भारतीय रेलवे दुनिया की सबसे बड़ी रेल नेटवर्क में से एक है, जो देश की अर्थव्यवस्था और परिवहन प्रणाली की रीढ़ मानी जाती है। इसकी स्थापना की बात करें, तो यह 16 अप्रैल 1853 को हुई थी, जब पहली यात्री ट्रेन मुंबई से ठाणे के बीच चली थी। वर्तमान में, भारतीय रेलवे प्रतिदिन लाखों यात्रियों और हजारों टन माल की ढुलाई करता है। भारतीय रेलवे भारतीय रेल मंत्रालय द्वारा संचालित एक सार्वजनिक उपक्रम है। यह 18 जोन और 70 से अधिक डिवीजनों में विभाजित है। रेलवे के माध्यम से देश के कोने-कोने तक यात्री और माल परिवहन की सुविधा उपलब्ध है। इसमें सुपरफास्ट ट्रेनों से लेकर स्थानीय ट्रेनों तक, विभिन्न श्रेणियों की रेलगाड़ियां शामिल हैं। आपने भारतीय रेलवे के अलग-अलग स्टेशनों के बारे में सुना और पढ़ा होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत का पहला निजी रेलवे स्टेशन कौन-सा है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
रेलवे में कितनी ट्रेनों का संचालन होता है
भारतीय रेलवे प्रतिदिन लगभग 13,000 से अधिक यात्री ट्रेनों और 8,000 से अधिक मालगाड़ियों का संचालन करता है। यानी कुल मिलाकर 21,000 से अधिक ट्रेनें रोज़ाना चलती हैं।
-कुल यात्री ट्रेनें: 13,000+ (लोकल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट, शताब्दी, वंदे भारत आदि)
-कुल मालगाड़ियां: 8,000+ (कोयला, अनाज, सीमेंट, स्टील, कंटेनर ट्रांसपोर्ट आदि)
-रोजाना सफर करने वाले यात्री: 2.3 करोड़ से अधिक
-रेलवे स्टेशनों की संख्या: 7,300 से अधिक
कहां है पहला निजी रेलवे स्टेशन
भारत का पहला निजी रेलवे स्टेशन मध्य प्रदेश के भोपाल में स्थित है।
भारत का पहला निजी रेलवे स्टेशन
भारत के पहले निजी रेलवे स्टेशन के बात करें, तो यह रानी कमलापति रेलवे स्टेशन है। पहले इस स्टेशन को हबीबगंज रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता था।
रेलवे स्टेशन से जुड़ी प्रमुख बातें
-रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को भारतीय रेलवे की पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत बीओटी (Build-Operate-Transfer) आधार पर विकसित किया गया था।
-निजी तौर पर पुनर्विकसित पहला स्टेशन: हबीबगंज रेलवे स्टेशन को भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम लिमिटेड (IRSDC) और बंसल ग्रुप के सहयोग से विकसित किया गया।
-संचालन और रखरखाव: यह स्टेशन बंसल ग्रुप द्वारा 8 साल तक संचालित और प्रबंधित किया जाएगा।
-आधुनिक सुविधाएं: यहां वर्ल्ड-क्लास सुविधाएं जैसे एयरपोर्ट जैसी टर्मिनल बिल्डिंग, एस्केलेटर, फूड कोर्ट, लगेज स्कैनर, और हाई-सिक्योरिटी सिस्टम है।
-नया नाम: 2021 में इसका नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया था।
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