जलवायु किसी स्थान के वातावरण की दशा को बताता है। यह शब्द मौसम के काफी करीब है। पर जलवायु और मौसम में कुछ अन्तर है। जलवायु बड़े भूखंडो के लिये बड़े कालखंड के लिये ही प्रयुक्त होता है जबकि मौसम अपेक्षाकृत छोटे कालखंड के लिये छोटे स्थान के लिये प्रयुक्त होता है। एल नीनो और ला नीना वैश्विक जलवायु प्रणाली का हिस्सा हैं, जो प्रशांत महासागर में और उसके ऊपरी वातावरण के असमानता के कारण उत्पन्न होता है।
एल नीनो और ला नीना में अंतर
एल नीनो | ला नीना |
अर्थ : स्पैनिश भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है 'इशु शिशु (Child Christ)' | अर्थ : स्पैनिश भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है ‘छोटी बच्ची (little girl)’ |
तापमान: तापमान में बढ़ोतरी होती है। | तापमान: तापमान में कमी आती है। |
समुद्री सतह पर तापमान: यह सामान्य समुद्री सतह के तापमान को अधिक गर्म कर देता है। इसकी उत्पति दक्षिण अमेरिका और अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के बीच भूमध्य रेखा पर होती है और भूमध्य रेखा के दोनों ओर अक्षांश की तरफ विचरण करती है। | समुद्री सतह पर तापमान: यह सामान्य समुद्री सतह के तापमान को अत्याधिक ठण्डा कर देता है। इसकी उत्पति दक्षिण अमेरिका और अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के बीच भूमध्य रेखा पर होती है।
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दबाव: पूर्वी प्रशांत महासागर क्षेत्र के सतह पर उच्च हवा का दबाव होता है। | दबाव: पूर्वी प्रशांत महासागर क्षेत्र के सतह पर निम्न हवा का दबाव होता है।
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ट्रेड-वींड: इसका उद्भव उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर व्यापार हवाओं के ख़त्म होने के साथ-साथ समुद्र के तापमान असामान्य रूप से गर्म होने के कारण होता है। | ट्रेड-वींड: इसका उद्भव तब होता है जब व्यापारिक हवाएं असामान्य रूप से बहने लगती हैं और समुद्री तापमान सामान्य से अधिक ठंडा हो जाता है। |
मौसम: मौसम के स्वरुप पर इसका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है क्योंकि यह प्रशांत महासागर के दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम को औसत से अधिक गर्म कर देता है। | मौसम: इसके वजह से प्रशांत महासागर के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में औसत से अधिक वर्षा होती है और दक्षिण-पश्चिम में औसत से कम वर्षा होती है। |
कोरिओलिस बल: कोरिओलिस बल के कारण इसकी ताकत कम हो जाती है। | कोरिओलिस बल: कोरिओलिस बल के कारण इसकी ताकत बढ़ जाती है। |
प्रशांत महासागर में पानी: इसका प्रभाव मछली की आबादी पर भी पड़ता है क्युकी इसके कारण गर्म पानी दक्षिण अमरीका के समुद्र तटों तक पहुंचता और समुद्री पोषक तत्वों को कम कर देता है। | प्रशांत महासागर में पानी: इसका प्रभाव मछली की आबादी पर भी पड़ता है क्युकी इसके कारण ठण्डा पानी दक्षिण अमरीका के समुद्र तटों तक पहुंचता और समुद्री पोषक तत्वों को बढ़ा देता है। |
चक्रवात: हवा की गति कम होती है। | चक्रवात: अपनी तीव्र प्रवृत्ति के कारण तीव्र उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की दिशा को बदल देती है जिसकी वजह से इंडोनेशिया और आस-पास के क्षेत्रों में अधिक मात्रा में वर्षा होती है। |
प्रभाव: ईक्वाडोर और पेरू में भारी बारिश; दक्षिणी ब्राजील में भारी बारिश वही उत्तर पूर्वी ब्राजील में सूखाग्रस्त कर देती है; जिम्बाब्वे, मोज़ाम्बिक, दक्षिण अफ्रीका, और इथियोपिया को सूखाग्रस्त कर देती है; संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिणी कनाडा के उत्तरी छोर को ग्रीष्मसर्दी से प्रभावित करता है; भारत, फ़िलीपीन्स और इंडोनेशिया में औसतन कम वर्षा कराती है ; दुनिया भर में प्रवाल विरंजन का मुख्य कारक होता है; पूर्वी ऑस्ट्रेलिया को सूखाग्रस्त कर देती है।
| प्रभाव: ईक्वाडोर और पेरू को सूखाग्रस्त कर देता है; पूर्वी प्रशांत महासागर में निम्न तापमान, उच्च दबाव का करक होता है;ऑस्ट्रेलिया को बाढ़गर्स्त कर देता है; पश्चिमी प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, सोमालिया के तटीय इलाकों में उच्च तापमान का प्रभाव होता है और भारत में अच्छी बारिश करवाता है।
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क्या आप जानते हैं उष्णकटिबंधीय चक्रवात और बाह्योष्णकटिबंधीय चक्रवात में क्या अंतर है?
एल नीनो और ला नीना वैश्विक जलवायु प्रणाली का अभिन्न अंग है। वे मूल रूप से मौसम के स्वरुप को बदलने ने के लिए प्रसिद्ध हैं। यह एक जटिल मौसम प्रणाली है जो हर तीन से सात वर्षों में एक बार प्रकट होती है, जो दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सूखा, बाढ़ और मौसम के स्वरुप को बदल देती है। इस तरह की घटनाएं सहस्राब्दियों में होती है और भविष्य में होने की उम्मीद की जा सकती है।
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