First Audit Diwas 2021: क्या है ऑडिट दिवस, जानें इसके बारे में सबकुछ?

Nov 16, 2021, 12:47 IST

First Audit Diwas 2021:  प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम में कहा कि पारदर्शिता न होने की वजह से बैंकिंग सेक्‍टर में पहले दूसरी ही प्रक्रिया इस्‍तेमाल में लाई जाती थी. इसका परिणाम हुआ एनपीए का दायरा बढ़ता ही गया. 

PM Modi to address event to mark first Audit Diwas
PM Modi to address event to mark first Audit Diwas

First Audit Diwas 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 नवंबर 2021 को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के कार्यालय में पहले ऑडिट दिवस को संबोधित किया. इस अवसर पर कैग कार्यालय में प्रधानमंत्री मोदी देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण भी किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक समय था, जब देश में ऑडिट को एक आशंका, एक भय के साथ देखा जाता था.

प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम में कहा कि पारदर्शिता न होने की वजह से बैंकिंग सेक्‍टर में पहले दूसरी ही प्रक्रिया इस्‍तेमाल में लाई जाती थी. इसका परिणाम हुआ एनपीए का दायरा बढ़ता ही गया. उन्‍होंने कहा कि आप भी इस बात से बखूबी परिचित हैं.

इस दिवस का उद्देश्य

बता दें कि कैग संस्था की ऐतिहासिक शुरुआत और वर्षों से निरंतर शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही में इसके योगदान को देखते हुए लेखा परीक्षक दिवस मनाया जा रहा है. इस दिवस का मकसद देश में पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देने में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के योगदान को सभी के सामने लाना है.

कैग के बारे में

देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) एक संवैधानिक पद है. कैग का काम सरकारी खातों और उसके द्वारा खर्च किये जा रहे धन की जांच करना है. दरअसल, सरकार जो भी धन खर्च करती है कैग उस खर्च की गहराई से जांच पड़ताल करता है और पता लगाता है कि धन सही तरीके से खर्च हुआ है या नहीं. यह केंद्र और राज्य सरकार दोनों के सार्वजनिक खातों और आकस्मिक निधि का भी परीक्षण करता है. यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 148 के मुताबिक स्थापित किया गया था.

कैग की रिपोर्ट संसद या विधानमंडल के समक्ष रखी जाती है. उन पर लोक लेखा समितियों (Public Accounts Committees) और सार्वजनिक उपक्रम समितियों (Committees on Public Undertakings) द्वारा चर्चा की जाती है. कैग को वरीयता क्रम में 9वें स्थान पर रखा गया है. इसे सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश के समान दर्जा प्राप्त है.

कैग का काम असानी से हो सके, इसके लिए उसे ढेरों शक्ति प्रदान की गई है. इनमें उनके लेखापरीक्षा के अधीन किसी कार्यालय या संगठन के निरीक्षण करने की शक्ति, सभी लेन-देनों की जांच और कार्यकारी से प्रश्नष करने की शक्ति, किसी भी लेखापरीक्षित सत्त्व से कोई भी रिकार्ड, पेपर, दस्तावेज मांगने की शक्ति, लेखापरीक्षा की सीमा और स्वरूप पर निर्णय लेने की शक्ति, आदि शामिल हैं.

वर्तमान ‘कैग’ कौन है?

वर्तमान में, जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के पूर्व उपराज्यपाल जी.सी. मुर्मू भारत के कैग के रूप में कार्यरत हैं. वे भारत के 14वें कैग हैं. उनका कार्यकाल अगस्त 2020 में शुरू हुआ था. कैग को हटाने के लिए संविधान में दर्ज प्रक्रिया का ही पालन करना होगा. यह ठीक वैसी प्रक्रिया है, जैसी सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश को हटाने की प्रक्रिया है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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