सड़क के निर्माण कार्य में वैसे तो कई सामग्रियों का उपयोग किया जाता है लेकिन कंक्रीट और डामर का उपयोग व्यापक रूप से किया जाता है। जैसे विभिन्न सामग्रियों में भिन्न प्रकार के गुण होते हैं ठीक वैसे ही कंक्रीट और डामर में भी अलग-अलग गुण होते हैं। इन दोनों सामग्रियों से बनी सड़कों के कई फायदे और कई नुकसान हैं। आइए इस लेख में जानते हैं कंक्रीट और डामर के बीच का फ़र्क।
1- सहनशीलता और जीवनकाल (Durability and Life Span)
डामर सड़कों की तुलना में कंक्रीट सड़कें अधिक टिकाऊ होती हैं और एक अनुमान के अनुसार, अच्छी गुणवत्ता वाली कंक्रीट सड़क 40 साल तक चलती है, जबकि डामर सड़कें लगभग 10 साल तक चलती हैं। इसके अलावा डामर तेजी से सूखता है इसलिए कंक्रीट सड़क की तुलना में डामर सड़क बनाने में कम समय लगता है।
2- प्रदूषण (Pollution)
प्रदूषण की बात की जाए तो कंक्रीट के उत्पादन में कम प्रदूषण उत्पन्न होता है और ये आसानी से उपल्ब्ध चूना-पत्थर (limestone) से भी उत्पन्न किया जा सकता है। इसके अलावा, कंक्रीट सड़कों पर चलने वाली गाड़ियां बेहतर ईंधन दक्षता (fuel efficiency) प्रदान करती हैं।
वहीं दूसरी ओर, डामर को पिघलाते वक्त अत्यधिक प्रदूषणकारी गैसों का उत्पादन होता है। इसके अलावा, पेट्रोलियम को भी डामर का उत्पादन करने में प्रयोग किया जाता है, जो एक महंगा उत्पाद है।
3- लागत (Cost)
शुरुआती लागत के आधार पर कंक्रीट की सड़कें डामर सड़कों की तुलना में 20% से अधिक महंगी तो होती ही हैं साथ ही ज्यादा टिकाऊ होती हैं
4- रखरखाव और मरम्मत (Maintenance and Repair)
वैसे तो कंक्रीट की सड़कें रखरखाव मुक्त होती हैं, या दूसरे शब्दों में कहा जाए तो इन सड़कों को बहुत कम रखरखाव की आवश्यकता होती है, लेकिन अगर किसी कारणवश सड़क का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाता है तो पूरा कॉर्पोरेट स्लैब बदलना पड़ता है।
इसके विपरीत, डामर सड़क का रखरखाव आसान है। यदि सड़क का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो इसकी आसानी से मरम्मत की जा सकती है। यहां तक कि इसे आसानी से पुरानी परत पर फिर से बिछाया जा सकता है जो कंक्रीट से बनी सड़क पर संभव नहीं है।
5- मौसम का प्रभाव (Effect of Weather)
कंक्रीट से बनी सड़क अलग-अलग मौसम के मद्देनज़र एक अधिक टिकाऊ और मजबूत विकल्प है क्योंकि ये पानी से घिसती नहीं हैं। वहीं डामर की सड़कें पानी से घिस जाती हैं और क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे उन्हें अक्सर मरम्मत की आवश्यकता होती है।
6- निर्माण की गति (Speed of Construction)
कंक्रीट सड़कों के निर्माण के लिए मशीनरी की आवश्यकता होती है जैसे कंक्रीट फ़र्श मशीन बैचिंग प्लांट या कंक्रीट मिश्रण, पारगमन मिश्रण, आदि। इसके अलावा, कंक्रीट की सड़कों को बिछाने में अधिक समय लगता है, और इसलिए डामर सड़कों की तुलना में इनकी निर्माण की गति कम होती है। वहीं डामर की सड़क बिछाने में कम समय लगता है और इसमें कंक्रीट मिश्रण जैसी बड़ी मशीनों को ले जाने की आवश्यकता भी नहीं होती है।
7- फिसलना (Skid)
बारिश और बर्फ के कारण कंक्रीट की सड़क पर गाड़ियां फिसलने लगती हैं, वहीं डामर से बनीं सड़कें बेहतर कर्षण के साथ स्किड प्रतिरोधी होती है। डामर से बनीं सड़कें कंक्रीट से बनी सड़कों के मुकाबले अधिक सुरक्षित होती हैं और इन सड़कों पर हादसों की संभावना कम होती है।
8- शोर (Noise)
कंक्रीट की सड़कें डामर से बनी सड़कों के मुकाबले अधिक शोर करती हैं क्योंकि इन्हें टायर की अच्छी ग्रिप प्रदान करने के लिए खुरदुरा बनाया जाता है। दूसरी ओर, डामर सड़क चिकनी होती हैं और शांत सवारी प्रदान करती हैं।
जिन इलाकों में मौसम की स्थिति प्रतिकूल है, वहां कंक्रीट की सड़कें एक संभव विकल्प हो सकती हैं वहीं डामर से बनीं सड़कें ग्रामीण इलाकों के लिए उचित हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ग्रामीण इलाकों में कम यातायात के साथ-साथ सड़क के रखरखाव और मरम्मत में भी आसानी होती है। अत: एक लंबी अवधि के आधार पर, कंक्रीट की सड़कें सबसे किफायती विकल्प हैं जो लंबे समय तक चलती हैं।
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