किसी भी कंपनी को कैसे मिलता है महारत्न और नवरत्न का दर्जा, यहां जानें

भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। अहम बात यह है कि यह दायरा लगातार बढ़ रहा है। इसमें प्रमुख रूप से भारत की स्थापित कंपनियां भी हैं, जिनमें निजी और सार्वजनिक उपक्रम की कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों को भारत सरकार की ओर से वर्गीकरण किया गया है, जिसमें महारत्न और नवरत्न जैसे दर्जे दिए जाते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर किस प्रकार किस कंपनी को महारात्न और नवरत्न का दर्जा मिलता है। 

Oct 14, 2024, 18:15 IST
किसी भी कंपनी को कैसे मिलता है महारत्न और नवरत्न का दर्जा
किसी भी कंपनी को कैसे मिलता है महारत्न और नवरत्न का दर्जा

भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। अहम बात यह है कि यह दायरा लगातार बढ़ रहा है। इसमें प्रमुख रूप से भारत की स्थापित कंपनियां भी हैं, जिनमें निजी और सार्वजनिक उपक्रम की कंपनियां शामिल हैं।

ये कंपनियों ने सिर्फ वैश्विक बाजार की जरूरतों को पूर कर रही हैं, बल्कि भारत के वैश्विक स्तर पर भारत के आर्थिक विकास के पहिये को रफ्तार देने का काम कर रही है। इन कंपनियों का भारत सरकार की ओर से वर्गीकरण किया गया है, जिसमें महारत्न और नवरत्न जैसे विशेष दर्जे दिए जाते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर किस प्रकार किस कंपनी को महारात्न और नवरत्न का दर्जा मिलता है। 

कब से शुरू किया गया था विशेष दर्जा देना

आपको बता दें कि भारत सरकार की ओर से नेट वर्थ और लाभ देखते हुए अक्टूबर, 1997 से कंपनियों को विशेष दर्जा देना शुरू किया था। इसका प्रमुख उद्देश्य कंपनियों को वैश्विक बाजार में स्वायत्तता देना और प्रतिस्पर्धा करन के लिए अधिक शक्ति प्रदान करना था।

कैसे मिलता है महारत्न कंपनी का दर्जा 

भारत सरकार की ओर से चुनिंदा केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम की कंपनियों को ही महारत्न का दर्जा मिलता है। महारत्न कंपनी के दर्जे के लिए नेट वर्थ, लाभ और वित्तीय लेखा-जोखा देखा जाता है। इन कंपनियों को स्वायत्तता प्रदान की जाती है और एक निश्चित अवधि तक सरकार की मंजूरी की बिना निवेश निर्णय लेने का अधिकार प्रदान होता है। आपको बता दें कि इसमें निजी सेक्ट की कंपनियां शामिल नहीं होती हैं।

महारत्न कंपनी का दर्जा नवरत्न कंपनियों को अपडेट कर दिया जाता है। इसके लिए पिछले तीन साल का टर्नओवर 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक होना चाहिए और औसत लाभ 2500 करोड़ रुपये होना चाहिए। साथ ही, इन कंपनियों की वैश्विक स्तर पर भी पहचान होनी चाहिए।

भारत में नवरत्न कंपनियों की बात करें, तो यह इंडियन ऑयल, भेल, बीपीसीएल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, ओएनजीसी, सेल और पावरग्रिड जैसी कंपनियों को महारत्न का दर्जा प्राप्त है।

कैसे मिलता है नवरत्न का दर्जा 

नवरत्न कंपनी बनने के लिए एक सार्वजनिक उपक्रम कंपनी को डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज की ओर से जरूरी मानदंडों को पूरा करना जरूरी है। इसमें कंपनी का लाभ और वित्तीय प्रदर्शन देखा जाता है। इसके तहत कंपनी को निवेश, विलय और अधिग्रहण करने का अधिकार होता है।

नवरत्न कंपनियों को सरकारी मंजूरी के बिना एक हजार करोड़ रुपये तक का निवेश करने का अधिकार होता है। भारत में 14 कंपनियों को नवरत्न कंपनी का दर्जा प्राप्त है। इन कंपनियों में ऑयल इंडिया कंपनी लिमिटेड, महानगर टेलीफोन नगर लिमिटेड, राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड और नेशनल एल्युमिनियम कंपनी आदि शामिल है। 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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