आजकल अधिकतर कॉलेज स्टूडेंट्स और कई व्यक्ति बड़ी आसानी से डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं. भारत में भी अनेक लोग डिप्रेशन या किसी अन्य मानसिक रोग से पीड़ित हैं. इसी तरह, भारत में तकरीबन 36% लोग अपने जीवन में कभी-न-कभी गंभीर डिप्रेशन के शिकार हुए हैं. आजकल देश-दुनिया के अधिकतर कॉलेज कैंपसों में डिप्रेशन एक गंभीर मुद्दा बन गया है. इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे, इन दिनों कॉलेज स्टूडेंट्स को एकेडमिक कॉम्पीटीशन और सेल्फ-फाइनेंस जैसी कई चुनौतियों का सामना एक-साथ करना पड़ता है. किसी अनजान शहर में किसी कॉलेज, हॉस्टल या PG में अपना नया जीवन शुरू करना भी इन स्टूडेंट्स के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण होता है जिससे उनके स्ट्रेस लेवल में बढ़ोतरी हो जाती है. यह स्ट्रेस डिप्रेशन से काफी अलग होता है और डिप्रेशन वास्तव में बहुत गंभीर समस्या या रोग है. फिर भी, एक बार पता चलने के बाद आप कुछ आसान लेकिन, असरदार उपाय अपनाकर इस डिप्रेशन से हमेशा के लिए बच सकते हैं. इसलिए, इंडियन कॉलेज स्टूडेंट्स के साथ ही अन्य सभी व्यक्तियों के लिए यह जरुरी है कि वे फटाफट इस प्रॉब्लम को समझकर, समय रहते अपनी डिप्रेशन की प्रॉब्लम को सॉल्व कर लें और अपने जीवन को सार्थक बना लें. आइये अब इस बारे में विस्तार से चर्चा करें:

इंडियन कॉलेज स्टूडेंट्स और अन्य लोगों में डिप्रेशन के प्रमुख लक्षण
जैसे शारीरिक रोगों के अनेक लक्षण होते हैं – स्किन और आंखों का रंग पीला पड़ जाना, नाखून काले/ नीले होना, बाल झड़ना या स्किन पर दाग-धब्बे आदि पड़ना, ठीक उसी तरह डिप्रेशन से ग्रस्त लोगों में भी निम्नलिखित लक्षण बताते हैं कि वे डिप्रेशन का शिकार हो चुके हैं जैसेकि,
- उदास होना या मूड खराब रहना.
- अपनी पसंद के काम करने में मन न लगना.
- शरीर का वजन कम होना और नींद के पैटर्न में बदलाव.
- थकान और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई.
- अपने को सब पर बोझ समझना.
- गुनाह की भावना.
- अनिद्रा और सुस्ती.
- बेवजह दर्द और मानसिक बेचैनी.
- डिप्रेशन और आत्मसम्मान खोना.
- चिड़चिड़ापन और चिंता.
- अनिर्णय, अव्यवस्था और स्ट्रेस.
- अपनी हेल्थ और शरीर की साफ-सफाई पर बिलकुल ध्यान न देना.
- रूटीन के काम न कर पाना.
- परिवार, समाज और दोस्तों से दूर रहने की कोशिश करना और अकेल समय बिताना.
- हंसना-मुस्कुराना भूल जाना और चेहरे पर दुख, तनाव और घबराहट नजर आना.
- डिप्रेशन केगंभीर मामलों में मर जाने या सुसाइड करने का विचार या फिर, कभी-कभी सुसाइड करने की कोशिश करना भी शामिल होते हैं.
इंडियन कॉलेज स्टूडेंट्स में डिप्रेशन के प्रमुख कारण
- अकेलापन –जो कॉलेज स्टूडेंट्स अपने घर से दूर किसी हॉस्टल या PG में रहते हैं, वे अक्सर अकेलापन महसूस करते हैं और फिर, अगर उन्हें अपने कॉलेज में भी अच्छे दोस्त नहीं मिलते हैं तो वे डिप्रेशन से ग्रस्त हो जाते हैं.
- पारिवारिक परेशानियां –बहुत बार स्टूडेंट्स के पारिवारिक मामले भी उन्हें डिप्रेशन का शिकार बना देते हैं जैसेकि, अगर स्टूडेंट्स के पेरेंट्स के बीच डाइवोर्स हो चुका है तो वे स्टूडेंट्स कई बार डिप्रेशन से ग्रस्त हो जाते हैं. परिवार की आर्थिक तंगी या घर-परिवार में लड़ाई-झगड़े का माहौल भी स्टूडेंट्स को डिप्रेस्ड पर्सन्स बना देता है.
- शारीरिक कष्ट और बीमारी –शारीरिक रूप से कमजोर और ज्यादा बीमार स्टूडेंट्स या किसी बीमारी या डिसेबिलिटी से परेशान स्टूडेंट्स का डिप्रेस हो जाना एक सामान्य-सी बात है.
- बुल्लिंग और भेदभाव –अगर स्कूल/ कॉलेज स्टूडेंट्स को उनकी क्लास या स्कूल/ कॉलेज में कुछ अन्य स्टूडेंट्स बेवजह अक्सर डराते-धमकाते और परेशान करते हैं या फिर, अगर स्टूडेंट्स के साथ उनकी जाति, धर्म, इकनोमिक बैकग्राउंड या रूप-रंग को लेकर भेदभाव होता है तो भी वे स्टूडेंट्स डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं.
- नुकसान और शोक –अगर स्टूडेंट्स का कोई खास दोस्त या रिश्तेदार उनसे दूर चला जाये या असमय ही स्वर्गवासी हो जाए तो वे स्टूडेंट्स सदमे और डिप्रेशन का शिकार बन जाते हैं.
इंडियन कॉलेज स्टूडेंट्स और अन्य व्यक्ति डिप्रेशन से बचने के लिए अपनायें ये कारगर उपाय
हम आपके लिए डिप्रेशन को दूर करने के कुछ ऐसे सिंपल लेकिन उपयोगी तरीकों की यहां नीचे चर्चा कर रहे हैं जिन्हें आप अपने रोज़मर्रा के जीवन में अपना कर, एक डिप्रेशन-फ्री हेल्दी लाइफ जी सकते हैं:
- डिप्रेशन को तुरंत दूर भगाते हैं मैडिटेशन, एक्सरसाइज, डांस और योग. आप इन्हें अपने डेली रूटीन में शामिल कर लीजिये.
- अक्सर कुछ नया काम करने से या फिर अपना डेली रूटीन बदलने से भी आप ताज़गी महसूस करेंगे और डिप्रेशन से बच जायेंगे. खुद को ज्यादातर बिजी रखकर भी आप डिप्रेशन से बचे रहेंगे.
- मुस्कुराने और आभार व्यक्त करने की आदत भी आपको एक खुशनुमा इंसान बना देगी.
- छोटे और मासूम बच्चों के साथ समय बिताने पर और उनके साथ खेलने से भी हमारा डिप्रेशन दूर होता है.
- नेचुरल एनवायरनमेंट में रहने से, सुबह-शाम किसी पार्क या बगीचे में सैर करने से भी आप हेल्दी और डिप्रेशन-फ्री रह सकते हैं. रोजाना सुबह की धूप लेने पर सूरज की किरणें हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी नहीं होने देती हैं और हमारा शरीर और मन हेल्दी रहते हैं.
- अगर आप परेशान हैं तो आप मनचाहा गीत-संगीत सुनकर भी अपना मूड ठीक कर सकते हैं. एक पेपर रिपोर्ट के मुताबिक अच्छा म्यूजिक सुनने से डिप्रेशन 25 फीसदी तक कम हो जाता है.
- हेल्दी डाइट लेने से आप डिप्रेशन से बचे रहेंगे क्योंकि विटामिन बी-12 और ओमेगा-3 अगर हम अपने फूड्स में रोज़ाना लेते हैं तो हम डिप्रेशन से बचे रहते हैं.
- पेट-एनिमल्स और बर्ड्स भी हमारे मूड को अच्छा बनाये रखते हैं. अब पूरी दुनिया में डिप्रेस्ड लोगों को पेट्स रखने की सलाह दी जाती है ताकि उनका अकेलापन और डिप्रेशन दूर हो जाये.
- अरोमा थेरेपी अर्थात सुगंध की मदद से भी डिप्रेशन हमसे दूर भागता है क्योंकि मनचाही सुगंध हमारे दिलो-दिमाग को तरोताज़ा रखती है.
- अपने खास दोस्तों या भरोसेमंद रिश्तेदारों के साथ बातचीत करके भी हम डिप्रेशन से सफलतापूर्वक लड़ सकते हैं.
- प्रेरक किताबें, नाटक, टीवी सीरियल्स और फ़िल्में भी हमें जोश से भर देते हैं और हम अपना डिप्रेशन भूलकर जीवन को एक चुनौती के तौर पर स्वीकार करते हैं.
- हम अपने जीवन के पॉजिटिव गोल्स सेट करके और फिर, उन्हें पाने के लिए हार्ड-वर्क करके डिप्रेशन से बचे रह सकते हैं जैसेकि, हम अपनी जरूरतों और इच्छाओं को सीमित करके अपनी इनकम या पॉकेट मनी से ही अगर गुजारा चलायें तो हमें संतोष मिलेगा और हम फालतू के तनाव से बचकर डिप्रेशन-फ्री रहेंगे.
- अपने किसी खास शौक जैसे, पेटिंग, सिंगिंग, पजल सॉल्विंग, गार्डनिंग, पॉटरी या म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट को सीख कर और फिर उस शौक या आदत को अपने डेली रूटीन का हिस्सा बनाकर भी हम डिप्रेशन से बच जाते हैं.
- मनचाहे खेल-कूद हमारी शारीरिक कसरत के साथ-साथ डिप्रेशन का सफल इलाज भी हैं.
- दूसरे लोगों की गलतियों को माफ़ करने और भूल जाने से भी हम डिप्रेशन से बचे रहते हैं.
डिप्रेशन के लिए असरदार प्रोफेशनल एक्सपरटाइज और थेरेपीज़
- ई-थेरेपी – इस थेरेपी में टेक्नोलॉजी की मदद से डिप्रेस्ड पर्सन को ठीक किया जाता है. डिप्रेस्ड पर्सन ऑनलाइन थेरेपी प्रोग्राम में शामिल होता है और यह प्रोग्राम पूरा होने पर पर्सन का रवैया पॉजिटिव हो जाता है.
- कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी – इस थेरपी में व्यक्ति की सोच और व्यवहार को समझकर उनमें पॉजिटिव बदलाव लाये जाते हैं ताकि व्यक्ति का जीवन के बारे में पॉजिटिव एटीट्यूड हो जाए.
- ऑनलाइन फोरम्स और सपोर्ट ग्रुप्स – जो लोग पहले डिप्रेशन के शिकार थे और अब इस डिप्रेशन से बचकर एक हेल्दी लाइफ जी रहे हैं, वे लोग ऑनलाइन फोरम्स और सपोर्ट ग्रुप्स के माध्यम से डिप्रेस्ड कॉलेज स्टूडेंट्स/ पर्सन्स को अपने सुझाव देकर उनका डिप्रेशन दूर करने में मदद करते हैं.
- साइकोलॉजिकल हेल्प – अगर आप डिप्रेशन से गंभीर रूप से प्रभावित हैं और आपका डिप्रेशन इतना अधिक बढ़ गया है कि आपकी रूटीन लाइफ भी खराब हो रही है.....तो बिना समय गंवाए आप किसी क्वालिफाइड साइकेट्रिस्ट से अपना इलाज करवाएं.
- NGO हेल्प – हमारे देश में आसरा जैसे कुछ NGOs भी 24x7 हेल्पलाइन (+91-22-27546669) के माध्यम से डिप्रेस्ड और सुसाइड करने के इच्छुक लोगों की मदद कर रहे हैं.
इसलिए, डिप्रेशन से बचकर एक हेल्दी लाइफ जीने के लिए आप हिम्मत और धैर्य से काम लें और इस डिप्रेशन को समय रहते पहचानें और उक्त सभी तरीके अपनाकर या जरूरत पड़ने पर डॉक्टर/ साइकेट्रिस्ट से इलाज करवाकर इस डिप्रेशन को अपने जीवन से हमेशा के लिए दूर भगा दें और फिर अन्य डिप्रेस्ड लोगों को भी प्रेरणा देकर डिप्रेशन की बीमारी से बचाने की कोशिश करें क्योंकि हेल्दी शरीर और मन हमारी चहुंमुखी प्रगति की पहली शर्त हैं.
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