भारत में सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसे ट्विटर, e-कॉमर्स कंपनी अमेजॉन और सर्च इंजन गूगल पर भारत का गलत नक्शा दिखाने की घटनाएं हुई हैं जिनमे एक ताजा उदाहरण e-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अमेजॉन द्वारा भारत का गलत नक्शा बेचने की खबर आई थी. दरअसल अमेजॉन एक ऐसा नक्शा ग्राहकों को बेच रही है जिसमें कश्मीर के कई हिस्सों को पाकिस्तान का और अरुणाचल प्रदेश के कुछ भाग को चीन का दिखाया गया था. इन्ही सब घटनाओं को देखते हुए भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने "भू-स्थानिक सूचना बिल 2016" का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और अभी इस पर लोगों की राय मांगी जा रही है. अभी इस बिल को संसद द्वारा पास नही किया गया है.
भू-स्थानिक सूचना बिल, 2016 के पास हो जाने पर भारत के नक़्शे को अब गलत तरीके से दिखाने वालों पर 100 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा ऐसा करने वालों को सात साल की कैद भी हो सकती है।
(ट्विटर द्वारा दिखाया गया भारत का गलत नक्शा जिसमे जम्मू को पाकिस्तान का भाग दिखाया गया है)
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"भू-स्थानिक सूचना बिल 2016" के मसौदे के मुताबिक़ भारत से जुड़ी कोई भी भौगोलिक जानकारी हासिल करने, प्रसारित करने, पब्लिश करने और वितरित करने से पहले सरकारी अथॉरिटी से अनुमति लेनी होगी। इसमें कहा गया, 'किसी भी शख्स को इंटरनेट प्लेकटफॉर्म, ऑनलाइन सर्विसेज या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक या फिजिकल फॉर्म में अंतरराष्ट्रीय सीमा सहित भारत की भौगोलिक स्थिति की जानकारी को गलत तरीके से प्रसारित, पब्लिश और वितरित नहीं करना चाहिए।'
(भारत का सही नक्शा जिसमे कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का अंग दिखाया गया है)
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"भू-स्थानिक सूचना बिल” में क्या-क्या शामिल किया गया है?
1. अंतरिक्ष या हवाई प्लेटफार्म जैसे उपग्रह, विमान, एयरशिप, गुब्बारे, मानव रहित हवाई वाहनों के माध्यम से प्राप्त भौगोलिक छवि या डेटा
2. प्राकृतिक या मानव निर्मित भौतिक विशेषताओं, घटना या पृथ्वी की सीमाओं को चित्रित करने वाली ग्राफ़िकल या डिजिटल डेटा
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3. एक समन्वय प्रणाली के संदर्भ में सर्वेक्षण,चार्ट, नक्शे, स्थलीय फोटो और उन विशेषताओं के साथ संबंधित कोई भी जानकारी.
इसके साथ ही सरकार की योजना भारत की भौगोलिक स्थिति से जुड़ी जानकारी के लिए एक सुरक्षा जांच अथॉरिटी बनाने की है। इस अथॉरिटी के जरिए तय समय के भीतर तय नियमों के मुताबिक सुरक्षा जांच की जाएगी। इस अथॉरिटी में जॉइंट सिक्यॉरिटी रैंक का भारत सरकार का अधिकारी होगा। इसके अलावा दो सदस्य होंगे जिनमें एक टेक्निकल एक्सपर्ट और दूसरा राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ होगा।
सुरक्षा परीक्षण प्राधिकरण क्या करता है?
यह उन संगठनों / व्यक्तियों को लाइसेंस प्रदान करता है जो भौगोलिक डेटा का उपयोग करना चाहते हैं। यह प्राधिकरण, सामग्री और डेटा प्रदान करेगा, उसकी जाँच करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि राष्ट्रीय नीतियों का ठीक से पालन हो. इस प्राधिकरण का उद्येश्य राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता की रक्षा करना है".
(गूगल द्वारा दिखाया गया भारत का गलत नक्शा (बाएं) लेकिन सरकार के विरोध के बाद ठीक किया गया)
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यह कानून किसे प्रभावित करेगा?
प्रत्येक व्यक्ति, हर व्यवसाय जो कार्य करने के लिए GPS आधारित तकनीकी का प्रयोग करता है, प्रभावित होगा. इसमें मुख्य रूप से गूगल के अलावा ओला, ऊबर, जोमातो, एयरबीएनबी (AirBnB) और ओयो (Oyo) जैसे अन्य ऐप्स आधारित बिज़नेस शामिल हैं. इसमें फेसबुक और ट्विटर को भी शामिल किया गया है क्योंकि ये भी लोगों का लोकेशन ट्रेस करते हैं.
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यदि कोई इस कानून का उल्लंघन करता है तो क्या सजा होगी ?
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1. भारत की भू-स्थानिक सूचना को अवैध तरीके से रखने पर 1 करोड़ रुपये से 100 करोड़ जुर्माना या 7 साल तक की अवधि के लिए कारावास या दोनों हो सकते हैं.
2. जो भी व्यक्ति/संस्था/संगठन भारत की भू-स्थानिक सूचनाओं को गलत तरीके से फैलाने, प्रकाशित या वितरित करता है, उसे दण्ड के तौर पर 10 लाख से रुपये 100 करोड़ रुपये जुर्माना या 7 साल की सजा या दोनों दिया जा सकता है.
3. भारत के बाहर भारत की भू-स्थानिक सूचना का प्रयोग करने पर 1 करोड़ रुपये से लेकर 100 करोड़ तक का आर्थिक दण्ड या 7 वर्ष की सजा या दोनों का प्रावधान है.
इस प्रकार हमने पढ़ा कि सरकार इस बिल के माध्यम से यह सन्देश देना चाहती है कि देश की सीमा सुरक्षा और संप्रभुत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नही किया जा सकता है. यदि कोई व्यक्ति/संस्था/संगठन जानबूझकर या अनजाने में भारत के नक़्शे के साथ छेड़छाड़ करता है तो वह दण्ड का भागी होगा.
भारतीय कश्मीर और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में कौन बेहतर स्थिति में है?
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