विश्व हिंदी दिवस 2025 पर भाषण, 10 लाइन्स: हिंदी की वैश्विक पहचान और महत्व

विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है, जो हिंदी भाषा की वैश्विक पहचान को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन हिंदी भाषा के सम्मान और प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित है। विद्यार्थियों के लिए छोटे और बड़े भाषण, 10 लाइन्स और कोट्स यहाँ पढ़े! 

Jan 10, 2025, 10:47 IST
विश्व हिंदी दिवस 2025 पर भाषण, 10 लाइन्स यहाँ पढ़े
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विश्व हिंदी दिवस 2025 पर भाषण: विश्व हिंदी दिवस, 10 जनवरी को मनाया जाता है, यह दिन हिंदी भाषा की बढ़ती वैश्विक पहचान और सम्मान को दर्शाने के लिए समर्पित है। भारत सरकार ने 2006 में इस दिन को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी, ताकि हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रतिष्ठा मिल सके। इस दिन का आयोजन दुनिया भर में हिंदी प्रेमियों और भाषा के प्रवर्तकों द्वारा किया जाता है, जिससे यह एक महत्वपूर्ण अवसर बन जाता है हिंदी के महत्व को स्वीकार करने और प्रचारित करने का।

हिंदी, जो अब केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व के अनेक देशों में बोली जाती है, आज अपने एक मजबूत स्थान पर है। विश्व हिंदी दिवस के मौके पर हम यह संकल्प लेते हैं कि हिंदी को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और इसे पूरी दुनिया में फैलाने की दिशा में काम करें। विश्व हिंदी दिवस का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना, हिंदी के साहित्य, संस्कृति और समृद्धि को उजागर करना है। इस दिन, दुनिया भर में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस लेख में आप विद्यालय छात्रों के लिए संक्षिप्त और विस्तृत भाषण के साथ-साथ 10 पंक्तियाँ पढ़ेंगे।

विश्व हिंदी दिवस विषय (World Hindi Diwas 2025 Theme)

विश्व हिंदी दिवस 2025 का विषय है-

"हिंदी: एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज"

अर्थ: हिंदी भाषा दुनिया भर में लोगों को जोड़ने और एकता बनाने का एक महत्वपूर्ण जरिया है। यह न केवल हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर और गर्व का प्रतीक है, बल्कि दुनिया भर में इसे अपनाया जा रहा है। हिंदी भाषा एक ऐसी शक्ति है जो विभिन्न संस्कृतियों, देशों और लोगों के बीच सामूहिकता और गौरव का संदेश फैलाती है।

विश्व हिंदी दिवस पर 10 लाइन

  1. विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है।
  2. यह दिन हिंदी भाषा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
  3. 10 जनवरी 1949 को हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में अपनाया गया था।
  4. हिंदी दुनिया भर में लगभग 50 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है।
  5. हिंदी ने भारत के विभिन्न हिस्सों में एकता का काम किया है।
  6. हिंदी भाषा भारतीय संस्कृति और सभ्यता का अहम हिस्सा है।
  7. फिल्म और साहित्य के माध्यम से हिंदी की पहचान पूरी दुनिया में बनी है।
  8. हिंदी को वैश्विक स्तर पर फैलाना हमारा उद्देश्य होना चाहिए।
  9. हमें अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए और इसे संरक्षित रखना चाहिए।
  10. विश्व हिंदी दिवस हमें हिंदी के प्रचार-प्रसार की दिशा में प्रेरित करता है।

विश्व हिंदी दिवस पर भाषण (Short Speech on World Hindi Diwas in Hindi) 

सुप्रभात सभी को!

आज हम सभी यहाँ विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं, जो हर वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा के महत्व को पहचानने और उसे वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने का दिन है। 10 जनवरी, 1949 को हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में अपनाया गया था, और तभी से यह दिन हमारे लिए एक खास महत्व रखता है।

हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और जीवन शैली का अभिन्न हिस्सा है। यह हमारी पहचान है, और हम सभी हिंदी बोलकर अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखते हैं। हिंदी भाषा का इतिहास बहुत पुराना है और यह हमारे साहित्य, कला, और फिल्म उद्योग का अभिन्न हिस्सा है। हिंदी फिल्मों के माध्यम से यह भाषा न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में लोकप्रिय हुई है। बॉलीवुड ने हिंदी को वैश्विक स्तर पर एक पहचान दिलाई है।

दुनिया भर में हिंदी बोलने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत में लगभग 44 प्रतिशत लोग हिंदी बोलते हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके अलावा, नेपाल, पाकिस्तान, बांगलादेश, श्रीलंका जैसे देशों में भी हिंदी बोली जाती है। आजकल हिंदी का प्रभाव वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है, और विभिन्न देशों में हिंदी सीखने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि हो रही है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हिंदी भाषा अब न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी लोगों के बीच संवाद का माध्यम बन गई है।

हिंदी भाषा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह सभी समुदायों, धर्मों और संस्कृतियों को एक सूत्र में बांधने का कार्य करती है। भारत में विविधता के बावजूद हिंदी ने हमेशा एकता का प्रतीक माना है। यह भाषा हमारे राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत करती है। हिंदी में संवाद करने से हम अपनी संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों को आसानी से व्यक्त कर सकते हैं।

विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य हिंदी को एक वैश्विक भाषा के रूप में स्थापित करना है। इस दिन हम यह संकल्प लेते हैं कि हम अपनी भाषा को बढ़ावा देंगे और इसे पूरे विश्व में फैलाने का कार्य करेंगे। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हिंदी को न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी सम्मान मिले।

आखिरकार, यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम अपनी भाषा हिंदी को संजोएं और इसे आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाएं। आइए, हम सभी मिलकर यह संकल्प लें कि हिंदी को हर जगह सम्मानित करेंगे और इसे एक वैश्विक भाषा बनाएंगे।

धन्यवाद!

विश्व हिंदी दिवस पर भाषण (Long Speech on World Hindi Diwas in Hindi)

सुप्रभात, आदरणीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों,

आज हम सभी यहाँ विश्व हिंदी दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह दिन विशेष रूप से हिंदी भाषा की महिमा को बढ़ावा देने और उसकी वैश्विक पहचान को मान्यता देने के उद्देश्य से मनाया जाता है। हम सभी जानते हैं कि हिंदी भारतीय उपमहाद्वीप की एक प्रमुख भाषा है, लेकिन यह केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अब यह पूरी दुनिया में एक सम्मानित भाषा के रूप में उभर रही है।

हमारा देश भारत विविधताओं का देश है। यहां विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं, और हर भाषा का अपना अलग महत्व है। लेकिन हिंदी को इस विशाल देश में एक ऐसी भाषा के रूप में पहचाना जाता है, जो न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी व्यापक रूप से बोली जाती है। आज हम यहाँ 10 जनवरी को मनाए जाने वाले विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी भाषा के महत्व और उसकी बढ़ती हुई वैश्विक उपस्थिति पर चर्चा करने के लिए इकट्ठा हुए हैं।

हिंदी का ऐतिहासिक महत्व

हिंदी भाषा का इतिहास बहुत पुराना है। प्राचीन भारत के साहित्य, कला, और संस्कृति में हिंदी का अभिन्न योगदान रहा है। हिंदी भारतीय समाज की आत्मा है, जो हमारे संस्कारों और परंपराओं को प्रतिबिंबित करती है। हिंदी को 10 जनवरी, 1949 को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया था। इसके बाद से हर साल इस दिन को हिंदी के प्रचार और प्रसार के लिए मनाया जाता है।

इस दिन को मनाने का उद्देश्य सिर्फ हिंदी भाषा के महत्व को स्वीकारना नहीं, बल्कि इसे और सशक्त बनाना है। 10 जनवरी 1949 वह दिन था जब हिंदी को भारतीय संविधान में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त हुआ। तब से लेकर अब तक, हिंदी का विकास और उसका प्रभाव निरंतर बढ़ा है।

हिंदी की वैश्विक पहचान

आज हिंदी एक मात्र भारतीय भाषा नहीं, बल्कि यह दुनिया की सबसे बड़ी भाषाओं में से एक बन चुकी है। इसे करीब 50 करोड़ लोग बोलते हैं, और इसकी संख्या लगातार बढ़ रही है। हिंदी के प्रभाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह भाषा न केवल भारत में, बल्कि नेपाल, बांगलादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, और यहां तक कि अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी बोली जाती है। हिंदी को हर स्थान पर एक पहचान मिल रही है और यह एक वैश्विक भाषा के रूप में उभर रही है।

विश्व हिंदी दिवस का आयोजन हमें यह याद दिलाने के लिए किया जाता है कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर, हमारी परंपराओं और हमारे इतिहास का हिस्सा है। जब हम हिंदी बोलते हैं तो हम अपने पूर्वजों की संस्कृति और सभ्यता से जुड़ते हैं। हिंदी हमें हमारी मातृभूमि से जोड़ती है और यह हमारी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी है।

हिंदी का सांस्कृतिक योगदान

हिंदी भाषा की ताकत उसके साहित्य और कला में निहित है। हिंदी साहित्य का इतिहास सैकड़ों वर्षों पुराना है, जिसमें महान लेखकों, कवियों और शायरों ने हिंदी को समृद्ध किया है। महादेवी वर्मा, सुमित्रानंदन पंत, प्रेमचंद, सूरदास, मीर तकी मीर, और ग़ालिब जैसे महान साहित्यकारों ने हिंदी साहित्य को ऊंचाइयों तक पहुंचाया। इन लेखकों और कवियों के योगदान ने हिंदी को न केवल साहित्यिक दृष्टि से समृद्ध किया है, बल्कि इसे सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलन का एक माध्यम भी बनाया है।

हिंदी फिल्मों ने भी इसके वैश्विक प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बॉलीवुड फिल्में न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी बेहद लोकप्रिय हैं। हिंदी फिल्मों के संवाद और गीतों ने दुनिया भर में हिंदी भाषा को एक नई पहचान दी है। बॉलीवुड, जो कि हिंदी सिनेमा का मुख्य केंद्र है, अब वैश्विक दर्शकों के बीच एक बड़ा नाम बन चुका है। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की यह सफलता न केवल हिंदी भाषा का गौरव बढ़ाती है, बल्कि यह हिंदी के वैश्विक प्रचार में सहायक भी बनती है।

हिंदी और भारतीय एकता

भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन हिंदी ने हमेशा देश की विविधता में एकता बनाए रखी है। यह भाषा एक पुल का कार्य करती है जो विभिन्न समुदायों, धर्मों और संस्कृतियों को जोड़ती है। हिंदी ने भारतीय समाज को एकसूत्र में बांधने का काम किया है, और इसे हमारे समाज की विविधता में एकता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

हिंदी के माध्यम से हम अपनी बातों को न केवल अपने देश में बल्कि दुनियाभर में फैले हिंदी भाषी लोगों तक पहुंचा सकते हैं। यही कारण है कि हिंदी को सिर्फ एक भारतीय भाषा के रूप में नहीं, बल्कि एक वैश्विक भाषा के रूप में स्वीकार किया गया है।

विश्व हिंदी दिवस का महत्व

विश्व हिंदी दिवस को मनाने का उद्देश्य हिंदी को एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना है। आज की दुनिया में जहां विभिन्न भाषाएं, तकनीकी विकास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान हो रहा है, वहां हिंदी को एक वैश्विक भाषा के रूप में बढ़ावा देने की आवश्यकता है। यह दिन हम सभी को यह याद दिलाता है कि हिंदी को केवल भारत में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में फैलाना हमारी जिम्मेदारी है।

निष्कर्ष

आखिरकार, हमें हिंदी को अपनी पहचान, अपने गर्व और अपनी सांस्कृतिक धरोहर के रूप में समझना चाहिए। हिंदी ने हमें न केवल भाषा, बल्कि एक संस्कृति और एकता का संदेश दिया है। हम सभी को इस दिन को मनाने का अवसर मिला है, ताकि हम अपनी भाषा पर गर्व करें और उसे पूरे विश्व में फैलाने का कार्य करें।

आइए, हम सभी मिलकर यह संकल्प लें कि हम हिंदी को बढ़ावा देंगे, इसे और सशक्त बनाएंगे, और इसे हर स्थान पर सम्मानित करेंगे। हिंदी को न केवल एक भाषा के रूप में, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में संजोएंगे।

धन्यवाद!

विश्व हिंदी दिवस 2025: रोचक तथ्य

  • हिंदी एक इंडो-यूरोपीय भाषा है।
  • "हिंदी" शब्द दरअसल फारसी भाषा से लिया गया है।
  • अंग्रेजी ने हिंदी से बहुत सारे शब्द उधार लिए हैं।
  • हिंदी को संस्कृत भाषा का वंशज माना जाता है।
  • हिंदी वर्णमाला का हर अक्षर अपनी अलग और विशिष्ट ध्वनि रखता है।

विश्व हिंदी दिवस कोट्स (Quotes on World Hindi Diwas 2025)

  1. "हिंदी हमारी पहचान है, यह हमें एकता और सामूहिकता का अहसास कराती है।"

  2. "हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार, देश की सांस्कृतिक एकता की ओर एक कदम और बढ़ाता है।"

  3. "हिंदी सिर्फ भाषा नहीं, हमारी संस्कृति और राष्ट्र का प्रतीक है।"

  4. "भाषा का सबसे बड़ा प्रभाव विचारों पर होता है, और हिंदी एक ऐसा माध्यम है जो हमारे विचारों को सशक्त बनाता है।"

  5. "हिंदी भाषा की ताकत और प्रभाव का कोई सानी नहीं है, यह सम्पूर्ण राष्ट्र को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।"

  6. "हमारे राष्ट्र की ताकत हिंदी में निहित है, इसे और सशक्त बनाएं।"

  7. "हिंदी भाषा की सौम्यता और सरलता में निहित है विश्व को जोड़ने की शक्ति।"

  8. "हिंदी हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, इसे संरक्षित और प्रचारित करना हमारा कर्तव्य है।"

  9. "हिंदी न केवल भाषा है, बल्कि यह हमारी आत्मा का प्रतीक भी है।"

  10. "हिंदी में शक्ति है, यह दुनिया को एकजुट करने का एक अद्वितीय तरीका है।"

Anisha Mishra
Anisha Mishra

Content Writer

Anisha Mishra is a mass communication professional and content strategist with a total two years of experience. She's passionate about creating clear, results-driven content—from articles to social media posts—that genuinely connects with audiences. With a proven track record of shaping compelling narratives and boosting engagement for brands like Shiksha.com, she excels in the education sector, handling CBSE, State Boards, NEET, and JEE exams, especially during crucial result seasons. Blending expertise in traditional and new digital media, Anisha constantly explores current content trends. Connect with her on LinkedIn for fresh insights into education content strategy and audience behavior, and let's make a lasting impact together.
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