चीन में उर्जा स्रोतों की गिरती कीमतों तथा आर्थिक दिक्कतों के कारण कनाडा पिछले छह वर्षों में पहली बार तकनीकी संकट के दौर में पहुंच गया है. कनाडा की राष्ट्रीय सांख्यिकी एजेंसी “स्टैटिस्टिक्स कनाडा” ने 1 सितंबर 2015 को इस बात की पुष्टि की.
तकनीकी मंदी का अर्थ है देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में नकारात्मक आर्थिक विकास.
कनाडा स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों के अनुसार कनाडियन अर्थव्यवस्था के क्वार्टर-1 (जनवरी-मार्च 2015) में सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर में 0.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी तथा क्वार्टर-2 (अप्रैल-जून) में 0.5 प्रतिशत की गिरावट देखी गयी.
इससे पहले कनाडा की अर्थव्यवस्था में वर्ष 2009 में तकनीकी मंदी दर्ज की गयी थी. उस समय अर्थव्यवस्था के पहले क्वार्टर में 8.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी जबकि दूसरे क्वार्टर में 3.6 प्रतिशत की गिरावट आई.
इसके अतिरक्त कनाडा ग्रुप-7 (जी-7) में एकमात्र देश है जिसमें वर्ष 2008 की आर्थिक मंदी के बाद पहली बार मंदी आई है. कनाडा विश्व की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तथा सयुक्त राज्य अमेरिका इसका सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है.
टिप्पणी
आर्थिक मंदी की यह खबर कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर एवं उनकी कंज़रवेटिव पार्टी के लिए 19 अक्टूबर 2015 को होने वाले चुनावों में परेशानी का कारण बन सकती है. हार्पर चौथे कार्यकाल के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं.
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