Budget 2018 in Hndi: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने द्वारा वित्त वर्ष 2018-19 के लिए पेश किये गये बजट में ग्रामीण एवं कृषि क्षेत्र को विशेष रूप से उल्लिखित किया गया. वित्त मंत्री के भाषण की शुरुआत खेतिहर किसानों के लिए किए गए कई बड़ी घोषणाओं से हुई. वित्त मंत्री ने कम लागत में अधिक फसल उगाने पर बल देते हुए किसानों को उनकी उपज का अधिक दाम दिलाने पर भी ध्यान केन्द्रित किया.
कृषि एवं ग्रामीण अर्थयवस्था
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा. उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि उपज पर लागत से डेढ़ गुना अधिक दाम मिले. कृषि प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए 1400 करोड़ रुपये रखे गये जबकि 500 करोड़ रुपये की लागत से ऑपरेशन ग्रीन आरंभ करने की भी घोषणा की गयी.
इन घोषणाओं के अलावा 42 मेगा फूड पार्क बनाए जाने की घोषणा की गयी. गांवों में इंफ़्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए 14.34 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे. लघु और सीमांत किसानों के लिए ग्रामीण कृषि बाजारों का विकास किया जाएगा तथा गांवों के 22 हज़ार हाटों को कृषि बाजार में तब्दील किया जाएगा. साथ ही उज्जवला योजना के लक्ष्य को बढ़ाकर 8 करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए जाने का प्रावधान भी किया गया.
शिक्षा एवं रोजगार
वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणा के अनुसार जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा को लेकर नये प्रावधान लाये गये हैं. उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में एकलव्य स्कूल खोले जाने की घोषणा की. वित्त मंत्री के अनुसार शिक्षकों के लिए एकीकृत बीएड कोर्स की शुरुआत की जाएगी तथा स्कूल में ब्लैकबोर्ड की जगह डिजिटल बोर्ड की योजना पर भी जोर दिया गया. बजट में 24 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने के बारे में भी जानकारी दी गई.
रोजगार के विषय पर बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार वर्ष 2018 में 70 लाख नौकरियां देगी तथा वर्ष 2020 तक 50 लाख युवाओं को स्कॉलरशिप प्रदान करेगीं. इसके अतिरिक्त 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया. वित्त मंत्री ने बताया कि 13 लाख से ज्यादा शिक्षकों को ट्रेनिंग दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
स्वास्थ्य एवं लोक कल्याण
वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किये गये इस बजट में सबसे बड़ी घोषणा स्वास्थ्य क्षेत्र में की गयी. इसके तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना की घोषणा की गयी. इसमें कहा गया कि देश की 40 प्रतिशत आबादी को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जायेगा. यह विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना होगी. गरीबों को मुफ्त डायलेसिस सुविधा दी जाएगी तथा हर राज्य में सरकारी मेडिकल कॉलेज बनाया जायेगा.
इसके अतिरिक्त एससी-एसटी वेलफेयर के लिए 56,619 करोड़ रुपये के प्रावधान की भी घोषणा की गयी. वित्त मंत्री ने कहा कि समावेशी समाज का सपना पूरा करने के लिए 115 जिलों की पहचान की गयी है. वित्त मंत्री ने कहा कि अगले 3 साल में सरकार सभी क्षेत्रों में 70 लाख नई नौकरियां पैदा करेगी.
कर (Tax) प्रावधान
बजट के अनुसार व्यक्तिगत आयकर ढांचे में कोई बदलाव नहीं जबकि सीनियर सिटीजन्स को जमा राशि पर ब्याज आय में 50 हज़ार तक की छूट मिलेगी. खेती से जुड़ी कंपनी को मिशन ग्रीन्स के तहत 100% टैक्स से छूट दी जाएगी जबकि 99% MSME कम्पनियों को 25% टैक्स दायरे में लाया जायेगा. इसी प्रकार 250 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली कम्पनियों को 30% टैक्स स्लैब में रखा गया है.
वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के अनुसार 40 हजार रुपए तक स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा. डिपॉजिट पर मिलने वाली छूट 10 हजार से बढ़ाकर 50 हजार की गई. वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि बिटकॉइन जैसी करेंसी नहीं चलेगी. क्रिप्टो करेंसी गैरकानूनी है.
भारतीय रेल
वित्त मंत्री द्वारा घोषित बजट में कहा गया कि रेलवे के सभी नेटवर्क ब्रॉडगेज में बदले जाएंगे. पच्चीस हजार स्टेशनों पर स्वचालित सीढ़ियां लगेंगी तथा देश में अब सिर्फ बड़ी लाइनों पर ट्रेन चलेंगी. बजट की घोषणा के अनुसार सभी स्टेशनों पर वाईफाई लगाए जायेंगे.
बजट 2018 की घोषणा के अनुसार देश में हेलीपैड और हवाई-अड्डों का जाल बिछाया जायेगा. देश में एयरपोर्ट की संख्या 5 गुणा बढ़ाई जाएगी. मुंबई में 90 किलोमीटर की पटरी का विस्तार होगा तथा 3600 नई लाईनें बिछाई जाएंगी.
आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18: विस्तृत समीक्षा
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 29 जनवरी 2018 को आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 पेश किया. आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2019 के दौरान जीडीपी के 7 से 7.5 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान जताया है. वहीं तेजी से महंगा होता क्रूड भी सरकार की प्रमुख चिंताओं में से एक है जिसके इस वर्ष 12 प्रतिशत और महंगा होने का अनुमान है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में 7 से 7.5 प्रतिशत रहेगी आर्थिक वृद्धि दर कच्चा तेल की बढ़ती कीमतें चिंता का विषय हैं. भारतीय इतिहास में पहली बार पांच राज्यों - महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना में 70 प्रतिशत निर्यात रिकॉर्ड हुआ. भारत का अंदरूनी व्यापार भी काफी बढ़ा है.
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