इन दिनों लोगों के फोन पर अंजान नंबर से कॉल और वीडियो कॉल आ रहा है। फोन करने वाला खुद को किसी जांच एजेंसी या पुलिस अधिकारी बताकर पीड़ित को अपने झांसे में लेकर उनसे पैसो की ठगी कर रहा है। ये साइबर ठग इस तरह से पीड़ित को डरा देते हैं कि पीड़ित किसी व्यक्ति से मदद भी नहीं मांग सकता है।
जागरूकता की कमी की वजह से लोग साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में आपको बहुत ही सावधानी से रहने की जरूरत है। इस लेख हमें हम डिजिटल अरेस्ट व इससे बचने के तरीकों के बारे में 5 बातें जानेंगे।
कैसे होता है डिजिटल अरेस्ट
साइबर ठग किसी भी व्यक्ति के पास कॉल कर उन्हें खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताते हैं। वह पीड़ित को मनी लांड्रिंग या अन्य केस में शामिल होने की शिकायत के बारे में कहते हैं। कुछ मामलों में इंटरनेट पर अश्लील वीडियो देखने का भी आरोप लगाया जाता है।
साथ ही, इस दौरान वे पीड़ित से किसी शांत स्थान पर जाने की बात कहते हैं, जिससे परिवार या फिर किसी जानकार से संपर्क नहीं हो सके। साइबर ठग पीड़ित पर मानसिक रूप से दबाव बनाकर पीड़ित को अपनी बातों में ले लेते हैं और मामला सेटल करने के लिए पैसे देने की बात कहते हैं। कुछ मामलों में ठगों को वीडियो कॉल में पुलिस की वर्दी पहने भी देखा गया है।
इस प्रकार का लिंक इस्तेमाल करते हैं ठग
डिजिटल अरेस्ट के लिए अपराधी पीड़ितों के पास कुछ इस प्रकार का लिंक PLATFORM' target='_blank' title='digital-Latest Updates, Photos, Videos are a click away, CLICK NOW'> भेजते हैं, जिससे पीड़ित डरकर इस लिंक पर वॉलेट पेमेंट कर सके।
कैसे करें बचाव
-डिजिटल अरेस्ट के लिए अपराधी आपके पास कॉल कर कानूनी टर्म का इस्तेमाल करेगा। साथ ही आपके किसी अपराध में शामिल होने की बात कहेगा। बाद में एक लिंक भेजेगा। याद रखें कोई भी सरकारी अधिकारी फोन पर कानूनी कार्रवाई नहीं करता है।
-आपसे फोन पर अपराधी द्वारा खुद को किसी एकांत स्थान पर जाने के लिए कहा जाएगा। साथ ही, राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए सारी जानकारी अपने परिवार व दोस्तों से छिपाने के लिए भी दबाव बनाया जाएगा। यदि ऐसा कुछ हो, तुरंत शक करें।
-ठग द्वारा आपके तुरंत ही निर्णय लेने के लिए कहा जाएगा, जिससे आप दबाव में आकर उन्हें पैसे भेज दें। आपको इस तरह की स्थिति को समझना है।
-याद रखें कोई भी सरकारी अधिकारी आपको न कभी कॉल करेगा और न पैसे मांगेगा।
-यदि आपके साथ किसी प्रकार की साइबर ठगी हो गई है, तो घबराना नहीं है। आपको पुलिस की साइबर सेल में रिपोर्ट करना है या फिर 1930 पर कॉल करना है।
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