भारत के राफेल, और चीन के चेंगदू J-20 में कौन सा लड़ाकू विमान बेहतर है?

Jul 30, 2020, 12:28 IST

Rafale VS J-20:- फ़्रांस द्वारा भारत को 5 राफेल जेट विमान भेजने से साथ ही यह बहस शुरू हो गयी है कि आखिर एशिया महाद्वीप में किस देश के पास सबसे बेहतर लड़ाकू विमान हैं? इस लेख में हम भारत में पास राफेल, और चीन के पास चेंगदू J-20 लड़ाकू विमानों की तुलना करेंगे.

Rafale vs J-20
Rafale vs J-20

इस परमाणु संपन्न दुनिया में भी हर देश अपने पास विश्व के सबसे उन्नत लड़ाकू विमान रखना चाहता है. इसका कारण यह है कि परमाणु बम का इस्तेमाल होने की संभावनाएं बहुत ही कम होतीं हैं जबकि लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल लड़ाई के अलावा भी कई कामों जैसे सीमा की निगरानी आदि के समय भी किया जाता है.

आज 29 जुलाई को फ्रांसे द्वारा भारत को 5 राफेल विमान भेजने के साथ ही भारत का इस घातक लड़ाकू विमान का इंतजार ख़त्म हो गया है.

अब लोग इस बात के कयास लगा रहे है कि क्या भारत, राफेल के आने के बाद चीन की वायुसेना का आसानी से मुकाबला कर पायेगा और चीन के पास राफेल की बराबरी का कौन सा लड़ाकू विमान है?

आइये इस लेख में जानते हैं कि राफेल, और चेंगदू जे-20 के बीच में कौन सबसे बेहतर है लेकिन इससे पहले इन दोनों लड़ाकू विमानों के बारे में जान लेना जरूरी है.

राफेल के बारे में:- इस लड़ाकू विमान को फ़्रांस की कंपनी दसौल्ट ने बनाया है. राफेल, दो इंजनों वाला एक  कैनार्ड डेल्टा विंग, मल्टीलेयर लड़ाकू विमान राफेल है. इसका इस्तेमाल इन डेप्थ स्ट्राइक, एंटी शिप स्ट्राइक, और परमाणु हमलों को रोकने के लिए भी किया जा सकता है. यह 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान है और 2019 तक इसकी 201 यूनिट्स बन चुकीं हैं.

चेंगदू J-20 के बारे में: चीन का यह विमान भी राफेल की तरह ही दो इंजनों वाला सभी मौसम वाला पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान है. इसे चीन की 'चेंगदू एयरोस्पेस कार्पोरेशन' द्वारा चीनी वायु सेना के लिए बनाया गया है. चेंगदू जे-20 ने अपनी पहली उड़ान 11 जनवरी 2011 को की भरी थी. चेंगदू जे-20 को 2017 में, आधिकारिक तौर पर चीनी वायु सेना में शामिल किया गया था.

वर्ष 2019 तक इसकी 50 इकाइयाँ बनायीं जा चुकी थीं और एक यूनिट को बनाने की अनुमानित लागत 100 से 110 मिलियन अमेरिकी डॉलर है.

राफेल, और चेंगदू J-20 की तुलना:-

तुलना का आधार

                             राफेल

                       चेंगदू J-20

बनाने वाला देश

फ़्रांस

चीन

इंजन और सीट

2 इंजन, सिंगल/डबल सीटर  

2 इंजन, सिंगल सीटर  

अधिकतम स्पीड

2222 किमी प्रति घंटे

2100 किमी प्रति घंटे

पीढ़ी

4.5 वीं  

5 वीं  

जेट का आकार

राफेल की ऊंचाई 5.30 मीटर, लंबाई 15.30 मीटर और विंगस्‍पैन 10.90 मीटर है.

 ऊंचाई 4.45 मीटर, लंबाई 20.4 मीटर और विंगस्‍पैन 12.88 से 13.50 मीटर है.

कौन सी मिसाइल लग सकती है

राफेल में मीटियोर मिसाइल 150 किलोमीटर, स्कैल्फ मिसाइल 300 किलोमीटर तक मार कर सकती है. जबकि HAMMER मिसाइल लगायी जाएगी.

PL-15 मिसाइलें 300 किमी तक और PL-21 मिसाइल 400 किलोमीटर तक मार कर सकती है.

ऊँचाई हासिल करने की क्षमता

300 मीटर प्रति सेकंड

304 मीटर प्रति सेकंड

अधिकतम ऊँचाई क्षमता

50000 फीट तक

65600 फीट तक

वजन ले जाने की क्षमता

24,500 किलो 

37000 किलो 

कॉम्बैट रेडियस

3700 किमी.

3400 किमी.

इस प्रकार ऊपर दिए दिए गए तुलनात्मक अध्ययन से यह बात स्पष्ट है कि कुछ विशेषताओं में राफेल बेहतर है और कुछ में चीन का चेंगदू जे-20. इन दोनों विमानों से अलग तुलना करने पर भारतीय वायुसेना को चीन की वायुसेना से बेहतर माना गया है क्योंकि भारतीय वायुसेना के पास अपाचे हेलीकॉप्टर और मिग 29 जैसे लड़ाकू मौजूद हैं.

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Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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