स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित खेलों में स्वर्ण और रजत पदक हासिल करने वाले केवी-2 अर्मापुर कानपुर के स्टूडेंट्स से यूथ और स्पोर्ट्स सब्जेक्ट पर परिचर्चा हुई। पेश हैं परिचर्चा के प्रमुख अंश..
कॅरियर में मिलेगा एडवांटेज
यूथ को गेम्स पसंद हैं। अगर स्कूली शिक्षा के दौरान गाइडेंस मिल जाए और स्टूडेंट सेल्फ एसेसमेंट कर लें तो खेलों में कॅरियर बनाने का ऑप्शन उम्दा है। मैंने थ्रो बॉल नेशनल और स्टेट लेवल पर खेला है। इन खेलों का एडवांटेज मुझे कॅरियर में मिलेगा।
खेल हर दृष्टि से फायदेमंद
हैंडबॉल टीम का सदस्य रहकर रीजनल तथा नेशनल में स्वर्ण पदक हासिल किया है। मेरा प्रयास रहेगा कि आगे भी खेलों में फेम पाकर एयरफोर्स में कॅरियर बनाऊं। खेलों के साथ देश की सेवा करना मेरी पहली प्राथमिकता है। खेल हर दृष्टि से फायदेमंद हैं।
पढाई के दौरान खेल हों अनिवार्य
कोच गुरु की देख-रेख में रीजनल खेलों में तीन गोल्ड मेडल और नेशनल खेलों में सिल्वर पदक मिला है। मेरे कोच ने मुझे हर माइनर बारीकियों से अवगत कराया है। स्पोर्ट्स हर यूथ की पसंद बने इसके लिए इसे पढाई के दौरान अनिवार्य कर देना चाहिए।
मेरा देश भी स्वर्ण पदक बटोरे
प्रतिदिन कम से कम एक घंटा जरूर हैंडबॉल खेलता हूं। रीजनल और नेशनल दोनों में स्वर्ण पदक मिला है, अब मेरी इच्छा इंटरनेशनल खेलने की है। एनडीए में जाकर देश सेवा और हर यूथ को खेलों से जोडने की तमन्ना है।
सीख रहा हूं कोच सेटिप्स
मुझे स्पोर्ट्स में मिले गोल्ड आगे भी मिलते रहें इसके लिए कोच से और टिप्स सीखने हैं। मेरे देश के हर युवा में खेल के प्रति प्रेम हो तभी हम देश के लिए बेस्ट कर सकते हैं। हर यूथ को गेम्स खेलने चाहिए।
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