मेट्रो और लोकल ट्रेनों के बीच क्या अंतर होता है?

Jul 24, 2018, 12:11 IST

मेट्रो ट्रेन एक ऐसी ट्रेन है जिसे विशेष रूप से मेट्रोपॉलिटन शहरों में चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है जबकि लोकल ट्रेन को विभिन्न शहरों और इसके उपनगरीय क्षेत्रों के भीतर परिवहन सुविधा देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इस लेख में आपको लोकल ट्रेन और मेट्रो ट्रेन के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतरों के बारे में बताया गया है.

Metro and Local Train
Metro and Local Train

आप में से कई लोगों ने मुंबई की लोकल ट्रेन और दिल्ली की मेट्रो ट्रेन का नाम सुना होगा और इनमें सफ़र भी किया होगा. मुंबई में लोकल ट्रेन का तो इतना अधिक महत्व है कि लोकल ट्रेन की उपस्थिति के बिना जिंदगी आगे ही नहीं बढ़ेगी. इसी प्रकार की बात अब दिल्ली की मेट्रो ट्रेन के बारे में कही जा सकती है. ज्ञातव्य है कि भारत की सबसे पहली मेट्रो ट्रेन कोलकाता में 1984 में चलायी गयी थी.

लोकल ट्रेन और मेट्रो ट्रेन दोनों का उपयोग परिवहन साधन के रूप में किया जाता है. अर्थात इन दोनों का उद्येश्य एक समान है. लेकिन इनके उद्येश्यों में समानता होते हुए भी इनके बीच के कुछ मूलभूत अंतर पाए जाते है.

इस लेख में इन दोनों प्रकार की ट्रेनों के बीच अंतरों के बारे में बताया गया है. लेकिन पहले इन दोनों की परिभाषा जान लेते हैं;

लोकल ट्रेन: लोकल ट्रेन को विभिन्न शहरों और इसके उपनगरीय क्षेत्रों के भीतर परिवहन सुविधा देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. लोकल ट्रेनों के पास उनके परिचालन के लिए विशेष ट्रैक नहीं होते है क्योंकि उनके ट्रैक का उपयोग मालभाड़ा और सवारी दोनों प्रकार की ट्रेनों द्वारा किया जाता है.

मेट्रो ट्रेन:  मेट्रो ट्रेन एक ऐसी ट्रेन है जिसे विशेष रूप से मेट्रोपॉलिटन शहरों में परिवहन सुविधा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इस ट्रेन का उपयोग दैनिक यात्रियों द्वारा शहर के भीतर छोटी दूरी को कवर करने के लिए किया जाता है. इस प्रकार की ट्रेनें भारत के केवल कुछ शहरों में ही मौजूद हैं. मेट्रो ट्रेनों के पास केवल अपने इस्तेमाल के लिए रेल ट्रैक होता है.

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लोकल ट्रेन और मेट्रो ट्रेन के बीच अंतर इस प्रकार हैं;

1. एक मेट्रो ट्रेन एक ऐसी ट्रेन है जिसे विशेष रूप से मेट्रोपॉलिटन शहरों में चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है जबकि स्थानीय ट्रेनों को शहर और इसके उपनगरीय क्षेत्रों को जोड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

2. मेट्रो ट्रेनों के पास अलग ट्रैक होते हैं जिन्हें अन्य ट्रेनों के द्वारा इस्तेमाल नहीं किया जाता है जबकि लोकल ट्रेनों को मालगाड़ियों और अन्य यात्री गाड़ियों के साथ अपना ट्रैक साझा करना पड़ता है.

metro track

3. मेट्रो ट्रेनों का कांसेप्ट भारत में नया है अभी तक भारत के केवल 10 शहरों में मेट्रो ट्रेन चल सकी है. भारत की पहली मेट्रो ट्रेन 1984 में कोलकाता में इंदिरा गाँधी के द्वारा चलाई गयी थी जबकि लोकल ट्रेनों का इतिहास 1853 से मौजूद है और भारत का लगभग हर बड़ा और छोटा शहर लोकल ट्रेनों से जुड़ा हुआ है.

4. मेट्रो ट्रेनों की तुलना में लोकल ट्रेनों में अधिक सीटें होती हैं.

Metro Local Train coach

5. मेट्रो ट्रेन भूमिगत और जमीन दोनों पर चल सकती है जबकि लोकल ट्रेनें अभी केवल जमीन पर ही चलती है.

6. मेट्रो ट्रेनों की तुलना में लोकल ट्रेनें अधिक दूरी तय करती हैं.

7. मेट्रो ट्रेनों द्वारा वसूला गया किराया लोकल ट्रेनों की तुलना में अधिक होता है.

8. मेट्रो ट्रेनें जल्दी जल्दी स्टेशन पर आतीं हीं जबकि लोकल ट्रेनें लंबे अंतराल पर स्टेशन आतीं हैं.

9. लोकल ट्रेनों का प्रबंधन और संचालन रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया जाता है जबकि अधिकांश मेट्रो ट्रेनों का संचालन, रेल मंत्रालय और संबंधित राज्य सरकार के मेट्रो प्राधिकरणों के संयुक्त प्रबंधन और संचालन की देखरेख के किया जाता है.

तो इस प्रकार ऊपर दिए गए बिंदुओं के माध्यम से स्पष्ट हो गया है कि मेट्रो और लोकल ट्रेनों के बीच काफी अंतर होते हैं. हमें आशा है कि ये अंतर आपको पसंद आये होंगे.

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Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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