क्या भारत के राष्ट्रपति (राम नाथ कोविंद) इनकम टैक्स का भुगतान करते हैं?

Jul 2, 2021, 10:32 IST

हाल ही में भारत के राष्ट्रपति ने कहा है कि वह आयकर के रूप में प्रति वर्ष 2.75 लाख रुपये का भुगतान करते हैं. आइये जानते हैं कि क्या भारत के राष्ट्रपति को टैक्स देने की जरूरत है, राष्ट्रपति की सैलरी कितनी है और राम नाथ कोविंद कितना टैक्स देते हैं, इत्यादि.

Does the President of India pay income tax?
Does the President of India pay income tax?

भारत के राष्ट्रपति द्वारा भुगतान किया गया आयकर आखिर चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था कि वह अपने 5 लाख के वेतन में से हर महीने 2.75 लाख रुपये टैक्स के रूप में देते हैं. इस कथन के बारे में बहुत से लोगों के मन में शंका थी. आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

कई जानकारों के अनुसार राष्ट्रपति का जीवन कर मुक्त होता है. उनके वेतन पर टैक्स नहीं लगता है.

राम नाथ कोविंद ने कहा "राष्ट्रपति देश का सबसे अधिक वेतन पाने वाला कर्मचारी है लेकिन वह कर भी देता है. मैं हर महीने कर के रूप में 2.75 लाख का भुगतान करता हूं. हर कोई कहता है कि मुझे हर महीने 5 लाख मिलते हैं, लेकिन यहां भी कर लगाया जाता है. तो, कितना बचा? हमारे अधिकारियों और अन्य लोगों को उससे अधिक मिलता है, जितना बचा है. जो शिक्षक (कार्यक्रम में) बैठे हैं, वे सभी अधिक प्राप्त करते हैं."

आइए अब राष्ट्रपति के वेतन और उनके कर के ढांचे के बारे में जानते हैं.

राष्ट्रपति का वेतन:

राष्ट्रपति का वेतन भारत की संचित निधि (Consolidated fund of India) से लिया जाता है. यह प्रेसिडेंट्स इमॉल्यूमेंट्स एंड पेंशन एक्ट 1951(President's Emoluments Pension Act 1951) के अंतर्गत आता है.

इस अधिनियम के तहत राष्ट्रपति के वेतन, परिलब्धियों और सेवानिवृत्ति के बाद के लाभों के लिए प्रावधान निर्धारित किए गए हैं.

2017 में भारत के राष्ट्रपति का वेतन 1.5 LPA से बढ़ाकर 5LPA कर दिया गया था.

भारत के राष्ट्रपति का चुनाव किस प्रकार होता है

राष्ट्रपति का वेतन पहले कितना होता है?

1951 - Rs 10,000 + 15000 भत्ता
1985 - Rs 15000 + 30,000  भत्ता
1989 - Rs 20,000 + 10,000 भत्ता
1998 - Rs 50,000 +  भत्ता
2008 - Rs 1,50,000 +  भत्ता
2017 - Rs 5,00,000 +  भत्ता

 2017 में यह निर्णय लिया गया था कि राष्ट्रपति की पेंशन 3 LPA नहीं, बल्कि उनके वेतन का 50% प्रति माह होगी.

भारत के राष्ट्रपति को वेतन के अलावा अन्य भत्ते मिलते हैं, जिसमें मुफ्त आवास और मुफ्त चिकित्सा उपचार सुविधाएं जीवन भर के लिए शामिल हैं.

राष्ट्रपति की सेवानिवृत्ति के बाद की सुविधाएं

भारत के पूर्व राष्ट्रपति सुसज्जित आवास, टेलीफोन सुविधाएं, एक कार, चिकित्सा उपचार, यात्रा सुविधाएं, पर्सनल स्टाफ और प्रति वर्ष 1,00,000 तक के अन्य खर्चों के हकदार हैं.

यहां तक कि राष्ट्रपति के पति या पत्नी, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, सेवानिवृत्त राष्ट्रपति की पेंशन के 50% की दर से पारिवारिक पेंशन के हकदार हैं. उन्हें एक सुसज्जित आवास, फोन सुविधा, कार, चिकित्सा उपचार, यात्रा सुविधा, सचिवीय कर्मचारी और 20,000 प्रति वर्ष तक कार्यालय खर्च भी मिल सकता है.

राष्ट्रपति की कर देयता (Tax Liability)

आयकर अधिनियम 1995 (Income Tax Act 1995) के तहत:

धारा 14 (Heads of Income) और धारा 10 (आय कुल आय में शामिल नहीं) के अनुसार, वह आय जो कानून के तहत आयकर से छूट के रूप में निर्दिष्ट नहीं है, कर योग्य मानी जाती है.

न तो आयकर अधिनियम और न ही राष्ट्रपति (उपलब्धियां और पेंशन) अधिनियम भारत के राष्ट्रपति के वेतन से कराधान से छूट को निर्दिष्ट करते हैं. इस प्रकार यह प्रतीत होता है कि राष्ट्रपति अपनी आय पर कर का भुगतान करते हैं.

भारत के राष्ट्रपति द्वारा भुगतान की जाने वाली कर या टैक्स की राशि के बारे में जानते हैं 

इसकी गणना करने के लिए सबसे पहले निम्नलिखित जानकारी की आवश्यकता है:

- क्या राष्ट्रपति एक वरिष्ठ नागरिक हैं(अधिकतम मामलों में वह हैं)

- क्या राष्ट्रपति को वेतन या अन्य स्रोत के रूप में आय प्राप्त हुई है.

- क्या वह Tax liabilities को बचाने के लिए इन्वेस्टमेंट्स करते हैं.

तब कर की गणना भारत के कर मानकों के अनुसार की जाती है. टैक्स स्लैब के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति को करों में प्रति वर्ष लगभग 18.44 लाख का भुगतान करना पड़ता है, यदि वह रियायती कर व्यवस्था (Concessional tax regime) का पालन नहीं करते है/हैं.

5 LPA की आय के लिए चालू वित्त वर्ष के लिए कर गणना प्रति वर्ष लगभग 17.60 लाख है. इस गणना के अनुसार, राष्ट्रपति ने रियायती कर दरों की व्यवस्था का विकल्प चुना है. यह पात्र निवेश और कर रियायतों के कारण कर कटौती पर भी विचार नहीं करता है.

हाल ही में Covid-19 लॉकडाउन और इसके खिलाफ लड़ाई के दौरान राष्ट्रपति ने अपने वेतन का 30% नहीं लिया. इसका मतलब है कि उनके वेतन में 30% की कटौती की गई और उन्हें INR 1.5 LPA कम मिल रहा है. इससे उन पर कर का बोझ कम होता है क्योंकि कर योग्य आय कम हो जाती है.

करों को कम करने का एक अन्य तरीका यह भी हो सकता है यदि राष्ट्रपति स्वेच्छा से वेतन के स्वैच्छिक समर्पण (Exemption of Taxation) अधिनियम 1961 के तहत अपना वेतन आत्मसमर्पण करने का विकल्प चुनते हैं. यह छूट सिर्फ राष्ट्रपति के लिए नहीं है, बल्कि किसी भी पुरुष / महिला के लिए है जो अपना वेतन सरेंडर करना चाहते हैं जो भारत की संचित निधि से प्राप्त होता है.

तो अब आप राष्ट्रपति के वेतन, वे कितना इनकम टैक्स देते हैं, इत्यादि के बारे में जान गए होंगे.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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FAQs

  • भारत के राष्ट्रपति का वेतन 1.5 LPA से बढ़ाकर 5 LPA कब किया गया था?
    +
    2017 में भारत के राष्ट्रपति का वेतन 1.5 LPA से बढ़ाकर 5 LPA कर दिया गया था.
  • क्या राष्ट्रपति को करों का भुगतान करना पड़ता है?
    +
    भारत के राष्ट्रपति टैक्स स्लैब के अंतर्गत आते हैं और उन्हें करों का भुगतान करना पड़ता है.
  • भारत के वर्तमान राष्ट्रपति कौन हैं?
    +
    राम नाथ कोविंद भारत के राष्ट्रपति हैं

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