उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जिसकी राजधानी लखनऊ है। यह 24 जनवरी 1950 को अस्तित्व में आया और 75 जिलों में विभाजित है। राज्य का क्षेत्रफल 2,40,928 वर्ग किमी है। यह सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से समृद्ध है, जिसमें वाराणसी, अयोध्या, मथुरा और प्रयागराज जैसे प्रमुख स्थल हैं।
राज्य में ताजमहल, कुंभ मेला, काशी विश्वनाथ मंदिर और राम मंदिर विशेष आकर्षण हैं। गंगा और यमुना प्रमुख नदियां हैं। कृषि, उद्योग और आईटी क्षेत्र इसकी अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं। यह भारतीय राजनीति में भी प्रभावशाली भूमिका निभाता है।
आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। इस कड़ी में प्रदेश का एक जिला ऐसा भी है, जिसे सोनांचल के नाम से जाना जाता है।
कब बना उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश आज जिस जगह पर है, वहां कभी कोसल और पांचाल साम्राज्य हुआ करता था। बाद में यहां शर्की पहुंचे और उन्होंने यहां जौनपुर बसाया। कुछ समय बाद यहां मुगलों का शासन हुआ, तो उन्होंने यहां अवध सूबा बसाया और इसकी कमान नवाबों के हाथ में दे दी। देश की कमान ब्रिटिश के हाथों में आई और उन्होंने यहां उत्तर-पश्चिम प्रांत का गठन किया।
वहीं, कुछ समय बाद इसे अवध सूबे में मिला दिया गया, जिसे संयुक्त प्रांत नाम दिया गया। देश आजाद हुआ और 1950 में इसे उत्तर प्रदेश नाम दिया गया।
उत्तर प्रदेश में कुल जिले और मंडल
उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। इन मंडलों के अतिरिक्त यहां 351 तहसील मौजूद हैं। साथ ही, प्रदेश में कुल 17 नगर निगम, 75 नगर पंचायत, 826 सामुदायिक विकास खंड और 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायत हैं।
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा और सबसे छोटा जिला
उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जिले की बात करें, तो यह लखीमपुर खीरी जिला है। यह जिला कुल 7680 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। वहीं, सबसे छोटे जिले की बात करें, तो यह हापुड़ है। यह जिला कुल 660 वर्ग किलोमीटर में है। इस जिले को स्टील सिटी के रूप में भी जाना जाता है।
यूपी में कौन-सा जिला है सोनांचल
उत्तर प्रदेश में मौजूद सबसे दक्षिणी जिला यानि कि सोनभद्र को हम सोनांचल के रूप में भी जानते हैं।
क्यों कहा जाता है सोनांचल
उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला खनिज संपदा और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। इसे "सोनांचल" इसलिए कहा जाता है क्योंकि:
-सोन नदी का प्रवाह – सोनभद्र जिले से होकर सोन नदी बहती है, जिससे इस क्षेत्र का नाम "सोनांचल" पड़ा।
-खनिज संपदा – यह जिला खनिजों से समृद्ध है, जहां कोयला, सोना, बॉक्साइट, चूना पत्थर, ग्रेनाइट जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
-ऊर्जा उत्पादन का केंद्र – सोनभद्र को "ऊर्जा राजधानी" भी कहा जाता है, क्योंकि यहां कई थर्मल पावर प्लांट, हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट और सौर ऊर्जा संयंत्र स्थित हैं।
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