Indian Railways: भारतीय रेलवे देश में यातायात का प्रमुख साधन है। रोड के मुकाबले ट्रेन के जनरल कोच या स्लीपर कोच का भी किराया कम होता है। हालांकि, यह दूरी पर भी निर्भर करता है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग ट्रेन के माध्यम से अपनी मंजिलों तक के सफर को पूरा करते हैं। लोगों की अलग-अलग सुविधा व मांग के हिसाब से रेलवे अलग-अलग ट्रेनों का संचालन कर रहा है। इसी में शामिल है, इसकी प्रीमियम ट्रेनों में शुमार गरीब रथ एक्सप्रेस। इस ट्रेन को आम आदमी की ट्रेन कहा जाता है, जो कि कम रुपये में प्रीमियम ट्रेन की सुविधा उपलब्ध कराती है। हालांकि, प्रीमियम ट्रेनों में रेलवे द्वारा LHB कोच का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन गरीब रथ एक्स्प्रेस में ही ICF कोच का इस्तेमाल होता है। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि आखिर क्यों इस कोच का इस्तेमाल किया जाता है।
क्या है गरीब रथ एक्सप्रेस
गरीब रथ एक्सप्रेस भारतीय रेलवे की प्रीमियम ट्रेन है। इस ट्रेन को साल 2005 में गरीब लोगों को कम रुपये में अधिक सेवाएं देने के लिए लांच किया गया था। यह ट्रेन तेज रफ्तार में चलने के साथ पूरी तरह से थर्ड एसी ट्रेन है।
क्यों किया जाता है ICF कोच का इस्तेमाल
रेलवे द्वारा सभी प्रीमियम ट्रेनों में LHB कोच का इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि, यह कोच पुराने कोच के मुकाबले अधिक अपडेटेड होते हैं। वहीं, इनमें सस्पेंशन से लेकर ब्रेकिंग सिस्टम भी बेहतर होता है, जबकि ICF कोच में यह सभी नहीं होता है। आपको बता दें कि कि अपडेटेड होने के कारण LHB के एक कोच को बनाने में एक करोड़ से अधिक खर्च आता है, जबकि ICF कोच कम लागत में तैयार हो जाते हैं। रेलवे द्वारा इस ट्रेन को कम रुपये में लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में इसके निर्माण में नए एलएचबी कोच बनाने में रेलवे की अधिक लागत लगती, जिसकी भरपाई मुश्किल थी।
साइड बर्थ में दी गई है मिडिल बर्थ
आपको बता दें कि गरीब रथ एक्सप्रेस भारतीय रेलवे की ऐसी ट्रेन है, जिसमें साइड बर्थ में भी तीन सीटें दी गई हैं, जिससे साइड बर्थ में भी अधिक यात्री सफर कर सके।
बाकी कोच से अधिक यात्री कर सकते हैं सफर
गरीब रथ एक्स्प्रेस ऐसी ट्रेन है, जिसमें अन्य प्रीमियम ट्रेनों की तुलना में अधिक यात्री सफर करते हैं। इस ट्रेन में यात्रियों के लिए 80 से अधिक सीटें दी गई हैं, जबकि सामान्य ट्रेनों में अधिकतम 72 सीटें होती हैं। ऐसा करने से रेलवे को एक कोच से अधिक आमदनी होती है, जिससे इस ट्रेन का खर्चा निकालने में आसानी होती है।
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