संचारी (Communicable) और गैर-संचारी (Non-Communicable)रोगों के बीच क्या अंतर है?

Dec 17, 2020, 13:02 IST

संचारी (Communicable) और गैर-संचारी (Non-Communicable) रोग क्या होते हैं, इनमें क्या अंतर है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

Difference between Communicable and Non-Communicable Diseases
Difference between Communicable and Non-Communicable Diseases

जैसा की हम जानते हैं कि कोरोनावायरस महामारी से पूरा विश्व लड़ रहा है. यह एक संक्रमित व्यक्ति की खांसी या साँस के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. ये बूंदें व्यक्ति के आसपास की वस्तुओं और सतहों पर रह जाती हैं. यदि अन्य लोग इन वस्तुओं या सतहों को छूते हैं, तो वायरस उस व्यक्ति के शरीर में हाथों के माध्यम से प्रवेश कर सकता है. इन कारणों के कारण बीमार या संक्रमित व्यक्ति से 1 मीटर से अधिक दूर पर रहना महत्वपूर्ण है. 

संचारी (Communicable) रोग क्या हैं?

संक्रामक रोग बैक्टीरिया, वायरस, कवक या परजीवी जैसे संक्रामक एजेंटों द्वारा फैलते हैं. आपने संक्रामक रोगों के लिए  'contagious' या  'infectious' शब्दों को पढ़ा या सुना होगा, क्योंकि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पारित हो सकते  हैं. यानी संचारी रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे संपर्क या परोक्ष रूप से भोजन, पानी, हवा इत्यादि तरीकों से स्थानांतरित होते हैं. संचारी रोगों को संक्रामक रोगों के रूप में भी जाना जाता है. उदाहरण के लिए, मलेरिया, एड्स, इत्यादि. 
 ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि रोगों को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है; संचारी और गैर-संचारी रोग. 

संचारी रोगों के प्रसार या फैलने के विभिन्न कारण हो सकते हैं. यह दूषित सतह, भोजन या पेय, रक्त या अन्य शारीरिक तरल पदार्थ के सीधे संपर्क में आने से हवा के माध्यम से फैल सकता है. यह भी देखा गया है कि कभी-कभी संक्रमित जानवर या कीट के काटने से बीमारी फैल सकती है और कुछ बीमारियां एक से अधिक तरीकों से भी फैलती हैं.

जहां संचारी रोगों के मामलें सामने आते हैं वहां योजना बनाई जाती है, रोग की रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रमों का मूल्यांकन, उपयुक्त चिकित्सा और प्रकोप के सामान्य स्रोत का पता लगाना महत्वपूर्ण हो जाता है. इसलिए, हम कह सकते हैं कि COVID-19 एक संचारी रोग है.

जीभ द्वारा स्वाद का पता कैसे चलता है?

रोगाणु (Germs) के फैलने से बचने के लिए कुछ स्वस्थ आदतों के बारे में बताया जाता है या इन्हें फॉलो करना चाहिए जैसे:

- खाना सुरक्षित रूप से तैयार करें और सुरक्षित रूप से हैंडल करें .

- बार-बार हाथ धोना अनिवार्य है.

- स्पर्श की गई सतहों को साफ और कीटाणुरहित करें ताकि कीटाणु मारे जाएं.

- खांसी करते वक्त रूमाल या कोई कपड़े का उपयोग करें और टिश्यू या कपड़ा मुह पर रख कर छीकें.

- व्यक्तिगत समान को साझा न करें.

- टीका लगवाएं.

- जंगली जानवरों को छूने से बचें.

- अगर आप बीमार हैं, तो घर पर रहें. रोगाणु फैलाने से बचें.

अब हम गैर-संचारी रोगों के बारे में अध्ययन करते हैं.

गैर-संचारी (Non-Communicable) रोग क्या हैं?

गैर-संचारी (Non-Communicable) रोग को एक पुरानी बीमारी भी कहा जाता है जो लंबे समय तक रहती है और आनुवंशिक, शारीरिक, पर्यावरण और व्यवहार सहित कई कारकों के संयोजन का परिणाम है. यानी  गैर-संचारी रोगों को क्रोनिक (Chronic)भी कहा जाता है. 

ऐसा कहा जा सकता है कि गैर-संचारी रोग शरीर में किसी भी एलर्जी, स्व-प्रतिरक्षी प्रक्रिया, विरासत में मिले या गुणसूत्र दोष, सूजन या शरीर में किसी अन्य रोग के कारण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित नहीं होते हैं. इसलिए संचारी रोग एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को विरासत में नहीं मिलते जबकि गैर-संचारी रोग विरासत में मिल सकते हैं. अर्थात  गैर-संचारी एक गैर-संक्रामक बीमारी है. वे एलर्जी, पोषक तत्वों की कमी इत्यादि के कारण भी हो सकती है.

आमतौर पर संचारी और गैर-संचारी रोग में अलग-अलग उपचारों की आवश्यकता होती है. 

ऐसी बिमारी से कौन खतरे में हैं? (Who are at risk for such diseases?)

सभी आयु वर्ग, क्षेत्रों और देशों के लोग गैर-संचारी रोगों से प्रभावित हो सकते हैं. बड़े आयु समूहों के साथ ये स्थितियां अक्सर जुड़ी हो सकती हैं, लेकिन WHO के आंकड़ों के अनुसार, गैर-संचारी रोगों के लिए जिम्मेदार 15 मिलियन मौतें 30 से 69 वर्ष की आयु के बीच हुई हैं. 85% से अधिक मौतें कम और मध्यम आय वाले देशों में होने का अनुमान है. अस्वास्थ्यकर भोजन (unhealthy diets), शारीरिक निष्क्रियता, तंबाकू के धुएं के संपर्क में आने या किसी के भी शराब के सेवन से बच्चे, वयस्क और बुजुर्ग प्रभावित हो सकते हैं.

गैर-संचारी रोगों को कैसे रोका और नियंत्रित किया जा सकता  है?

गैर-संचारी रोगों को नियंत्रित करने का एक महत्वपूर्ण तरीका इन रोगों से जुड़े जोखिम कारकों को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना है. स्वास्थ्य, वित्त, परिवहन, शिक्षा, कृषि, नियोजन, और अन्य सहित सभी क्षेत्रों के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता है. गैर-संचारी रोगों से जुड़े जोखिमों को सहयोग करने और उन्हें रोकने और नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेपों को बढ़ावा देना भी अनिवार्य है. 

गैर-संचारी रोगों का प्रबंधन (Management) भी महत्वपूर्ण है जैसे इन बीमारियों का पता लगाना, जांचना और इलाज करना और लोगों तक ज़रूरत पड़ने पर पहुँचाना. उचित स्वास्थ्य देखभाल दृष्टिकोण, ताकि प्राथमिक स्तर पर और समय पर उपचार के लिए बीमारी का पता लगाया जा सके.

गैर-संचारी रोग प्रबंधन के लिए यह आवश्यक है कि 2025 तक गैर-संचारी रोगों से समयपूर्व मृत्यु के जोखिम में 25% सापेक्ष कमी के वैश्विक लक्ष्य को प्राप्त किया जाए और गैर-संचारी रोग से अकाल मृत्यु में एक तिहाई की कमी का SDG लक्ष्य 2030 तक को पूरा किया जाए. गैर-संचारी रोग दीर्घकालिक रोग, हृदय रोग, श्वसन से सम्बंधित रोग इत्यादि हो सकते हैं.

तो अब आपको संचारी और गैर-संचारी रोगों के बारे में ज्ञात हो गया होगा. 

किसी ने सही कहा है कि रोकथाम इलाज से बेहतर है.

स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें!

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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