Indian Navy की बढ़ी ताकत, नौसेना में शामिल हुआ INS वेला, जानें इसकी खासियत

Nov 25, 2021, 16:40 IST

वेला स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों में से एक है, जिसे मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) द्वारा मुंबई में फ्रांसीसी फर्म नेवल ग्रुप के टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से बनाया जा रहा है. 

Indian Navy to commission INS Vela submarine
Indian Navy to commission INS Vela submarine

भारतीय नौसेना ने 25 नवंबर 2021 को मुंबई के मझगांव डॉक पर स्कॉर्पियन श्रेणी की नई पनडुब्बी आईएनएस 'vela' को अपने बेड़े में शामिल किया है. वेला स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों में से एक है, जिसे MDL द्वारा मुंबई में फ्रांसीसी फर्म नेवल ग्रुप के टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से बनाया जा रहा है. भारतीय नौसेना ने इसे आत्मनिर्भर भारत का उदाहरण बताया है. इसे मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) द्वारा बनाया गया है.

वेला स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों में से एक है, जिसे मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) द्वारा मुंबई में फ्रांसीसी फर्म नेवल ग्रुप के टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से बनाया जा रहा है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 21 नवंबर को भारतीय नौसेना को आईएनएस विशाखापत्तन (INS Visakhapatnam) सौंपा था.

चौथी सबमरीन आईएनएस वेला

कलवरी क्लास की चौथी सबमरीन आईएनएस वेला को मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में बनाया गया है. इससे पहले आईएनएस कलवरी, आईएनएस खंडेरी और आईएनएस करंज भारतीय नौसेना में शामिल हो चुकी हैं. ये सारी सबमरीन फ्रांसीसी स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन की तकनीक पर बनाई गई हैं और दुनिया की बेहतरीन सबमरीन में से हैं.

आईएनएस वेला की खासियत

• आईएनएस वेला 75 मीटर लंबी है और इसका वजन 1615 टन है. इसमें 35 नौसैनिक और 8 ऑफिसर रह सकते हैं और ये समुद्र के अंदर 37 किलोमीटर (20 नॉटिकल मील) की रफ्तार से चल सकती है.

• ये एक बार 1020 किमी (550 नॉटिकल मील) की दूरी समुद्र के अंदर तय कर सकती है और एक बार अपने बेस से निकलने के बाद 50 दिन तक समुद्र में रह सकती है.

• आईएनएस वेला में दुश्मन के जहाज पर हमला करने के लिए 18 टॉरपीडो लगे हुए हैं. इसमें टॉरपीडो की जगह 30 समुद्री सुंरगे भी लगाई जा सकती हैं. इससे दुश्मन के जहाजों को तबाह किया जा सकता है.

• ये सबमरीन दुश्मन के जहाजों को तबाह करने के लिए मिसाइलों से भी लैस है, जो पलक झपकते दुश्मन का खात्मा कर सकती हैं.

• यह पनडुब्बी एंटी-सरफेस वॉर, एंटी-सबमरीन वॉर, खुफिया जानकारी जमा करने, माइन बिछाने, निगरानी जैसे कई मिशन को अंजाम दे सकती है. इसे अल्ट्रामॉडर्न टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से बनाया गया है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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