सुरक्षा के लिए रहें एलर्ट
इंसान सुरक्षित तो कहीं भी नहीं है, लेकिन यदि एलर्ट रहा जाए और हर माइनर प्वाइंट्स पर ध्यान दिया जाए तो सुरक्षित रहने के चांसेज बढ जाते हैं। कहने का आशय यह है कि हॉस्टल से कहीं जाना है तो वार्डेन और घर से निकलना है तो गार्जियन को जरूर जानकारी दें कि कहां और क्यों जा रहे हैं। जहां जाना हो और उस जगह का ज्ञान न हो तो सीनियर्स से जरूर पूछ लें। सुरक्षित रहना है तो स्वयं ध्यान देना होगा।
कॉलेज हर दृष्टि से सुरक्षित
मेरा कॉलेज हर दृष्टि से सुरक्षित है, लेकिन पूरे एनसीआर की बात करें तो महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। इसके लिए कहीं न कहीं प्रशासनिक अमला भी जिम्मेदार है। यदि इस संबंध में बनी सरकारी नीतियों का कडाई से पालन कराया जाए और लापरवाह अफसरों को दंडित करने के साथ अपराधी को सख्त सजा दी जाए तो बाकी लोग अपराध करने की हिम्मत नहीं करेंगे। ऐसा होता है तो लोगों में अपनी सुरक्षा को लेकर कांफिडेंस बढेगा।
लें संकल्प
एनसीआर में कॅरियर बनाने के लिए आने वाले स्टूडेंट्स हिम्मत रखें और जरा भी घबराएं नहीं, क्योंकि डरने से काम बनने वाला नहीं है। यूथ के कंधों पर देश का भविष्य है। अपराध को जड से मिटाने का संकल्प लें और जहां कोई ऐसी घटना हो रही हो उसका खुलकर विरोध करें, तभी स्टूडेंट्स के साथ आम व्यक्ति सुरक्षित रह पाएंगे साथ ही भारतीय संस्कृति भी सुरक्षित बनी रहेगी। ऐसा संकल्प यूथ को जरूर लेना चाहिए, तभी हमारा भयमुक्त समाज की स्थापना होगी.
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