UPSC सिविल सेवाओं में शामिल होना, भारत में कई छात्रों का एकमात्र सपना है। इसलिए, UPSC की IAS परीक्षा को भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। UPSC IAS परीक्षा की तैयारी में लगे छात्रों के लिए, हमने भारतीय सिविल सेवाओं के तहत शीर्ष नौकरियों की एक सूची प्रदान की है जो कि उन महत्वाकांक्षी छात्रों के लिए प्रेरणा के रूप में कार्य कर सकता हैं।
IAS
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) को 1946 में भारत सरकार की एक प्रमुख सेवा के रूप में गठित किया गया था। इससे पहले, इस देश में इंडियन इम्पीरियल सर्विस (1893-1946) लागू थी। सिविल सेवाएं भारत में शासन की पहचान रही हैं। इसके साथ, संविधान में राज्यों को भी इससे वंचित किए बिना अपनी स्वयं की सिविल सेवाओं के निर्माण का अधिकार दिया गया हैं. इसके अलावा, अखिल भारतीय स्तर पर एक अखिल भारतीय सेवा का भी प्रावधान किया गया जिसमें समान योग्यता और समान वेतन के साथ भर्ती की जाएगी और इसके तहत, चयनित प्रत्येक सदस्य को पूरे संघ में आवश्यक रणनीतिक पदों पर नियुक्त किया जायेगा । "इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं हैं कि स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश में ICS सेवाओं को स्टील फ्रेम के नाम से संदर्भित किया था।“ इसलिए सिविल सेवाएँ हमारे राष्ट्र की- ‘विविधता में एकता’, की अटूट भावना का प्रतिनिधित्व करती हैं।
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मुख्य शक्तियां:
IAS अधिकारी उनके तहत आने वाले क्षेत्र में कानून और व्यवस्था, राजस्व प्रशासन और सामान्य प्रशासन के रखरखाव के लिए जिम्मेदार होते है। उनकी शक्तियों में व्यापक रूप से निम्न अधिकार सम्मिलित होते हैं:
- राजस्व का संग्रह और राजस्व मामलों में अदालत के रूप में कार्य करना;
- कानून और व्यवस्था को बनाये रखना;
- कार्यकारी मजिस्ट्रेट के रूप में भी कार्य करना;
- मुख्य विकास अधिकारी (CDO) / जिला विकास आयुक्त के रूप में कार्य करना;
- राज्य सरकार और केंद्र सरकार की नीतियों के क्रियान्वयन का पर्यवेक्षण करना;
- वित्तीय स्वामित्व के मानदंडों के अनुसार, सार्वजनिक निधियों के व्यय का पर्यवेक्षण करना;
- नीतियों को तैयार करने और निर्णय लेने की प्रक्रिया में, संयुक्त सचिव, उप सचिव इत्यादि जैसे विभिन्न स्तरों पर IAS अधिकारी अपना योगदान देते हैं और फिर नीतियों को अंतिम आकार देते हैं;
- संबंधित मंत्रालयों के प्रभारी के परामर्श से नीतियों के निर्माण और क्रियान्वयन सहित, सरकार के दैनिक कार्यकलापों को संभालना;
पदोन्नति की संभावनाएं
एक IAS अधिकारी के करियर अवधि में, वह वेतन में वृद्धि और प्रमोशन का पात्र होता है। IAS अधिकारी को प्रमोशन प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (Performance Appraisal Reports), सतर्कता मंज़ूरी और समग्र रिकार्ड्स की जांच के आधार पर और निर्धारित प्रक्रियाओं के तहत उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन करके दिया जाता हैं. इस कार्य के लिए गठित वरिष्ठ सिविल सेवकों की एक समिति द्वारा इन पदोन्नति की जांच की जाती है। प्रमोशन किसी अधिकारी द्वारा किसी विशेष श्रेणी में बितायी गयी समय अवधि पर निर्भर होता हैं। इस सेवा में दिए गए वर्षों के संख्या के आधार पर ही प्रमोशन दिए जाते हैं और यह एक पूर्व-आवश्यक शर्त है। देश में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित करने और इन्हें बनाए रखने के लिए, इन सामायिक पदोन्नति पर विचार किया जाता है।
समय अवधि की तालिका- पदोन्नति- पदों के नाम
ग्रेड | पद | स्केल |
जूनियर स्केल | भारत सरकार में सहायक सचिव | जूनियर स्केल |
सीनियर स्केल | भारत सरकार के अधीन अवर सचिव / जिला मजिस्ट्रेट | चार साल की सेवा पूरी होने के बाद सीनियर टाइम-स्केल प्राप्त होता है। |
जूनियर प्रशासनिक ग्रेड | भारत सरकार में उप सचिव / जिला मजिस्ट्रेट | 9 साल की सेवा के पूरा होने के बाद जूनियर प्रशासनिक ग्रेड प्राप्त होता है |
सिलेक्शन ग्रेड | भारत सरकार में निदेशक / विभागीय आयुक्त | 13 साल की सेवा पूरी होने के बाद सिलेक्शन ग्रेड प्राप्त होता है |
सीनियर प्रशासनिक ग्रेड | भारत सरकार के संयुक्त सचिव / राज्य सरकार के सचिव | 16 साल की सेवा के पूरा होने के बाद सुपर टाइम स्केल प्राप्त होता है। |
हायर प्रशासनिक ग्रेड | भारत सरकार में अतिरिक्त सचिव / राज्य सरकार के प्रधान सचिव | 25 साल की सेवा पूरी होने के बाद हायर प्रशासनिक ग्रेड प्राप्त होता है। |
| भारत सरकार में सचिव / मुख्य सचिव | 30 साल की सेवा पूरी होने के बाद उच्चतम स्केल प्राप्त होता है। |
| कैबिनेट सचिव |
|
IPS
भारतीय पुलिस सेवा या IPSस भारत सरकार की तीन अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है। 1948 में, भारत ने ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के एक साल बाद ही, भारतीय (इम्पीरियल) पुलिस को भारतीय पुलिस सेवा द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया गया था।
17 अगस्त 1865 को लागू प्रथम पुलिस आयोग में, भारत में पुलिस की वांछित प्रणाली के लिए विस्तृत दिशानिर्देश शामिल थे और पुलिस के सरकारी विभाग को इस प्रकार से परिभाषित किया गया जिसमें उन्हें आवश्यक आदेशों का पालन करना, कानून को लागू करना और अपराध को रोकना और पहचानना इत्यादि था। भारतीय पुलिस सेवा एक बल नहीं है, बल्कि राज्य पुलिस और अखिल भारतीय केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में कमांडर्स की नियुक्ति करना और नेताओं को सुरक्षा प्रदान करना हैं। इसके सदस्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी होते हैं।
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मुख्य शक्तियां:
- सीमा जिम्मेदारियों से सम्बंधित कर्तव्यों को निभाना जिसमें सार्वजनिक शांति और व्यवस्था को बनाये रखना, अपराध रोकथाम, जांच-पड़ताल करना, संवेदनशील जानकारियों का संग्रह, वीआईपी सुरक्षा, आतंकवाद, सीमा पुलिस सेवा देना, रेलवे पुलिस इत्यादि सम्मिलित हैं।
- R&AW, IB, CBI, CID इत्यादि जैसी भारतीय खुफिया एजेंसियों का प्रतिनिधित्व और कमांडिंग.
- केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) जैसे कि RPF, CISF, NSG, ITBP, BSF इत्यादि का प्रतिनिधित्व और कमांडिंग.
- भारत सरकार और राज्यों दोनों में, केंद्रीय और राज्य सरकारों के मंत्रालयों, विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में नीति बनाने में ईन विभागों के प्रमुख के रूप में सेवा प्रदान करना.
- अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्यों और भारतीय सशस्त्र बलों विशेषत: भारतीय सेना के साथ मिलकर बातचीत और समन्वय को स्थापित करना.
- पुलिस बलों को कमांड करके उनमें ऐसे मूल्यों और नॉर्म्स को पैदा करने का प्रयास करना ताकि वे नागरिको को अच्छी सेवाएँ प्रदान कर पायें.
पदोन्नति की संभावनाएं:
एक IPS अधिकारी के करियर अवधि में, वह वेतन में वृद्धि और प्रमोशन का पात्र होता है। IPS अधिकारी को प्रमोशन प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (Performance Appraisal Reports), सतर्कता मंज़ूरी और समग्र रिकार्ड्स की जांच के आधार पर और निर्धारित प्रक्रियाओं के तहत उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन करके दिया जाता हैं.
समय अवधि की तालिका- पदोन्नति- पदों के नाम
ग्रेड | पद |
जूनियर स्केल | ASP |
सीनियर स्केल | SP |
जूनियर प्रशासनिक ग्रेड | SP |
सिलेक्शन ग्रेड | DIG |
सीनियर प्रशासनिक ग्रेड | IG |
हायर प्रशासनिक ग्रेड | ADG |
| DG |
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IFS
भारतीय विदेश सेवा की उत्पत्ति ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी जब विदेश विभाग को "विदेशी यूरोपीय शक्तियों" के साथ व्यापार करने के लिए बनाया गया था। 1843 में, गवर्नर जनरल एलेनबोरो ने प्रशासनिक सुधार किए, जिसके तहत सरकार के सचिवालय को चार विभागों - विदेशी, गृह, वित्त और सैन्य में विभाजित किया गया था। प्रत्येक का नेतृत्व सचिव स्तर के अधिकारी करते थे। विदेश विभाग के सचिव को "सरकार के बाहरी और आंतरिक राजनयिक संबंधों से संबंधित सभी संचारों/पत्राचारो का संचालन" इत्यादि के कार्यों को सौंपा गया था।
सितंबर 1946 में, भारत की आजादी की पूर्व संध्या पर, भारत सरकार ने विदेशों में भारत के राजनयिक, वाणिज्य और वाणिज्यिक प्रतिनिधियों के लिए भारतीय विदेश सेवा (IFS) नाम की सेवा बनाने का निर्णय लिया। 1947 में, ब्रिटिश-भारत सरकार के विदेशी और राजनीतिक विभाग के निकट-निर्बाध परिवर्तन के बाद, विदेश और राष्ट्रमंडलीय संबंध मंत्रालय नाम का एक नया मंत्रालय बना गया और 1948 में यूनियन की संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा प्रणाली के तहत लोक सेवा आयोग सेवा में पहले बैच को शामिल किया गया। प्रवेश की यह प्रणाली आज भी IFS में भर्ती का एक मुख्य तरीका बना हुआ है।
मुख्य शक्तियां:
विदेश सेवा अधिकारी को विभिन्न प्रकार के मुद्दों पर देश और विदेश दोनों में भारत के हितों को पेश करना होता है। इनमें द्विपक्षीय राजनीतिक और आर्थिक सहयोग, व्यापार और निवेश संवर्धन, सांस्कृतिक बातचीत, प्रेस और मीडिया संपर्क और बहुपक्षीय मुद्दों की पूरी मेजबानी शामिल हैं।
भारतीय राजनयिक की मुख्य शक्तियों को संक्षेप में नीचे बताया गया हैं:
- संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संगठनों में अपने दूतावासों, उच्चायोगों, वाणिज्य दूतावासों और स्थायी मिशनों में भारत का प्रतिनिधित्व करना.
- अपनी पोस्टिंग के दौरान, किसी भी देश भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना.
- अन्य राज्यों के साथ-साथ और इसके लोगों जिसमें NRI / PIO सम्मिलित हैं, के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देना.
- पोस्टिंग के दौरान उस देश के विकास पर सटीक रिपोर्टिंग करना, जो भारत की नीतियों के निर्माण को प्रभावित करने की संभावना रखती है.
- ग्राहक राज्य के अधिकारियों के साथ विभिन्न मुद्दों पर समझौतो पर बातचीत तथा
- विदेशियों और विदेशों में भारतीय नागरिकों को कौंसुलर की सुविधाओं को प्रदान करना.
समय अवधि की तालिका- पदोन्नति- पदों के नाम
ग्रेड | दूतावास में पद | विदेश मंत्रालय में पद |
जूनियर स्केल | अटैची / तृतीय सचिव | अवर सचिव |
सीनियर स्केल | द्वितीय / प्रथम सचिव | अवर सचिव |
जूनियर प्रशासनिक ग्रेड | प्रथम सचिव | उप सचिव |
सिलेक्शन ग्रेड | निदेशक | काउंसलर निदेशक |
सीनियर प्रशासनिक ग्रेड | मंत्री / DCM राजदूत | संयुक्त सचिव |
हायर प्रशासनिक ग्रेड | राजदूत / उच्चायुक्त | अपर सचिव |
| राजदूत / उच्चायुक्त | सचिव |
IRS (IT)
एक IRS अधिकारी ग्रुप-‘ए’ के तहत आयकर के सहायक आयुक्त के रूप में शुरूआत करता है। इस स्तर पर भर्ती संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से होती है। IRS, भारत में प्रत्यक्ष कर (मुख्य रूप से आयकर और संपत्ति कर) के संग्रह में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो देश में कुल कर राजस्व का एक प्रमुख हिस्सा होता है। IRS अधिकारी, आयकर विभाग (ITD), जिनका लोगो 'कोष्मुलोडंदह' है, के माध्यम से प्रत्यक्ष कर के कानूनों का प्रबंधन करते हैं। IRS (IT) कैडर का नियंत्रण केंद्रीय कर बोर्ड (CBDT) द्वारा किया जाता है।
मुख्य शक्तियां:
IRS अधिकारी अलग-अलग क्षमताओं / भूमिकाओं में भारत सरकार की सेवा करते हैं। ITD के माध्यम से प्रत्यक्ष करो का प्रशासन करते समय, जब वे इनसे सम्बंधित नीतियों को तैयार करते हैं, ऐसी नीतियों को लागू करते हैं तब उन्हें एक जांचकर्ता, अर्ध न्यायिक प्राधिकरण, अभियोजक और अंतरराष्ट्रीय समझौते के वार्ताकारों के कार्यों का निर्वहन करना होता हैं। उनकी मुख्य भूमिकाओं को संक्षेप में निम्नानुसार वर्णित किया गया है:
- नीति का निर्धारण करना
- कर प्रशासक - जांचकर्ता, अर्ध न्यायिक प्राधिकरण और अभियोजक
- काले धन से निपटना
समय अवधि की तालिका- पदोन्नति- पदों के नाम
ग्रेड | पद |
जूनियर स्केल | सहायक आयुक्त |
सीनियर स्केल | उपायुक्त |
जूनियर प्रशासनिक ग्रेड | संयुक्त आयुक्त |
सिलेक्शन ग्रेड | अपर आयुक्त |
सीनियर प्रशासनिक ग्रेड | आयुक्त |
हायर प्रशासनिक ग्रेड | प्रधान आयुक्त |
| मुख्य आयुक्त |
| प्रधान-मुख्य आयुक्त |
IRS (C&CE)
यह सेवा IRS (IT) के ही समान है, लेकिन यह वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग की एक अलग शाखा होती है। यह सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और नशीले पदार्थों जैसे अप्रत्यक्ष करों का प्रबंधन करता है। IRS (C&CE) कैडर के अधिकारियों का नियंत्रण केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) द्वारा किया जाता है।
मुख्य शक्तियां:
भारत में किसी अन्य कर प्राधिकरण के अधिकारियों की तुलना में, IRS (C&CE) के अधिकारी की अपने डोमेन के भीतर अधिकतम शक्ति होती हैं। वे सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर जैसे अन्य अप्रत्यक्ष कराधान से संबंधित मामलों को हैंडल करते हैं। इनके पास नशीली दवाओं के तस्करी के लिए प्रवर्तन का आधिकार भी होता हैं। इनकी कुछ विशिष्ट शक्तियां निम्न हैं:
- IRS अधिकारी जांच का वारंट जारी कर सकते हैं अगर उनके पास यह मानने का कारण है कि कुछ दस्तावेज या जानकारी किसी परिसर में छुपाई गयी हैं।
- IRS अधिकारी माल और वाहनों की जब्ती का आदेश भी दे सकते हैं अगर उनके पास यह मानने का कारण है कि ऐसी चीज़ों को क़ानून के तहत जब्त किया जा सकता हैं।
- जांच करने की शक्ति/अधिकार
- प्रतिकूल करने की शक्ति/अधिकार
- सीमा शुल्क क्षेत्रों में सभी भारतीय कानूनों का प्रवर्तन करने की शक्ति
समय अवधि की तालिका- पदोन्नति- पदों के नाम
ग्रेड | पद |
जूनियर स्केल | सहायक आयुक्त |
सीनियर स्केल | उपायुक्त |
जूनियर प्रशासनिक ग्रेड | संयुक्त आयुक्त |
सिलेक्शन ग्रेड | अपर आयुक्त |
सीनियर प्रशासनिक ग्रेड | आयुक्त |
हायर प्रशासनिक ग्रेड | प्रधान आयुक्त |
| मुख्य आयुक्त |
| प्रधान-मुख्य आयुक्त |
IRTS
भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS), रेल मंत्रालय की आठ संगठित समूह-'ए' की सेवाओं में से एक है। भारतीय रेलवे के यातायात, परिवहन और वाणिज्यिक विभाग के सुपीरियर राजस्व प्रतिष्ठान के पहले अधिकारियों को, IRTS के वर्तमान प्रारूप में 1967 में गठित किया गया था। IRTS के मध्यम स्तर और वरिष्ठ स्तर के प्रबंधन अधिकारियों को वाणिज्यिक क्षेत्रों सहित अन्य विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाता हैं जिसमे प्रबंधन, संचालन प्रबंधन, रसद, सार्वजनिक-निजी भागीदारी इत्यादि सम्मिलित हैं। यातायात विभाग की दो मुख्य धाराएं हैं- संचालन और वाणिज्यिकी. जहां इन अधिकारियों को पोस्ट किया जाता है।
मुख्य शक्तियां:
- एक IRTS अधिकारी, परिवहन उत्पादन और बिक्री के आउटपुट के मध्य समन्वय स्थापित करता है और रेलवे के ग्राहक इंटरफ़ेस का प्रबंधन भी करता है।
- माल और यात्रियों के परिवहन में सुगमता और तीव्रता को सुनिश्चित करना.
- एक IRTS अधिकारी, यात्री-व्यापार और मालढुलाई-व्यवसाय की बिक्री, मूल्य निर्धारण, विपणन और सेवा के तत्वों से भी जुड़ा हुआ होता है।
- एक IRTS अधिकारी को, केंद्रीय स्टाफिंग योजना और पी०एस०यू० के तहत अन्य मंत्रालयों में भी सेवा प्रदान करने का अवसर मिलता है।
समय अवधि की तालिका- पदोन्नति- पदों के नाम
ग्रेड | पद |
जूनियर स्केल | AOM/ACM |
सीनियर स्केल | DOM/DCM |
जूनियर प्रशासनिक ग्रेड | Sr DOM/ Sr DCM/ Dy COM/ Dy CCM |
सिलेक्शन ग्रेड | CPTM/ CFTM |
सीनियर प्रशासनिक ग्रेड | COM/ ED/DRM |
हायर प्रशासनिक ग्रेड | AMT/GM |
| MT |
| CRB |
इन सेवाओं में वेतन संरचना
ग्रेड | वेतन (रु० में) |
जूनियर स्केल | 56100 |
सीनियर स्केल | 67700 |
जूनियर प्रशासनिक ग्रेड | 78800 |
सिलेक्शन ग्रेड | 118500-131100 |
सीनियर प्रशासनिक ग्रेड | 182200 |
हायर प्रशासनिक ग्रेड | 205400 |
HAG+ | 225000 |
केन्द्रीय सचिव की रैंक पर | 250000 |
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