भारत में हाल ही में ओडिसा की लाल चीटियों वाली चटनी को GI Tag मिला है। इसके बाद से यह चर्चा में आ गई है। हालांकि, इससे पहले भी भारत में अलग-अलग जिलों में कई वस्तुओं को GI Tag मिल चुका है, जिसमें अयोध्या के लड्डू से लेकर लखनऊ का आम और प्रयागराज का अमरूद तक शामिल है।
हालांकि, यहां सवाल यह है कि क्या आप जानते हैं कि भारत में सबसे पहले GI Tag पाने वाली वस्तु कौन-सी थी और कब यह टैग मिला था। यदि आपका जवाब न है, तो कोई बात नहीं, क्योंकि इस लेख के माध्यम से भविष्य के लिए आपका जवाब हां हो जाएगा। जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें।
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क्या होता है GI Tag
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर GI Tag क्या होता है, तो आपको बता दें कि यह भौगोलिक संकेत है, जिसका प्रयोग उन उत्पादों के लिए किया जाता है, जिनकी एक विशेष भौगोलिक उत्पत्ति होती है। साथ ही उनके गुणों की प्रतिष्ठा भी होती है, जो कि उसके मूल कारण की वजह से है। वर्तमान में भारत में 400 से अधिक GI Tag वाली वस्तुएं मौजूद हैं।
किस वस्तु को मिला था पहला GI Tag
भारत में वर्तमान में 400 से अधिक वस्तुओं को जीआई टैग मिल चुका है। हालांकि, यहां सवाल यह है कि भारत में सबसे पहले जीआई टैग पाने वाली वस्तु कौन-सी थी, तो आपको बता दें कि दार्जिलिंग की चाय अपने खुशबूदार पत्तियां और स्वाद के लिए जान जाती हैं। दार्जिलिंग की चाय ही पहली वस्तु थी, जिसे भारत में सबसे पहले GI Tag मिला था।
कब मिला था GI Tag
भारत में दार्जिलिंग की चाय को साल 2004 में GI Tag मिला था। इसके बाद से महाबलेश्वर की स्ट्रॉबेरी, जयपुर की ब्लू पॉटरी, बनारस की साड़ी, लखनऊ का आम और प्रयागराज का अमरूद जीआई टैग की सूची में शामिल हो गए थे।
कौन देता है GI Tag
भारत में साल 1999 में जीआई टैग को लेकर कानून बनाया गया था, जिसके बाद साल 2003 में इसे लेकर प्रक्रिया शुरू हुई और साल 2004 में पहला जीआई टैग दिया गया। भारत में यह टैग चेन्नई स्थित इंडियन ज्योग्राफिकल रजिस्ट्री द्वार दिया जाता है। जिस वस्तु को जीआई टैग मिलता है, उसे प्रत्येक 10 वर्ष में इसका नवीनीकरण कराना होता है।
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