बिटकॉयन एक डिजिटल करेंसी है। ये आम रुपये-पैसे जैसे फिजिकल फॉर्म में नहीं होती बल्कि एक कंप्यूटराइज्ड कोड के रूप में होती है। वो भी ऐसा कोड जिसे आप ऑनलाइन वैलेट या कंप्यूटर में सुरक्षित रख सकते हैं। इसके जरिए पूरी दुनिया में आपसी लेन देन संभव है, लेकिन मजे की बात यह है कि इस पर किसी भी सरकार या बैंक का नियंत्रण नहीं है। दुनिया की ज्यादातर महत्वपूर्ण करेंसियों को इससे एक्सचेंज किया जा सकता है। बिटकॉयन को क्रिप्टोकरेंसी के नाम से भी जाना जाता है।
कैसे होता है इश्यू
इसे खास किस्म के कम्युनिटी सॉफ्टवेयर के माध्यम से जारी किया जाता है। करीब हर 10 मिनट पर ऑटोमेटेड तरीके से ये कॉयन बनाए जाते हैं व वितरित किए जाते हैं। क रेंसी इश्यू होने के प्रारूप को माइनिंग कहा जाता है।
कहां हो सकता है इस्तेमाल
इसका इस्तेमाल वैसे तो फिलहाल सीमित है लेकिन कुछ शॉपिंग मॉल्स, डोनेशन, बिजनेस संबंधी एक्सचेंज में भी इसका प्रयोग हो रहा है।
आखिर क्यों है इतना क्रेज
1. दरअसल बिटकॉयन पर किसी एक देश या बैंक का नियंत्रण नहीं है। ऐसे में सरकार या बैंकों के किसी आर्थिक संकट में पडने पर इसकी सेहत पर कोई असर नहीं पडता।
2. बिटकॉयन का लेनदेन पर्सन टू पर्सन होता है लिहाजा बैंक या गेटवे सिस्टम को ट्रांजिशन फीस के तौर पर आपको मोटी रकम नहीं चुकानी पडती।
3. इसमें मनी ट्रांसफर खासा आसान है। यह मेल भेजने जैसा ही है जिसमें आप एक देश से दूसरे देश में मनी ट्रांसफर कर सकते हैं।
4. इसमें करेंसी डाइल्यूट करना या फर्जी कोड जेनरेट करना आसान नहीं है। इंटरनेट बैंकिंगया क्रेडिट कार्ड के मुकाबले यह काफी सुरक्षित है।
कैसे होता है इस्तेमाल
इसमें आपको पहले कंप्यूटर पर बिटकॉयन सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करना होता है। एंड्रॉयड यूजर गूगल प्ले के जरिए इसे डाउनलोड कर सकते हैं। प्ले सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करते ही आपको बिटकॉयन कोड या बिटकॉयन एड्रेस मिलेगा। इसके लेनदेन में इस कोड की ही सबसे बडी भूमिका होगी। यह आपके बैंक अकाउंट की तरह कार्य करता है। किसी को बिटकॉयन में रकम भेजनी है तो आपके पास बिटकॉयन एड्रेस होना अनिवार्य है।
कानून को भी समझें
किसी मुद्रा के लेन-देन पर नजर रखना संभव न हो तो उसके बारे में सवाल उठना लाजिमी है। बिटकॉयन के बारे में भी काफी समय से ऐसे ही सवाल उठ रहे हैं। कई लोग बिटकॉयन के जरिए हवाला या फिर गैरकानूनी ढंग से रकम ट्रांसफर को मुद्दा बना रहे हैं। जबकि इसके हिमायती बिटाकॉयन को गैरकानूनी करार देने के सख्त खिलाफ हैं.
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