अपने जीवन में हम कई बार बहुत परेशान और निराश हो जाते हैं लेकिन आदतन इस बात को नजरंदाज़ करते रहते हैं. लेकिन कुछ समय बाद हमारी परेशानी, स्ट्रेस और निराशा एक गंभीर मनोरोग अर्थात डिप्रेशन के तौर पर हमारे तन-मन के स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा असर डालते है. अबतक इस फील्ड में की गई कई रिसर्चेस में भी यह बात साबित हो चुकी है कि एक बार डिप्रेशन की चपेट में आ जाने पर आपका फिर से स्वस्थ होना असंभव तो नहीं लेकिन काफी कठिन जरुर होता है. डिप्रेस्ड व्यक्ति अक्सर आत्महत्या के बारे में भी सोचने लगते हैं. पहले कभी ऐसा माना जाता था कि बच्चे तनाव मुक्त होते हैं लेकिन अब ऐसा बिलकुल भी नहीं है. देश-दुनिया में स्कूल-कॉलेज के छात्र लगातार बढ़ते हुए स्टडी प्रेशर और कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते आजकल बहुत ज्यादा स्ट्रेस में रहते हैं और फिर कुछ दिनों या महीनों में ही इनका यह स्ट्रेस डिप्रेशन में बदल जाता है. एक डिप्रेस्ड व्यक्ति का किसी काम में मन नहीं लगता है और न ही उसके जीवन का कोई लक्ष्य होता है. ऐसा व्यक्ति लगातार दुखी और परेशान रहने के साथ दिन-रात किसी न किसी चिंता में डूबा रहता है और फिर, जरूरत से ज्यादा सोचने के कारण भी ऐसा व्यक्ति डर, चिंता और डिप्रेशन का शिकार बन जाता है.

आपको शायद ऐसा लगने लगता है कि दुनिया में सबसे ज्यादा दुःख, परेशान और बदनसीब आप ही हैं. लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है और हरेक व्यक्ति के जीवन में कई किस्म के दुःख परेशानियां और संघर्ष हैं जिनसे उस व्यक्ति विशेष को खुद ही निपटना होता है. जैसे एक छोटा-सा दिया ही अंधेरे कमरे को प्रकाश से भर देता है, ठीक उसी तरह अगर आप स्ट्रेस और डिप्रेशन से जूझ रहे हैं तो समुचित गाइडेंस और काउंसलिंग आपको डिप्रेशन के रोग से बखूबी बचा सकते हैं. इस आर्टिकल में हम कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए कुछ ऐसे ही असरदार उपायों की चर्चा कर रहे हैं जो उन्हें डिप्रेशन से बचाकर नया जीवन दे सकते हैं. एक बार डिप्रेशन से सफलतापूर्वक उबरने के बाद आप अन्य लोगों को भी डिप्रेशन से बचने के ये कारगर उपाय बता सकते हैं. आइये आगे पढ़ें यह आर्टिकल:
आपका नजरिया हो सकारात्मक
आपके लिए यह बहुत जरुरी है कि, आप अपने दोस्तों के कहने पर अपनी राय कायम करना छोड़ दें. मान लीजिये, अगर आपके दोस्त आप से कहें कि, “यह प्रोजेक्ट पूरा करना किसी के लिए भी काफी मुश्किल है, तुम भी शायद ही पूरा कर सको.” ये सुनकर आप भी अपना नजरिया बदल लेते हैं और नकारात्मक रवैये से अपना काम करने लगते हैं.
इसलिये, पहले किसी भी काम को अपनी तरफ से करने की कोशिश जरुर करें और फिर, अपने विवेक के आधार पर इस सन्दर्भ में अपनी कोई राय कायम करें. सकारात्मक रवैये से आप अपने जीवन में सब कुछ हासिल कर सकते हैं. इसलिए, अगली बार जब आपको एक द्विघात समीकरण का हल निकालना कठिन लगे तो इसे अलग नजरिये से देखें और अपनी गलतियां पकड़ने की कोशिश करें. आप देखेंगे कि आपका नजरिया सकारात्मक बनने के बाद आपका जीवन जीने का तरीका धीरे-धीरे बदलने लगेगा. इसलिए, आप जितनी जल्दी हो सके अपना नजरिया सकारात्मक बना लें.
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अपने आप से पूछें ये प्रश्न
अगर आपको फिजिक्स या केमिस्ट्री में कोई टॉपिक समझ नहीं आ रहा है तो उसे 2 - 3 बार दुबारा पढ़ें. उसके बाद, उस टॉपिक की विषयवस्तु को कई छोटे-छोटे हिस्सों में बांटें और फिर, एक-एक लाइन अच्छी तरह से पढ़कर उस टॉपिक को समझने की कोशिश करें. इस समस्या से निपटने का एक अन्य तरीका यह भी है कि संबद्ध टॉपिक पर एक प्रश्नावली तैयार करें और फिर स्वयं उसके उत्तर लिखने की कोशिश करें. इससे आपको अपनी वास्तविक गलतियों का पता चलेगा. इसके बाद, आप अपने ट्यूटर से इस टॉपिक को अच्छी तरह समझ सकते हैं. पढ़ते समय रिवीजन एक्सरसाइजेजस करना सबसे महत्वपूर्ण तरीका है क्योंकि इनसे आपको अपने कौशल निखारने में मदद मिलेगी. ऐसे ही, आप अपने जीवन में आने वाली अनेक समस्याओं के बारे में खुद से प्रश्न पूछकर, उनका समाधान तलाशने की कोशिश कर सकते हैं.
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अपने फ्रेंड्स का ग्रुप बनाएं और कॉलेज के कॉम्पीटिशन्स में हिस्सा लें
अपने दोस्तों का एक ग्रुप बनाना और जिस खास विषय पर आपको ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, उस विषय पर चर्चा करना खुद को प्रेरित करने का एक बढ़िया तरीका है. इससे आपको एक ही टॉपिक पर अन्य छात्रों का दृष्टिकोण समझने में मदद मिलगी जिससे संबद्ध विषय को असरदार तरीके से समझने के बारे में आपको सुझाव मिलेगा. किसी ग्रुप में किसी विषय पर चर्चा करने से आप में आत्म-विश्वास भी बढ़ेगा और आप श्रेष्ठ प्रदर्शन करने का उत्साह महसूस करने लगेंगे. ऐसे ही, आप अपने कॉलेज के कॉम्पीटिशन्स में भी जरुर हिस्सा लें ताकि आपका आत्मविश्वास बढ़ जाए और आप डिप्रेशन से बच सकें.
जरूरत पड़ने पर अपने परिवार, दोस्तों और टीचर्स से लें हेल्प
आप दोस्तों या टीचर्स से कुछ नया सीखते समय अपने अहम को हावी न होने दें. आखिर में, टीम वर्क की ही जीत होती है. जब कभी भी आपको तनाव महसूस हो तो मौजूदा स्थिति के अनुसार अपने पेरेंट्स, रिश्तेदारों या दोस्तों से सहायता या समर्थन मांगे. उदाहरण के लिए, अगर आपको मैथमेटिक्स का कोई टॉपिक समझ नहीं आ रहा है तो आप अपने टीचर से इसे आपको दुबारा समझाने की रिक्वेस्ट करें. इसी तरह, अगर आपको ऐसा लगता है कि किसी विषय में आपको ज्यादा मेहनत करने और सुधार लाने की जरूरत है तो आप अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों या टीचर्स से उस विषय में खुद को गाइड करने के लिए मदद ले सकते हैं. आप अपनी परेशानी और स्ट्रेस के बारे में भी अपने परिवार, दोस्तों और टीचर्स से मदद ले सकते हैं. ऐसा करने पर आप डिप्रेशन से यकीनन बच सकते हैं.
जानिये कॉलेज स्टूडेंट्स कुछ ऐसे रख सकते हैं अपनी हेल्थ का ध्यान
कॉलेज स्टूडेंट्स अपने सिलेबस के बढ़ते बोझ के प्रेशर से अक्सर ये सोचने लगते हैं कि कोई नौकरी प्राप्त करने के लिए किसी मैथमेटिकल इक्वेशन को सॉल्व करने का क्या फायदा या इसकी व्यावहारिक उपयोगिता क्या है ? जब आप निराश और तनाव से भरे होते हैं तो वास्तव में आप ऐसा ही सोचने लगते हैं क्योंकि तब आप नकारात्मक तरीके से सोचना शुरू कर देते हैं. इसलिये, आप को हर समय आशावादी और जोश में रहने की जरूरत है और आपको कॉलेज में पढ़ाई के दौरान अपनी जिंदगी को सकारात्मक नजरिये से देखना चाहिए. आशा है कि उक्त टिप्स और प्वाइंट्स आपको दुबारा से प्रसन्नचित बनाने में मदद करेंगे जिससे आपका जीवन आशा, विश्वास, जोश और सकारात्मकता से भर जाएगा.
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