क्या सेंसर के लिए ड्रोन के रूप में कीड़े इस्तेमाल किये जा सकते हैं?

Oct 26, 2020, 20:28 IST

कैसे कीड़ों का उपयोग ड्रोन से एयरड्रॉप सेंसर (Airdrop Sensors) और पर्यावरणीय परिस्थितियों को मापने के लिए किया जा सकता है. आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं.

 Can insects be used as drones for sensors?
Can insects be used as drones for sensors?

वाशिंगटन विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं द्वारा एक नया लाइट-वेट सेंसर सिस्टम विकसित किया गया है. इसका वजन लगभग 98 मिलीग्राम है. इसे कीड़ों जैसे मोथ (Moths) से उन गंतव्यों या स्थानों तक ले जाया जा सकता है जो मनुष्यों के लिए खतरनाक है या वह जगह इतनी चोटी हैं कि मनुष्य नहीं पहुंच सकते हैं. एक बार जब यह गंतव्य तक पहुंच जाता है, तो शोधकर्ता अपने पर्च (Perch) से सेंसर को छोड़ने के लिए एक ब्लूटूथ कमांड भेज सकते हैं.

श्याम गोलाकोटा (Shyam Gollakota) वाशिंगटन विश्वविद्यालय के  पॉल जी एलन स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में एसोसिएट प्रोफेसर के अनुसार "यह पहली बार है जब किसी ने दिखाया है कि सेंसर को छोटे ड्रोन या कीटों जैसे पतंगों से मुक्त किया जा सकता है या छोड़ा जा सकता है , जो किसी भी ड्रोन की तुलना में संकरी जगहों से गुजर सकते हैं और अधिक लंबी उड़ानों को बनाए रख सकते हैं,".

सेंसर (Sensor) के बारे में 

यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक सेंसर सिस्टम बनाया है, जिसका वजन केवल 98 मिलीग्राम है, जो कि जेलीबीन (Jellybean) के दसवें वजन के बराबर है, जो अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए कीट-पतंगे या छोटे ड्रोन पर ले जाया जा सकता है.

सेंसर बिना टूटे 72 फीट की अधिकतम ऊंचाई से गिर सकता है. यह एक बैटरी द्वारा संचालित होता है. 

सेंसर को बैटरी के साथ डिज़ाइन किया गया है जिसका सबसे भारी भाग एक कोर्नर में रखा गया है. जैसे ही सेंसर गिरता है, यह बैटरी के साथ कोने के चारों ओर घूमना शुरू कर देता है, अतिरिक्त ड्रैग बल पैदा करता है और इसके अवरोहण को धीमा करता है.

साथ ही यह सेंसर के कम वजन के साथ भी संयुक्त है जिससे अधिकतम गिरावट की गति लगभग 11 मील प्रति घंटा रहती है. इससे सेंसर सुरक्षित रूप से लैंड कर सकता है. लैंडिंग के बाद, सेंसर लगभग तीन साल तक तापमान या आर्द्रता जैसे डेटा एकत्र कर सकता है. यानी इन सेंसरों का उपयोग उन क्षेत्रों में तापमान और आर्द्रता जैसी स्थितियों का पता लगाने के लिए किया जा सकता है.

सेंसर कैसे काम करता है?

एक बार जब मोथ या स्माल ड्रोन गंतव्य तक पहुंच जाता है, तो शोधकर्ता अपने पर्च (Perch) से सेंसर को ड्राप करने के लिए एक ब्लूटूथ कमांड भेजता है. 

सेंसर को तार के पतले कुंडल से घिरे एक चुंबकीय पिन का उपयोग करके कीट या कीड़े पर रखा जाता है. जैसे ही एक शोधकर्ता सेंसर जारी करने के लिए एक वायरलेस कमांड भेजता है, यह कॉइल के माध्यम से एक करंट पैदा करता है जो सेंसर को बाहर निकालने के लिए चुंबकीय पिन कि तरह बन जाता है और सेंसर बाहर निकल जाता है.

सेंसर कैसे सहायक होंगे?

शोधकर्ताओं का मानना है कि वे इसका उपयोग अध्ययन क्षेत्र में सेंसर का एक नेटवर्क बनाने के लिए कर सकते हैं. इसमें उन्हें ट्रैक करने के लिए एक जंगल या खेत में बिखरने वाले सेंसर शामिल हैं.

वे उम्मीद करते हैं कि इस प्रणाली को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया जा सकता है, जिसमें पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र भी शामिल हैं.

जैसा की ऊपर बताया गया है कि सेंसर लगभग तीन साल तक किसी क्षेत्र का तापमान या आर्द्रता जैसे डेटा एकत्र कर सकता है. 

अंत में आपको बता दें कि शोधकर्ता बैटरी के समाप्त होने के बाद सेंसर को पुनर्प्राप्त करने के लिए एक तंत्र विकसित कर रहे हैं. वे बैटरी को सौर सेल से बदलने और औद्योगिक सेटिंग में सेंसर की तैनाती को स्वचालित बनाने की योजना भी बना रहे हैं.

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Source: washington.edu

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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