लास रुम थ्योरी और प्रैक्टिकल टीचिंग के साथ मान्यताप्राप्त आयुर्वेदिक कॉलेजों या इंस्टीट्यूशंस कम से कम 3 प्रोफेशनल एग्जाम्स लिए जाते हैं. इसके बाद स्टूडेंट्स के लिए किसी मान्यताप्राप्त हॉस्पिटल में 1000 घंटे की इंटर्नशिप ट्रेनिंग लेनी जरुरी है. यह कोर्स सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद स्टूडेंट्स को BAMS की डिग्री प्रदान की जाती है.
टाइप – 2 – लिमिटेड आयुर्वेदिक एजुकेशन
यह एक फुल टाइम/ पार्ट टाइम ट्रेनिंग प्रोग्राम है जिसकी कुल अवधि कम से कम 2500 घंटे है. इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत क्लास रुम थ्योरी और प्रैक्टिकल टीचिंग के साथ मान्यताप्राप्त आयुर्वेदिक कॉलेजों या इंस्टीट्यूशंस कम से कम 3 प्रोफेशनल एग्जाम्स लिए जाते हैं. इसके बाद स्टूडेंट्स के लिए किसी मान्यताप्राप्त आयुर्वेदिक क्लिनिक में 500 घंटे की इंटर्नशिप ट्रेनिंग लेनी जरुरी है. यह कोर्स सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद स्टूडेंट्स को आयुर्वेद में डिप्लोमा प्रदान किया जाता है.
टाइप – 3 – लिमिटेड आयुर्वेदिक एजुकेशन
यह एक फुल टाइम/ पार्ट टाइम ट्रेनिंग प्रोग्राम है जिसकी कुल अवधि कम से कम 1500 घंटे है. इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत क्लास रुम थ्योरी और प्रैक्टिकल टीचिंग के साथ मान्यताप्राप्त आयुर्वेदिक कॉलेजों या इंस्टीट्यूशंस कम से कम 2 प्रोफेशनल एग्जाम्स लिए जाते हैं. इसके बाद स्टूडेंट्स के लिए किसी मान्यताप्राप्त आयुर्वेदिक इंस्टीट्यूशन में 500 घंटे की इंटर्नशिप ट्रेनिंग लेनी जरुरी है. यह कोर्स सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद स्टूडेंट्स को आयुर्वेद में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा प्रदान किया जाता है.
- केटेगरी - 2 – आयुर्वेदिक थेरेपिस्ट
टाइप – 1 – लिमिटेड एजुकेशन फॉर पंचकर्म थेरेपी
यह एक फुल टाइम या पार्ट टाइम लिमिटेड ट्रेनिंग प्रोग्राम है. इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत कम से कम 600 घंटे की क्लास रुम थ्योरी के साथ ही किसी मान्यताप्राप्त पंचकर्म हॉस्पिटल में 400 घंटे की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग शामिल है.
टाइप – 2 – लिमिटेड एजुकेशन फॉर आयुर्वेदिक डायटेटिक्स
यह एक फुल टाइम या पार्ट टाइम लिमिटेड ट्रेनिंग प्रोग्राम है इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत कम से कम 600 घंटे की क्लास रुम थ्योरी के साथ ही किसी मान्यताप्राप्त आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में 400 घंटे की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग शामिल है.
टाइप – 3 – लिमिटेड एजुकेशन फॉर आयुर्वेद फार्मेसी
यह एक फुल टाइम या पार्ट टाइम लिमिटेड ट्रेनिंग प्रोग्राम है इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत कम से कम 600 घंटे की क्लास रुम थ्योरी के साथ ही किसी मान्यताप्राप्त आयुर्वेदिक इंस्टीट्यूट में 400 घंटे की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और क्लिनिकल डिस्पेंसिंग शामिल है.
- केटेगरी – 3 – सेल्फ हेल्थ केयर के लिए लिमिटेड आयुर्वेदिक एजुकेशन
यह एक फुल टाइम या पार्ट टाइम लिमिटेड ट्रेनिंग प्रोग्राम है इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत कम से कम 200 घंटे की क्लास रुम थ्योरी के साथ ही किसी मान्यताप्राप्त आयुर्वेदिक कॉलेज या इंस्टीट्यूट में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग शामिल है. यह ट्रेनिंग प्रोग्राम उन लोगों के लिए है जो अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए आयुर्वेद सीखना चाहते हैं. कोई भी 12वीं पास या समान एजुकेशनल क्वालिफिकेशन वाला व्यक्ति यह कोर्स कर सकता है.
भारत में इन प्रमुख इंस्टीट्यूट्स से करें आयुर्वेदिक कोर्सेज
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंस, विजयवाड़ा
- डॉ. एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी, चेन्नई
- श्री धनवंत्री आयुर्वेदिक कॉलेज, चंडीगढ़
- अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज, इंदौर
- आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, कोल्हापुर
- श्री आयुर्वेद महाविद्यालय, नागपुर
- राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज, बैंगलोर
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ आयुर्वेद, जयपुर
- गुजरात आयुर्वेद यूनिवर्सिटी, जामनगर
- महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट
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