भारत में कब और किस वस्तु को मिला था पहला GI Tag, जानें

हाल ही में ओडिसा की लाल चीटियां वाली चटनी को विशेष रूप से भौगोलिक संकेत(GI Tag) मिल गया है। इसके बाद से यह चटनी चर्चा में आ गई है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत में सबसे पहले GI Tag पाने वाली वस्तु कौन-सी थी और यह कब दिया गया था। यदि आपका जवाब न है, तो कोई बात नहीं, क्योंकि इस लेख के माध्यम से भविष्य के लिए आपका जवाब हां हो जाएगा। जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें।   

Jan 13, 2024, 12:29 IST
पहला जीआई टैग
पहला जीआई टैग

भारत में हाल ही में ओडिसा की लाल चीटियों वाली चटनी को GI Tag मिला है। इसके बाद से यह चर्चा में आ गई है। हालांकि, इससे पहले भी भारत में अलग-अलग जिलों में कई वस्तुओं को GI Tag मिल चुका है, जिसमें अयोध्या के लड्डू से लेकर लखनऊ का आम और प्रयागराज का अमरूद तक शामिल है।

हालांकि, यहां सवाल यह है कि क्या आप जानते हैं कि भारत में सबसे पहले GI Tag पाने वाली वस्तु कौन-सी थी और कब यह टैग मिला था। यदि आपका जवाब न है, तो कोई बात नहीं, क्योंकि इस लेख के माध्यम से भविष्य के लिए आपका जवाब हां हो जाएगा। जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें।   

 

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क्या होता है GI Tag

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर GI Tag क्या होता है, तो आपको बता दें कि यह भौगोलिक संकेत है, जिसका प्रयोग उन उत्पादों के लिए किया जाता है, जिनकी एक विशेष भौगोलिक उत्पत्ति होती है। साथ ही उनके गुणों की प्रतिष्ठा भी होती है, जो कि उसके मूल कारण की वजह से है। वर्तमान में भारत में 400 से अधिक GI Tag वाली वस्तुएं मौजूद हैं।


किस वस्तु को मिला था पहला GI Tag

भारत में वर्तमान में 400 से अधिक वस्तुओं को जीआई टैग मिल चुका है। हालांकि, यहां सवाल यह है कि भारत में सबसे पहले जीआई टैग पाने वाली वस्तु कौन-सी थी, तो आपको बता दें कि दार्जिलिंग की चाय अपने खुशबूदार पत्तियां और स्वाद के लिए जान जाती हैं। दार्जिलिंग की चाय ही पहली वस्तु थी, जिसे भारत में सबसे पहले GI Tag मिला था। 

 

कब मिला था GI Tag 

भारत में दार्जिलिंग की चाय को साल 2004 में GI Tag मिला था। इसके बाद से महाबलेश्वर की स्ट्रॉबेरी, जयपुर की ब्लू पॉटरी, बनारस की साड़ी, लखनऊ का आम और प्रयागराज का अमरूद जीआई टैग की सूची में शामिल हो गए थे। 

 

कौन देता है GI Tag

भारत में साल 1999 में जीआई टैग को लेकर कानून बनाया गया था, जिसके बाद साल 2003 में इसे लेकर प्रक्रिया शुरू हुई और साल 2004 में पहला जीआई टैग दिया गया। भारत में यह टैग चेन्नई स्थित इंडियन ज्योग्राफिकल रजिस्ट्री द्वार दिया जाता है। जिस वस्तु को जीआई टैग मिलता है, उसे प्रत्येक 10 वर्ष में इसका नवीनीकरण कराना होता है। 

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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