International Women's Day: जानिए इन सात महिलाओं की उपलब्धियों के बारे में जिन्होंने अपने क्षेत्रों में रचे हैं नए कीर्तिमान
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस आज पूरे विश्व में मनाया जा रहा है. आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से उन सात महिलाओं के बारे में जानेंगे जो सही मायने में इंडिया की रियल हीरोज हैं, लेकिन उनके बारे में जानने के बहुत कम अवसर मिले.

International Women's Day: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस प्रतिवर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है. यह दिवस मुख्य रूप से महिलाओं के सम्मान में मनाया जाता है. इस बार का अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस इसलिए भी विशेष हो जाता है क्योंकि आज यानि 08 मार्च को पूरे भारत में रंगों का त्यौहार होली भी मनाया जा रहा है.
इस वर्ष का थीम:
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 का थीम डिजिट ऑल: इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी फॉर जेंडर इक्वीलिटी (DigitALL: Innovation and technology for gender equality) है. साथ ही अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 अभियान का थीम #EmbraceEquity है. इस दिवस के मनाने का मुख्य उद्देश्य समाज में महिलाओं को बराबर का दर्जा दिलाना है.
अपने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के थीम और इतिहास से जुड़े कई लेख पढ़े होंगे साथ ही महिलाओं की उपलब्धियों से जुड़े कई लेख पढ़े होंगे लेकिन आज हम इस लेख के माध्यम से कुछ ऐसी महिलाओं के बारें में बताने जा रहे है जिनका योगदान देश की प्रगति में अहम रहा है और उनके बारें में जानने के कम अवसर मिले है.
1. सुजाता रामदोराई:
सुजाता रामदोराई (Sujatha Ramdorai) भारत की एक महान गणितग्य है, रामदोराई 2006 में प्रतिष्ठित ICTP रामानुजन पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय बनीं थी. सुजाता रामदोराई अल्जेब्रिक नंबर थेओरीस्ट है जो इवासावा सिद्धांत (Iwasawa theory) पर अपने काम के लिए जानी जाती हैं.
वर्ष 2023 में भारत सरकार द्वारा उन्हें विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया था. साथ ही उन्हें वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा वैज्ञानिक क्षेत्र के सर्वोच्च सम्मान शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.
2. ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी:
ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी (Shaliza Dhami) को भारतीय वायु सेना द्वारा, पश्चिमी क्षेत्र में एक फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट की कमान संभालने के लिए चुना है. वह IAF की किसी भी कॉम्बैट यूनिट की कमान संभालने वाली पहली महिला हैं. ग्रुप कैप्टन धामी को वर्ष 2003 में एक हेलीकाप्टर पायलट के रूप में नियुक्त किया गया था और उनके पास 2800 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है.
ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी एक अनुभवी फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर है उन्होंने पश्चिमी क्षेत्र में एक हेलीकाप्टर यूनिट के फ्लाइट कमांडर के रूप में भी काम किया है. ग्रुप कैप्टन धामी को वर्ष 2003 में एक हेलीकाप्टर पायलट के रूप में नियुक्त किया गया था.
3. पूर्णिमा देवी बर्मन:
पूर्णिमा देवी बर्मन (Purnima Devi Barman) भारत की एक वन्यजीव जीवविज्ञानी हैं जो असम राज्य से सम्बंधित है. जो हरगिला आर्मी (Hargila Army) का नेतृत्व करती है जो यह सारस पक्षी के संरक्षण से जुड़ा एक मूवमेंट है. उन्होंने असम गुवाहाटी यूनिवर्सिटी से पारिस्थितिकी और वन्यजीव जीव विज्ञान में विशेषज्ञता के साथ जूलॉजी में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है.
पूर्णिमा देवी बर्मन को वर्ष 2017 की नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्हें यूएन के सर्वोच्च पर्यावरण पुरस्कार चैंपियंस ऑफ़ द अर्थ 2022 से सम्मानित किया गया है. डॉ पूर्णिमा को एंटरप्रेन्योरियल विजन श्रेणी में UNEP के चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड दिया गया था.
4. रुक्मणी कृष्णमूर्ति:
भारत की पहली महिला फोरेंसिक वैज्ञानिक रुक्मणी कृष्णमूर्ति (Rukmani Krishnamurthy) का भी योगदान देश की तरक्की में अहम है. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से कुछ दिन पहले उनके जीवन पर आधारित एक फिल्म बनाए जानें की घोषणा की गयी है.
फोरेंसिक वैज्ञानिक रुक्मणी कृष्णमूर्ति ने 1993 के मुंबई विस्फोटों और 2008 के टीवी कार्यकारी नीरज ग्रोवर की हत्या जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों की फोरेंसिक जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. रुक्मणी कृष्णमूर्ति का जन्म 1948 में हुआ था, उनके पिता मध्य प्रदेश में विशेष कार्य अधिकारी थे.
5. कैप्टन शिवा चौहान:
कैप्टन शिवा चौहान को दुनिया के सबसे ऊंचे और दुर्गम बेटल फील्ड सियाचिन में एक महिला आर्मी ऑफिसर के रूप में तैनात है. कैप्टन शिवा चौहान (Captain Shiva Chouhan) सियाचिन बेटल फील्ड में तैनात होने वाली भारतीय सेना की पहली महिला ऑफिसर है.
कैप्टन शिवा की पोस्टिंग सियाचिन बेटल फील्ड के 'कुमार पोस्ट' (Kumar Post) पर की गयी है जिसकी ऊंचाई 15,632 फीट है. कैप्टन शिवा चौहान राजस्थान की रहने वाली है. कैप्टन शिवा ने जुलाई 2022 में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर, सुरा सोई साइकिल अभियान (Sura Soi Cycling Expedition) का सफल नेतृत्व किया था.
6. प्रकृति वार्ष्णेय:
प्रकृति वार्ष्णेय (Prakriti Varshney) दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली पहली भारतीय शाकाहारी महिला हैं. उन्होंने यह उपलब्धि 12 मई, 2022 को हासिल किया था. इससे पहले इस बहादुर बेटी ने अफ्रीका के तीन सबसे उंची चोटियों माउंट किलिमंजारो, माउंट केन्या, और माउंट स्टेनली को भी फतह किया था.
उन्हें जीवों से बहुत प्यार है और वह जीवों के संरक्षण के लिए कार्य करने वाले एक एनजीओ से भी जुडी हुई है. 26 वर्षीय पर्वतारोही प्रकृति ने माउंट एवरेस्ट फतह करने के लिए पांच महीने तक प्रशिक्षण लिया साथ ही उन्होंने उत्तरकाशी में पर्वतारोहण का कोर्स भी किया था.
7. प्रो. नीना गुप्ता:
भारत का नाम रोशन करने वाली एक अन्य महिला की बात करें तो उसमें नीना गुप्ता (Neena Gupta) का भी नाम शामिल है जो कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान में प्रोफेसर है. प्रो. नीना गुप्ता को विकासशील देशों के युवा गणितज्ञों के लिए 2021 DST-ICTP-IMU रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
नीना ने एफाइन बीजगणितीय ज्यामिति और क्रमविनिमेय बीजगणित में उत्कृष्ट कार्य किया है. वर्ष 2019 में, गुप्ता को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
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